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लखनऊ: रैन बसेरों में पहुंचा सीवर का पानी, भीगे सभी गद्दे

राजधानी लखनऊ के बलरामपुर में अस्पताल के बाहर नया रैन बसेरा बनाए जाने के लिए काम चल रहा है. जेसीबी से एक गड्ढे में पड़े पानी को भरने का काम किया जा रहा था, लेकिन सीवर का पानी गड्ढे से बाहर निकलकर पास में बने रैन बसेरों में जा पहुंचा. जिसके बाद वहां रैन बसेरे में रखे सभी गद्दे भीग गए.

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रैन बसेरों में पहुंचा सीवर का पानी.
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Published : Dec 30, 2019, 7:23 AM IST

लखनऊ: अस्पतालों में भर्ती मरीजों के साथ उनके साथ आए तीमारदारों की सुविधाओं के लिए सरकार तमाम तरह से प्रयासरत रहती है. बलरामपुर अस्पताल में नया रैन बसेरा बनाया जा रहा है, जिसके लिए काम जोर-शोर से हो रहा है. रविवार शाम के समय जेसीबी से एक गड्ढे में पड़े पानी को भरने का काम किया जा रहा था, लेकिन सीवर का पानी गड्ढे से बाहर निकलकर पास में बने रैन बसेरों में जा पहुंचा. जिसके बाद वहां रैन बसेरे में रखे सभी गद्दे भीग गए, जिनपर मरीज के तीमारदारों को सोना था.

रैन बसेरों में पहुंचा सीवर का पानी.
  • मरीज के तीमारदार सुरेंद्र कहते हैं कि जेसीबी से काम हो रहा था और बिना देखे हुए वह लोग गड्ढे में मिट्टी डाल रहे थे.
  • उन्होंने बताया कि पीछे से सारा पानी रैन बसेरों में भर गया, जिसमें से सारे गद्दे भीग गए.
  • सुरेंद्र बताते हैं कि लगभग 75 से 80 लोग बाहर खड़े हैं, वह क्या करेंगे समझ नहीं आ रहा.
  • अन्य तीमारदार जयप्रकाश तिवारी कहते हैं कि रैन बसेरे में पानी भर गया. इसके बाद हम यहां पर एक अलग इंतजाम करके सो रहे हैं, क्योंकि और कहीं जाने की जगह नहीं है.
  • पानी भरने के बाद अस्पताल के कुछ कर्मचारियों ने रैन बसेरा लगाने वाली संस्था के साथ मिलकर तीमारदारों की थोड़ी सहायता भी की और उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया.

लखनऊ: अस्पतालों में भर्ती मरीजों के साथ उनके साथ आए तीमारदारों की सुविधाओं के लिए सरकार तमाम तरह से प्रयासरत रहती है. बलरामपुर अस्पताल में नया रैन बसेरा बनाया जा रहा है, जिसके लिए काम जोर-शोर से हो रहा है. रविवार शाम के समय जेसीबी से एक गड्ढे में पड़े पानी को भरने का काम किया जा रहा था, लेकिन सीवर का पानी गड्ढे से बाहर निकलकर पास में बने रैन बसेरों में जा पहुंचा. जिसके बाद वहां रैन बसेरे में रखे सभी गद्दे भीग गए, जिनपर मरीज के तीमारदारों को सोना था.

रैन बसेरों में पहुंचा सीवर का पानी.
  • मरीज के तीमारदार सुरेंद्र कहते हैं कि जेसीबी से काम हो रहा था और बिना देखे हुए वह लोग गड्ढे में मिट्टी डाल रहे थे.
  • उन्होंने बताया कि पीछे से सारा पानी रैन बसेरों में भर गया, जिसमें से सारे गद्दे भीग गए.
  • सुरेंद्र बताते हैं कि लगभग 75 से 80 लोग बाहर खड़े हैं, वह क्या करेंगे समझ नहीं आ रहा.
  • अन्य तीमारदार जयप्रकाश तिवारी कहते हैं कि रैन बसेरे में पानी भर गया. इसके बाद हम यहां पर एक अलग इंतजाम करके सो रहे हैं, क्योंकि और कहीं जाने की जगह नहीं है.
  • पानी भरने के बाद अस्पताल के कुछ कर्मचारियों ने रैन बसेरा लगाने वाली संस्था के साथ मिलकर तीमारदारों की थोड़ी सहायता भी की और उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया.
Intro:नोट- खबर से जुड़े पैकेज और थंबनेल रैप के द्वारा भेजा गया है।

लखनऊ। अस्पतालों में भर्ती मरीजों के साथ उनके साथ आए तीमारदारों के सुविधाओं के लिए सरकार तमाम तरह से प्रयासरत रहती है। इसमें कुछ गैर सरकारी संस्थाएं भी आगे आकर अस्पतालों में तीमारदारों के लिए सुविधाएं मुहैया करवाती हैं। लेकिन गलने वाली सर्दी में यदि तीमारदारों को पानी की परेशानी से दो चार होना पड़े तो यह उनके लिए आफत से कम नहीं है।


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बलरामपुर अस्पताल में शाम 7:30 बजे का नजारा यह था कि एक एनजीओ द्वारा बनाए गए रैन बसेरे में गद्दे पड़े थे, तीमारदार खड़े थे और सब एक सोच में पड़े थे। दरअसल हुआ कुछ यूं था कि बलरामपुर अस्पताल में नया रैनबसेरा बनाया जा रहा है जिसके लिए काम जोर-शोर से हो रहा है। शाम के समय जेसीबी के द्वारा एक गड्ढे में पड़े पानी को भरने के लिए काम किया जा रहा था, लेकिन वह सीवर का पानी गड्ढे से बाहर निकलकर रैन बसेरों में जा पहुंचा। परेशानी दुगनी तब हुई जब वहां पड़े सभी गद्दे भीग गए जिन पर मरीज के तीमारदारों को सोना था।

मरीज के तीमारदारों में से सुरेंद्र कहते हैं कि जेसीबी से काम हो रहा था और बिना देखे हुए वह गड्ढे में मिट्टी गड्ढे में डाल रहे थे। पीछे से सारा पानी रैन बसेरों में भर गया जिसमें से सारे गद्दे भीग गए। अब लगभग 75 से 80 लोग बाहर खड़े हैं क्या करेंगे समझ नहीं आ रहा।

एक अन्य तीमारदार जयप्रकाश तिवारी कहते हैं कि रैन बसेरे में पानी भर गया इसके बाद हम यहां पर एक अलग इंतजाम करके सो रहे हैं क्योंकि और कहीं जाने की जगह नहीं है।



Conclusion:पानी भरने के बाद अस्पताल के कुछ कर्मचारियों ने रैन बसेरा लगाने वाली संस्था के साथ मिलकर तीमारदारों की थोड़ी सहायता भी की और उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया। हालांकि मौके पर प्रशासन का कोई व्यक्ति नजर नहीं आया।

बाइट- सुरेंद्र, तीमारदार

बाइट- जयप्रकाश तिवारी, तीमारदार

नोट- खबर से जुड़े पैकेज और थंबनेल रैप के द्वारा भेजा गया है।

रामांशी मिश्रा
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