ETV Bharat / state

लखनऊ में शिया समुदाय ने मनाया ईद-ए-जहरा का जश्न

author img

By

Published : Oct 27, 2020, 10:13 PM IST

लखनऊ में शिया समुदाय ने 9 रबी-उल-अव्वल को लोगों ने ईद-ए-जहरा की खुशियां मनाई. इस मौके पर लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से ईद-ए-ज़हरा की मुबारकबाद दी.

ईद ए ज़हरा
ईद ए ज़हरा

लखनऊ: जिले में शिया समुदाय ने दो महीने और आठ दिन तक चले मोहर्रम के बाद 9 रबी-उल-अव्वल को लोगों ने ईद-ए-जहरा की खुशियां मनाई. इस मौके पर लोगों ने नए कपड़े और एक दूसरे को सोशल मीडिया के माध्यम से ईद-ए-ज़हरा की मुबारकबाद दी. शिया समुदाय के धार्मिक स्थलों पर लाल परचम लगाकर जश्न-ए-ईद-ए-ज़हरा का इज़हार किया गया.

पैगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की शहादत के गम में दो महीने आठ दिन तक चले मोहर्रम के बाद शिया समुदाय ने मंगलवार को 9 रबी-उल-अव्वल को ईद-ए-ज़हरा की खुशियां मनाई. इस मौके पर कई धार्मिक स्थलों पर सजावट की गई और लाल झंडे लगाकर खुशी का इजहार किया गया. इन खास मौके पर घरों में भी लोगों ने नए कपड़े पहनकर एक दूसरे को मिठाईयां बांटकर ईद-ए-ज़हरा की मुबारकबाद पेश की. हालांकि कोविड-19 की महामारी के चलते धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध है. इसी के चलते शिया समुदाय ने ईद-ए-ज़हरा सादगी के साथ मनाया. इस दौरान जिला प्रशासन की ओर से लोगों की सुरक्षा व्यवस्था और एक स्थान पर भीड़ एकत्रित न होने पाए इसके लिए धार्मिक स्थलों के बाहर पुलिस बल तैनात रही.

क्यों मनाता है शिया समुदाय ईद-ए-जहरा का पर्व

कर्बला में मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और उनके परिवार और साथियों को बेहरमी के साथ तीन दिन तक भूखा प्यास रखकर शहीद कर दिया गया था, जिसकी याद में शिया समुदाय और मुसलमानों के कई फिर्के मोहर्रम मनाते हैं. शिया समुदाय का मानना है कि इमाम हुसैन को कर्बला में शहीद करने वाले का इस दिन अंत हुआ था, जिसको लेकर हर साल 9 रबी-उल-अव्वल को शिया समुदाय ईद-ए-जहरा की खुशियां मनाता है.

लखनऊ: जिले में शिया समुदाय ने दो महीने और आठ दिन तक चले मोहर्रम के बाद 9 रबी-उल-अव्वल को लोगों ने ईद-ए-जहरा की खुशियां मनाई. इस मौके पर लोगों ने नए कपड़े और एक दूसरे को सोशल मीडिया के माध्यम से ईद-ए-ज़हरा की मुबारकबाद दी. शिया समुदाय के धार्मिक स्थलों पर लाल परचम लगाकर जश्न-ए-ईद-ए-ज़हरा का इज़हार किया गया.

पैगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन की शहादत के गम में दो महीने आठ दिन तक चले मोहर्रम के बाद शिया समुदाय ने मंगलवार को 9 रबी-उल-अव्वल को ईद-ए-ज़हरा की खुशियां मनाई. इस मौके पर कई धार्मिक स्थलों पर सजावट की गई और लाल झंडे लगाकर खुशी का इजहार किया गया. इन खास मौके पर घरों में भी लोगों ने नए कपड़े पहनकर एक दूसरे को मिठाईयां बांटकर ईद-ए-ज़हरा की मुबारकबाद पेश की. हालांकि कोविड-19 की महामारी के चलते धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध है. इसी के चलते शिया समुदाय ने ईद-ए-ज़हरा सादगी के साथ मनाया. इस दौरान जिला प्रशासन की ओर से लोगों की सुरक्षा व्यवस्था और एक स्थान पर भीड़ एकत्रित न होने पाए इसके लिए धार्मिक स्थलों के बाहर पुलिस बल तैनात रही.

क्यों मनाता है शिया समुदाय ईद-ए-जहरा का पर्व

कर्बला में मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन और उनके परिवार और साथियों को बेहरमी के साथ तीन दिन तक भूखा प्यास रखकर शहीद कर दिया गया था, जिसकी याद में शिया समुदाय और मुसलमानों के कई फिर्के मोहर्रम मनाते हैं. शिया समुदाय का मानना है कि इमाम हुसैन को कर्बला में शहीद करने वाले का इस दिन अंत हुआ था, जिसको लेकर हर साल 9 रबी-उल-अव्वल को शिया समुदाय ईद-ए-जहरा की खुशियां मनाता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.