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लखनऊ: इंदिरा नहर हादसे ने छीन लिए कई परिवारों के चिराग - इंदिरा नहर में गिरी पिकअप

इंदिरा नहर में पिकअप गिरने से हुए हादसे में सात बच्चों की मौत हो गई. बच्चों की मौत से कई परिवारों में मातम का माहौल छा गया है. शुक्रवार को बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया.

मृतक सौरभ के पिता तेज नारायण से बात करते संवादददाता.
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Published : Jun 21, 2019, 11:09 PM IST

लखनऊ: इंदिरा नहर में बारातियों से भरी पिकअप गाड़ी पलटने से सात बच्चों की मौत हो गई. शुक्रवार को सभी मृतक बच्चों के शव गांव पहुंचे. पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. मृतक बच्चों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.

मृतक सौरभ के पिता तेज नारायण से बात करते संवादददाता.

दरअसल बुधवार की रात करीब 2:00 बजे शादी समारोह से लौट रही पिकअप वैन नगराम थाना क्षेत्र के पटवा खेड़ा गांव में इंदिरा नहर में गिर गई थी. पिकअप में करीब 29 लोग सवार थे. इसमें 22 लोग सुरक्षित बचा लिये गए और सात मासूम नहर में बह गए थे. करीब 36 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद NDRF, SDRF और 32वीं वाहिनी पीएसी के जवानों ने सभी शवों को बाहर निकाला.

गांव में पसरा मातम

पोस्टमार्टम के बाद बच्चों के शव जैसे ही उनके गांव पहुंचे परिवार समेत पूरे गांव में मातम का माहौल छा गया. मृतक बच्चों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. ईटीवी भारत के टीम ने मृतक बच्चों के परिजनों से बात की तो उनका दर्द छलक उठा. हादसे में जान गंवाने वाले आठ वर्षीय सौरभ के परिवार से ईटीवी की टीम ने बात की तो पता चला कि बुधवार सुबह उनके घर में एक बच्चे के पैदा होने की खुशी का माहौल था तो रात होते-होते वह खुशी का माहौल मातम में बदल गया.

नशे में था पिकअप ड्राइवर

मृतक सौरभ के पिता तेज नारायण ने बताया कि सौरभ पढ़ने में काफी तेज था और हमेशा अव्वल आना चाहता था. गांव की रहने वाली प्रेम कुमारी की बेटी मानसी की इस हादसे में मौत हो गई. मानसी की मां प्रेमी कुमारी बेटी के जाने के गम में टूट चुकी हैं. मानसी के परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है. फिलहाल इंदिरा नहर से सभी शवों को निकाल लिया गया है. शवों को पोस्टमार्टम के बाद गांव पहुंचा दिया गया, जहां ग्रामीणों ने शवों का अंतिम संस्कार किया. बताया जा रहा है कि ड्राइवर के नशे में होने की वजह से हादसा हुआ है.

लखनऊ: इंदिरा नहर में बारातियों से भरी पिकअप गाड़ी पलटने से सात बच्चों की मौत हो गई. शुक्रवार को सभी मृतक बच्चों के शव गांव पहुंचे. पूरे गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. मृतक बच्चों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.

मृतक सौरभ के पिता तेज नारायण से बात करते संवादददाता.

दरअसल बुधवार की रात करीब 2:00 बजे शादी समारोह से लौट रही पिकअप वैन नगराम थाना क्षेत्र के पटवा खेड़ा गांव में इंदिरा नहर में गिर गई थी. पिकअप में करीब 29 लोग सवार थे. इसमें 22 लोग सुरक्षित बचा लिये गए और सात मासूम नहर में बह गए थे. करीब 36 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद NDRF, SDRF और 32वीं वाहिनी पीएसी के जवानों ने सभी शवों को बाहर निकाला.

गांव में पसरा मातम

पोस्टमार्टम के बाद बच्चों के शव जैसे ही उनके गांव पहुंचे परिवार समेत पूरे गांव में मातम का माहौल छा गया. मृतक बच्चों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. ईटीवी भारत के टीम ने मृतक बच्चों के परिजनों से बात की तो उनका दर्द छलक उठा. हादसे में जान गंवाने वाले आठ वर्षीय सौरभ के परिवार से ईटीवी की टीम ने बात की तो पता चला कि बुधवार सुबह उनके घर में एक बच्चे के पैदा होने की खुशी का माहौल था तो रात होते-होते वह खुशी का माहौल मातम में बदल गया.

