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शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में सायम मेहंदी को दूसरी बार चुना गया अध्यक्ष, लिए गए कई बड़े फैसले - मौलाना सायम मेहंदी

लखनऊ में ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की अहम बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. इस बैठक में मौलाना सायम मेहंदी को अध्यक्ष चुना है. वहीं, बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास ने कॉमन सिविल कोड सहित कई मुद्दों पर बातचीत की है.

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शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक
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Published : Oct 29, 2022, 5:52 PM IST

लखनऊः लखनऊ में शनिवार को हुई ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की अहम बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. इस बैठक में शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष का भी चुनाव कर लिया गया है. इसके अलावा जनसंख्या नियंत्रण बिल, कॉमन सिविल कोड और शाह सलमान के हिंदुस्तान दौरे पर भी बोर्ड ने अपना रुख साफ कर दिया है. बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि सऊदी अरब के शाह सलमान 14 नवंबर को हिंदुस्तान आ रहे हैं, जिसके चलते शिया पर्सनल लॉ बोर्ड जन्नतुल बकी की मांग को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन करेगा.

जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास

सायम मेहंदी बने बोर्ड के दुबारा अध्यक्ष
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपनी अहम बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष का भी चुनाव कर लिया है. मौलाना सायम मेहंदी को बोर्ड की बैठक में तमाम सदस्यों की मौजूदगी और उनकी सर्वसम्मति से शिया पर्सनल लॉ बोर्ड का दोबारा अध्यक्ष चुन लिया गया है. गौरतलब है कि बोर्ड के अध्यक्ष का चुनाव हर तीसरे वर्ष होता है.

यूनिफॉर्म सिविल कोड का हुआ विरोध
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड का भी जमकर विरोध देखने को मिला. शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सदस्यों की असहमति जताते हुए कहा कि कॉमन सिविल कोड हमारे पर्सनल में हस्तक्षेप है. लिहाजा शिया पर्सनल लॉ बोर्ड कॉमन सिविल कोड को हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगा.

इसके अलावा मौलाना यासूब अब्बास ने मदरसों के सर्वे पर भी बयान देते हुए कहा कि सरकार मदरसों का सर्वे कराए, इसमें कोई हर्ज नहीं है, लेकिन इस बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि मदरसों का देश की आजादी में अहम योगदान रहा है. लिहाजा मदरसों पर सियासत नहीं होना चाहिए.

जनसंख्या नियंत्रण कानून पर बोर्ड ने किया अपना रुख साफ
इन दिनों जनसंख्या नियंत्रण बिल की मांग भी देश में लगातार हो रही है और इसको लेकर सियासत भी हो रही है. इसे लेकर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी अपना रुख साफ कर दिया है. बोर्ड ने बैठक के बाद अपना बयान जारी करते हुए कहा कि बढ़ती हुई जनसंख्या के मामले को दो नजरों से नहीं देखना चाहिए.

बोर्ड ने कहा कि हिंदू और मुसलमान इस मुल्क की दो आंखें हैं. इसलिए जनसंख्या के मामले में किसी भी तरीके का भेदभाव सही नहीं है. बोर्ड ने कहा कि लोगों में शिक्षा का प्रचार प्रसार होना चाहिए और देश के सभी लोग शिक्षित होना चाहिए, जिससे लोग जागरूक होंगे और जनसंख्या कंट्रोल में आएगी.

मुंबई में होगा राष्ट्रीय शिया अधिवेशन
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मुसलमानों के तमाम मसलों को लेकर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से मुंबई में 18 दिसंबर को अधिवेशन होगा, जिसमें देश और विदेश के कई मुस्लिम धर्मगुरु शामिल होंगे.

पढ़ेंः Uniform Civil Code: शिया पर्सनल लॉ बोर्ड का प्रतिनिधिमंडल करेगा पीएम से मुलाकात

लखनऊः लखनऊ में शनिवार को हुई ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की अहम बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. इस बैठक में शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष का भी चुनाव कर लिया गया है. इसके अलावा जनसंख्या नियंत्रण बिल, कॉमन सिविल कोड और शाह सलमान के हिंदुस्तान दौरे पर भी बोर्ड ने अपना रुख साफ कर दिया है. बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास ने बताया कि सऊदी अरब के शाह सलमान 14 नवंबर को हिंदुस्तान आ रहे हैं, जिसके चलते शिया पर्सनल लॉ बोर्ड जन्नतुल बकी की मांग को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन करेगा.

जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास

सायम मेहंदी बने बोर्ड के दुबारा अध्यक्ष
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपनी अहम बैठक में बोर्ड के अध्यक्ष का भी चुनाव कर लिया है. मौलाना सायम मेहंदी को बोर्ड की बैठक में तमाम सदस्यों की मौजूदगी और उनकी सर्वसम्मति से शिया पर्सनल लॉ बोर्ड का दोबारा अध्यक्ष चुन लिया गया है. गौरतलब है कि बोर्ड के अध्यक्ष का चुनाव हर तीसरे वर्ष होता है.

यूनिफॉर्म सिविल कोड का हुआ विरोध
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड का भी जमकर विरोध देखने को मिला. शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारिणी सदस्यों की बैठक में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर सदस्यों की असहमति जताते हुए कहा कि कॉमन सिविल कोड हमारे पर्सनल में हस्तक्षेप है. लिहाजा शिया पर्सनल लॉ बोर्ड कॉमन सिविल कोड को हरगिज बर्दाश्त नहीं करेगा.

इसके अलावा मौलाना यासूब अब्बास ने मदरसों के सर्वे पर भी बयान देते हुए कहा कि सरकार मदरसों का सर्वे कराए, इसमें कोई हर्ज नहीं है, लेकिन इस बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है कि मदरसों का देश की आजादी में अहम योगदान रहा है. लिहाजा मदरसों पर सियासत नहीं होना चाहिए.

जनसंख्या नियंत्रण कानून पर बोर्ड ने किया अपना रुख साफ
इन दिनों जनसंख्या नियंत्रण बिल की मांग भी देश में लगातार हो रही है और इसको लेकर सियासत भी हो रही है. इसे लेकर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी अपना रुख साफ कर दिया है. बोर्ड ने बैठक के बाद अपना बयान जारी करते हुए कहा कि बढ़ती हुई जनसंख्या के मामले को दो नजरों से नहीं देखना चाहिए.

बोर्ड ने कहा कि हिंदू और मुसलमान इस मुल्क की दो आंखें हैं. इसलिए जनसंख्या के मामले में किसी भी तरीके का भेदभाव सही नहीं है. बोर्ड ने कहा कि लोगों में शिक्षा का प्रचार प्रसार होना चाहिए और देश के सभी लोग शिक्षित होना चाहिए, जिससे लोग जागरूक होंगे और जनसंख्या कंट्रोल में आएगी.

मुंबई में होगा राष्ट्रीय शिया अधिवेशन
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी और मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि मुसलमानों के तमाम मसलों को लेकर ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से मुंबई में 18 दिसंबर को अधिवेशन होगा, जिसमें देश और विदेश के कई मुस्लिम धर्मगुरु शामिल होंगे.

पढ़ेंः Uniform Civil Code: शिया पर्सनल लॉ बोर्ड का प्रतिनिधिमंडल करेगा पीएम से मुलाकात

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