लखनऊ: देश में इन दिनों लव जिहाद का मुद्दा सुर्खियों का सबब बना हुआ है. इसे लेकर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ भी कड़ा कानून बनाने की बात कह चुके हैं. इसके साथ ही मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार भी लव जिहाद पर कड़ा कानून लाने का मन बना रही है. इस मामले को लेकर मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता और आल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर का बयान सामने आया है. शाइस्ता अम्बर ने जिहाद शब्द का अर्थ बताते हुए लव जिहाद कानून को संविधान की मूल आत्मा के खिलाफ बताया है.
लव जिहाद कानून पर जताई आपत्ति
ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अंबर ने अपने जारी किए हुए बयान में लव जिहाद कानून पर आपत्ति जताते हुए कहा कि राजनीति की मर्यादाओं, भारत के संविधान, भारतीय संस्कृति की रक्षा और देश की सुरक्षा करना हम सब नागरिकों और सरकार का कर्तव्य है. उन्होंने कहा कि लव जिहाद कानून बनाकर सरकार क्या साबित करना चाहती है? उन्होंने कहा कि जो हमारे देश में नेता और बाकी लोग दूसरे धर्मों में शादी करते हैं तो क्या वह लव जिहाद माना जाएगा.
जिहाद शब्द का असल मतलब समझना होगा
शाइस्ता अंबर ने जिहाद शब्द का अर्थ बताते हुए कहा कि हम सब को जिहाद का सही अर्थ समझना होगा. उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि एक मां 9 महीने अपने बच्चे को पेट में रखकर जीवनदान देकर दुनिया में लाती है और एक पिता ईमानदारी की रोजी-रोटी कमा कर परिवार को चलाता है. वैसे ही सरकारें अनेक कठिनाइयों को चुनौती देकर विकास, शिक्षा, नागरिकों को रोजगार देकर देश में अमन और शांति बनाती हैं. देश की सरहद की सुरक्षा में तैनात हमारे सैनिक दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देते हैं और हमारे देश के नागरिक आपसी सौहार्द्र, संविधान की सुरक्षा बनाए रखते हैं. यही असल में सही जिहाद है, लेकिन किसी धर्म के नाम पर लव जिहाद कानून लाना संविधान की मूल आत्मा के खिलाफ होने के साथ देश की साझी संस्कृति पर भी एक बड़ा हमला है, जो निंदनीय है.