नशे में था पिकअप ड्राइवर

मृतक सौरभ के पिता तेज नारायण ने बताया कि सौरभ पढ़ने में काफी तेज था और हमेशा अव्वल आना चाहता था. गांव की रहने वाली प्रेम कुमारी की बेटी मानसी की इस हादसे में मौत हो गई. मानसी की मां प्रेमी कुमारी बेटी के जाने के गम में टूट चुकी हैं. मानसी के परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है. फिलहाल इंदिरा नहर से सभी शवों को निकाल लिया गया है. शवों को पोस्टमार्टम के बाद गांव पहुंचा दिया गया, जहां ग्रामीणों ने शवों का अंतिम संस्कार किया. बताया जा रहा है कि ड्राइवर के नशे में होने की वजह से हादसा हुआ है.

Intro:गांव में बच्चों के शव पहुंचने के बाद मातम का माहौल छा गया पूरे गांव में सन्नाटा था तो वहीं परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो रहा था।


Body:बताते चलें बुधवार की रात करीब 2:00 बजे शादी समारोह से लौट रही पिकअप वैन में करीब 29 लोग सवार थे जो राजधानी लखनऊ के नगराम थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पटवा खेड़ा गांव की इंदिरा नहर में गिर गए थे जिसमें 22 लोग सुरक्षित बच गए जबकि सात मासूम नहर के बहाव में बह गए थे।

करीब 36 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद एनडीआरएफ एसडीआरएफ बा 32 बटालियन पीएसी के जवानों ने सभी शवों को बाहर निकाला। पोस्टमार्टम के बाद बच्चों के शव जैसे ही उनके गांव पहुंचे परिवार समेत पूरे गांव में मातम का माहौल छा गया।

अपने चिरागों को खोए हुए कुछ परिजनों से हमने बात की तो उनका दर्द उनकी आंखों से छलक उठा।

इस हादसे मैं जान गवा देने वाले सौरभ के परिवार से जब हम मिले तो पता चला कि जहां बुधवार की सुबह उनके घर में एक बच्चे की पैदा होने की खुशी का माहौल था तो वहीं रात होते-होते वह खुशी का माहौल मातम में बदल गया।

सौरभ के पिता ने बताया कि सौरभ पढ़ने में काफी तेज था और हमेशा अव्वल आना चाहता था जिंदगी में काफी कुछ करना भी चाहता था जिसको लेकर के घर वालों ने भी कई सपने संजोए थे लेकिन वह सारे सपने एक ही पल में टूट गए। मा ने जहां एक तरफ अपनी गोद में खुशियां पाई तो वहीं दूसरी तरफ अपनी आंखों के चिराग को खो दिया।

बाइट- तेज़ नारायण (सौरभ के पिता)

ऐसे ही एक दूसरे परिवार से हम मिले जिन्होंने अपनी लाडली बेटी मानसी को इस हादसे में खो दिया। परिवार का रो रो कर बुरा हाल हो रहा है। मां कुछ भी कहने मैं सक्षम नहीं है तो वही पूरा परिवार सदमे में है।

बाइट- प्रेम कुमारी (मानसी की माँ)

पीटीसी योगेश मिश्रा




Conclusion:फिलहाल इंदिरा नहर से सभी शवों को निकाल लिया गया है जिसमें से 5 शव पोस्टमार्टम के बाद उनके गांव पहुंच गए हैं जिनका अंतिम संस्कार भी कर दिया गया है। वही दो शव पहुंचने वाले हैं।

बताया जा रहा है कि ड्राइवर के नशे में होने की वजह से यह हादसा हुआ है लेकिन गलती चाहे किसी की भी हो लेकिन आज परिवार के साथ पूरा गांव मातम मना रहा है और सिर्फ यही सोच रहा है कि ऐसा क्यों हुआ। और शायद कोई भी शब्द इन परिवारों को संवेदना देने के लिए कम पड़ जाएंगे।

योगेश मिश्रा लखनऊ
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