ETV Bharat / state

कला एवं शिल्प महाविद्यालय की जर्जर पड़ी बिल्डिंग, छात्र-छात्राएं परेशान - लखनऊ ताजा खबर

कला और शिल्प महाविद्यालय के छात्र छात्राएं विद्यालय की जर्जर पड़ी बिल्डिंगों में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. इसके निर्माण कार्य को लेकर तो छात्र छात्राओं का कहना है कि दिन प्रतिदिन इन बिल्डिंगों कि स्थिति नाजुक होती जा रही है. छात्रों ने बताया कि हम लोगों को यहां पर पढ़ाई करने में काफी डर महसूस होता है.

कला एवं शिल्प महाविद्यालय की जर्जर पड़ी बिल्डिंग
कला एवं शिल्प महाविद्यालय की जर्जर पड़ी बिल्डिंग
author img

By

Published : Jan 21, 2021, 7:32 AM IST

लखनऊ: एलयू से संबद्ध कला और शिल्प महाविद्यालय के छात्र छात्राएं विद्यालय की जर्जर पड़ी बिल्डिंगों में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. बात करें इनके निर्माण कार्य को लेकर तो छात्र छात्राओं का कहना है कि दिन प्रतिदिन इन बिल्डिंगों कि स्थिति नाजुक होती जा रही है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है.

कला एवं शिल्प महाविद्यालय की जर्जर पड़ी बिल्डिंग

डर के साये में पढ़ाई कर रहे छात्र
वहीं इस दौरान कला एवं शिल्प महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र दीप कुमार ने बताया कि हम मूर्ति कला डिपार्टमेंट के छात्र है. हम यहां पर सभी छात्र मूर्ति बना कर प्रैक्टिकल के रूप में अपनी पढ़ाई करते हैं. यहां पर काफी डर महसूस रहता है, क्योंकि इस बिल्डिंग की हालत इतनी जर्जर है कि लगता है कभी भी यह गिर सकती है. क्योंकि कई बार ऐसा भी देखने को मिला है कि इस बिल्डिंग का प्लास्टर आए दिन गिरा करता है. छात्र दीप कुमार ने बताया कि बात करें इसके निर्माण को लेकर तो इस पर किसी भी तरह का कोई कार्य नहीं होता है. हमारा मानना है कि सरकार को और विश्वविद्यालय को इस ओर ध्यान देना चाहिए, जिससे छात्र छात्राएं अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सकें.

बारिश के मौसम में लगता है डर
छात्रा पूनम प्रजापति ने बताया कि हम लोगों को यहां पर पढ़ाई करने में काफी डर महसूस होता है. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा डर बारिश के मौसम में लगता है. क्योंकि बारिश के मौसम में बिल्डिंग से काफी पानी टपकता रहता है और डर लगता है कि कोई हादसा न हो जाए. हम लोग भी कई बार कॉलेज प्रशासन से इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई भी अभी तक निर्माण कार्य नहीं हुआ है.

इस कॉलेज का इतिहास रहा है काफी पुराना
वहीं इस मामले पर जानकारी देते हुए मूर्ति कला विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर विभावरी सिंह ने बताया कि इस बिल्डिंग को लेकर ऐसा नहीं है कि प्रयास नहीं किया गया है. कई बार इसके निर्माण को लेकर पत्र विश्वविद्यालय को भेजा जा चुका है. उन्होंने बताया कि हमारे यहां हर 3 साल में कुलपति की नियुक्ति होती है और जब तक नए कुलपति स्थिति को समझते हैं तब तक समय पूरा हो चुका होता है. जो बजट है वह फ्रीज हो चुका है. तो मेंटेनेंस का पैसा कुछ भी नहीं बचता है. विश्वविद्यालय ही हम लोगों को पेमेंट करता है और विश्वविद्यालय के पास भी इतना पैसा नहीं होता है कि मेंटेनेंस का अलग से विश्वविद्यालय पैसा दे सकें. शासन में भी कई बार इसकी शिकायत कीजिए कि जा चुकी है, लेकिन उस पर भी कोई गौर नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि इस कॉलेज का काफी पुराना इतिहास रहा है. हमारे कॉलेज से छह पदम श्री भी रह चुके हैं.

लखनऊ: एलयू से संबद्ध कला और शिल्प महाविद्यालय के छात्र छात्राएं विद्यालय की जर्जर पड़ी बिल्डिंगों में अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. बात करें इनके निर्माण कार्य को लेकर तो छात्र छात्राओं का कहना है कि दिन प्रतिदिन इन बिल्डिंगों कि स्थिति नाजुक होती जा रही है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान देने को तैयार नहीं है.

कला एवं शिल्प महाविद्यालय की जर्जर पड़ी बिल्डिंग

डर के साये में पढ़ाई कर रहे छात्र
वहीं इस दौरान कला एवं शिल्प महाविद्यालय में पढ़ने वाले छात्र दीप कुमार ने बताया कि हम मूर्ति कला डिपार्टमेंट के छात्र है. हम यहां पर सभी छात्र मूर्ति बना कर प्रैक्टिकल के रूप में अपनी पढ़ाई करते हैं. यहां पर काफी डर महसूस रहता है, क्योंकि इस बिल्डिंग की हालत इतनी जर्जर है कि लगता है कभी भी यह गिर सकती है. क्योंकि कई बार ऐसा भी देखने को मिला है कि इस बिल्डिंग का प्लास्टर आए दिन गिरा करता है. छात्र दीप कुमार ने बताया कि बात करें इसके निर्माण को लेकर तो इस पर किसी भी तरह का कोई कार्य नहीं होता है. हमारा मानना है कि सरकार को और विश्वविद्यालय को इस ओर ध्यान देना चाहिए, जिससे छात्र छात्राएं अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सकें.

बारिश के मौसम में लगता है डर
छात्रा पूनम प्रजापति ने बताया कि हम लोगों को यहां पर पढ़ाई करने में काफी डर महसूस होता है. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा डर बारिश के मौसम में लगता है. क्योंकि बारिश के मौसम में बिल्डिंग से काफी पानी टपकता रहता है और डर लगता है कि कोई हादसा न हो जाए. हम लोग भी कई बार कॉलेज प्रशासन से इसकी शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कोई भी अभी तक निर्माण कार्य नहीं हुआ है.

इस कॉलेज का इतिहास रहा है काफी पुराना
वहीं इस मामले पर जानकारी देते हुए मूर्ति कला विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर विभावरी सिंह ने बताया कि इस बिल्डिंग को लेकर ऐसा नहीं है कि प्रयास नहीं किया गया है. कई बार इसके निर्माण को लेकर पत्र विश्वविद्यालय को भेजा जा चुका है. उन्होंने बताया कि हमारे यहां हर 3 साल में कुलपति की नियुक्ति होती है और जब तक नए कुलपति स्थिति को समझते हैं तब तक समय पूरा हो चुका होता है. जो बजट है वह फ्रीज हो चुका है. तो मेंटेनेंस का पैसा कुछ भी नहीं बचता है. विश्वविद्यालय ही हम लोगों को पेमेंट करता है और विश्वविद्यालय के पास भी इतना पैसा नहीं होता है कि मेंटेनेंस का अलग से विश्वविद्यालय पैसा दे सकें. शासन में भी कई बार इसकी शिकायत कीजिए कि जा चुकी है, लेकिन उस पर भी कोई गौर नहीं किया गया. उन्होंने बताया कि इस कॉलेज का काफी पुराना इतिहास रहा है. हमारे कॉलेज से छह पदम श्री भी रह चुके हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.