लखनऊः राजधानी लखनऊ में कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए अलग से इमरजेंसी वार्ड बनाया गया है. इसके लिए अब स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना वायरस के गंभीर मरीजों और सामान्य मरीजों को अलग-अलग कैटेगरी में बांटने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए तमाम तरह की व्यवस्थाएं की गई हैं और प्रोटोकॉल तैयार कर लिया गया है. इसी कड़ी में सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी में आने वाले अति गंभीर मरीजों को भर्ती किया जाएगा, इसे दो कैटेगरी में बांटा गया है.
प्रोटोकॉल के तहत किया जाएगा मरीजों का उपचार
कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों को स्वास्थ्य विभाग ने दो कैटेगरी में बांटने का निर्णय लिया है. इन दो कैटेगरी में कोरोना से संक्रमित सामान्य मरीज और गंभीर मरीजों को बांटा गया है. कोरोना के गंभीर मराजों को अलग रखकर उनका सभी प्रोटोकॉल के तहत उपचार किया जाएगा. स्वास्थय विभाग का कहना है कि अस्पतालों की इमरजेंसी में सीमित मरीज लिए जाएंगे, जिससे संक्रमण की आशंका न बढ़े.
इसको लेकर विभाग द्वारा तमाम व्यवस्थाएं व उससे जुड़ी सुरक्षा व्यवस्था भी इस प्रोटोकॉल में शामिल की जा रही है. यदि कोई मरीज गंभीर हालत में आता है तो उसे हाई रिस्क इमरजेंसी में भेजा जाएगा. सामान्य मरीजों को पहले की भांति नॉर्मल इमरजेंसी में ही उपचार किया जायेगा. अब तक बलरामपुर व अन्य अस्पताल में मरीज भर्ती नहीं किए जा रहे थे. इससे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. इसे देखते हुए अफसरों ने इमरजेंसी को दो कैटेगरी में बांट दिया है.
संदिग्ध कोरोना मरीजों का अलग इमरजेंसी में होगा उपचार
कोरोना के मरीजों को दो कैटेगरी में बांटा गया है. इसके तहत कोरोना वायरस के संदिग्ध मरीज दूसरी इमरजेंसी में भर्ती किए जा रहे हैं, जहां पर पीपीई किट समेत अन्य प्रोटोकॉल पूरा कराने के बाद डॉक्टर व स्टाफ को उपचार करने के लिए भेजा जा रहा है.
बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी ने बताया कि गंभीर मरीजों के इमरजेंसी को अलग करते हुए वार्ड नंबर 7 में इमरजेंसी बनाई गई है, जहां पर गंभीर मरीजों को भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है. वहीं पहले वाले इमरजेंसी में सामान्य मरीजों को इलाज दिया जा रहा है.
इसे पढ़ें- देश में कोरोना से मरने वालों की संख्या एक हजार के पार, कुल 31 हजार 787 मामले