लखनऊ: देशभर में कहीं भी कोई घटना होती है तो तत्काल अलर्ट जारी किया जाता है. खासकर रेलवे स्टेशनों को लेकर ज्यादा सजगता बरती जाती है. लेकिन, राजधानी के दोनों स्टेशनों की बात करें तो यहां की सुरक्षा के प्रति रेलवे के अधिकारी पूरी तरह लापरवाह बने हुए हैं. लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन और लखनऊ जंक्शन पर सुरक्षा के उपकरण तो लगे हैं. लेकिन, ये शोपीस हैं. यात्रियों के आने पर उनके सामान चेक करने के लिए लगेज स्कैनर लगाए गए हैं. लेकिन, जांच किसी तरह की नहीं की जा रही है. इतना ही नहीं मेटल डिटेक्टर भी लगा हुआ है. लेकिन, यह भी शोपीस ही है. ऐसे में कोई विस्फोटक सामग्री लेकर यदि रेलवे स्टेशन पर पहुंचे तो भी कोई दिक्कत नहीं है. कोई भी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम दे सकता है. लेकिन, अधिकारी बेपरवाह हैं.
मेटल डिटेक्टर से बाईपास होकर दाखिल हो रहे यात्री
चारबाग रेलवे स्टेशन और लखनऊ जंक्शन को संवेदनशील स्टेशन माना जाता है. यहां पर सुरक्षा के प्रति रेलवे के अधिकारियों को काफी सक्रियता दिखानी चाहिए. लेकिन, अधिकारी भरपूर निष्क्रियता दिखा रहे हैं. लापरवाही का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ जंक्शन पर महीनों से लगेज स्कैनर खराब पड़ा हुआ है. इसी से कनेक्ट मेटल डिटेकटर भी खराब ही है. ऐसे में यात्री रेलवे स्टेशन के अंदर बेधड़क किसी भी तरह की विस्फोटक सामग्री लेकर जा सकते हैं, क्योंकि न सामान की चेकिंग के लिए लगेज स्कैनर ही काम कर रहा है और न यात्री की जांच के लिए मेटल डिटेक्टर. मेटल डिटेक्टर को बाईपास कर यात्री आराम से स्टेशन के अंदर दाखिल हो रहे हैं. कहने का सीधा सा मतलब है कि सुरक्षा उपकरण सफेद हाथी साबित हो रहे हैं.
चारबाग स्टेशन पर लापरवाही के सबूत
अब बात अगर लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन की करें तो यहां पर भी बाकायदा लगेज स्कैनर लगा हुआ है, मेटल डिटेक्टर भी है. पूर्वोत्तर रेलवे के लखनऊ जंक्शन की तरह लगेज स्कैनर के पास सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी भी है. हालांकि, उनकी जिम्मेदारी स्कैनर मशीन के अंदर जांच के लिए लगेज रखे जाने के बाद कंप्यूटर पर सामान की जांच करना है, लेकिन जब स्कैनर चल ही नहीं रहा है तो सिर्फ सुरक्षाकर्मी अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं. वहीं, मेटल डिटेक्टर के अंदर से कोई यात्री गुजरता ही नहीं और उन पर सुरक्षाकर्मियों की तरफ से एक बार भी कहा नहीं जाता कि मेटल डिटेक्टर के अंदर से गुजर कर ही स्टेशन के अंदर प्रवेश करें. ऐसे में यात्री आराम से भारी भरकम सामान लेकर स्टेशन के अंदर दाखिल हो रहे हैं.
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ईटीवी भारत ने जब चारबाग रेलवे स्टेशन लखनऊ जंक्शन पर मौजूद सुरक्षा उपकरणों की तहकीकात की तो सामने आया कि दोनों ही जगह स्कैनर सिर्फ दिखावे के लिए लगे हैं. मेटल डिटेक्टर का भी कोई काम नहीं है. सुरक्षाकर्मी सिर्फ ड्यूटी कर खानापूर्ति कर रहे हैं. यात्रियों पर नजर रखने के लिए किसी तरह की जहमत नहीं उठाई जा रही है. कुल मिलाकर सुरक्षाकर्मी स्टेशन की सुरक्षा पर ध्यान न देकर सिर्फ खराब पड़े लगेज स्कैनर और मेटल डिटेकटर की ही सुरक्षा कर रहे हैं.
ठेकेदार पर फोड़ दिया जा रहा ठीकरा
स्टेशन पर सुरक्षा उपकरणों के खराब पड़े होने से सुरक्षा में चूक के सवाल को लेकर जब रेलवे के जिम्मेदारों से पूछा गया तो वे सीधे तौर पर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं. सिर्फ इतना कहना है कि संबंधित ठेकेदार को इसके लिए बोला गया है. जल्द ही सुरक्षा उपकरण दुरुस्त कर लिए जाएंगे, जिससे सुरक्षा में किसी तरह की कोई चूक न होने पाए.
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