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बिना उपकरण के देख सकेंगे साल का दूसरा और आखिरी चंद्रग्रहण, जानें कब होगा - खगोल वैज्ञानिक

इस साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को (Lunar eclipse on November 8) लग रहा है. इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के खगोल वैज्ञानिक सुमित श्रीवास्तव के अनुसार, कुछ भागों में पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा. वहीं कुछ हिस्सों में आंशिक चंद्र ग्रहण होगा.

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Published : Nov 5, 2022, 6:44 PM IST

Updated : Nov 5, 2022, 8:55 PM IST

लखनऊ : इस साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को (Lunar eclipse on November 8) लग रहा है. इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के खगोल वैज्ञानिक सुमित श्रीवास्तव के अनुसार, कुछ भागों में पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा. वहीं कुछ हिस्सों में आंशिक चंद्र ग्रहण होगा. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि दोपहर 2 बजे से चंद्र ग्रहण शुरू हो जाएगा. हालांकि सूर्य की रोशनी के सामने यह दिखाई नहीं देगा. जैसे ही चांद निकलेगा तब यह पूरी तरह से दिखाई देना शुरू होगा. साथ ही इसे लोग बिना उपकरण के देख सकते हैं, इससे कोई भी खतरा नहीं है.

खगोल वैज्ञानिक सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच आ जाती है. इस दौरान चांद धरती की छाया से पूरी तरह से छिप जाता है. पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक दूसरे के बिल्कुल सीध में होते हैं. इस दौरान जब हम धरती से चांद देखते हैं तो वह हमें काला नजर आता है और इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है.

खगोल वैज्ञानिक सुमित श्रीवास्तव से बातचीत करतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

लगाए जाएंगे टेलीस्कोप : उन्होंने बताया कि 8 नवंबर को इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला की ओर से हनुमान सेतु मंदिर के सामने स्थित पंचवटी पार्क में तीन टेलीस्कोप लगाए जाएंगे. यह टेलीस्कोप आम पब्लिक के लिए लगाया जाएगा, ताकि चंद्रग्रहण को देख सकें. हर साल इसी तरह से इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला शहर के किसी न किसी पार्क में टेलीस्कोप लगाता है. इस दौरान कई स्कूलों के स्टूडेंट्स मौजूद होते हैं. उन्हें बताया जाता है कि किस तरह से चंद्र ग्रहण लगता है और टेलीस्कोप में यह नजारा किस तरह से दिखाई देता है. इच्छुक लोग टेलीस्कोप से चंद्र ग्रहण को देखने के लिए आते हैं, कई बार इस दौरान भीड़ भी लग जाती है. इसलिए इस बार तीन टेलीस्कोप पार्क में लगाए जाएंगे, ताकि जितने लोग आए उन्हें कोई दिक्कत न हो.

उन्होंने बताया कि यह चंद्र ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी-पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशान्त महासागर, हिन्द महासागर, उत्तर अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के अधिकांश हिस्सों से दर्शनीय होगा. दक्षिणी-पश्चिमी यूरोप और अफ्रीका महाद्वीप से कोई ग्रहण दिखाई नहीं देगा. भारत में, पूर्ण ग्रहण केवल पूर्वी भागों से दिखाई देगा. कोलकाता, सिलीगुड़ी, पटना, रांची, गुवाहाटी में साल के इस अंतिम चंद्र ग्रहण को देखा जा सकेगा. वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 2:00 बजे ग्रहण लगने के बाद से जब चांद निकलेगा तब चंद्रग्रहण साफ दिखाई देगा. वहीं लखनऊ के अलावा अन्य जिलों में भी 10-5 मिनट का ही अंतर होगा.

यह भी पढ़ें : लिली फूल के खिलते ही रचा इतिहास, पत्तियां उठा सकती हैं पांच किलो का वजन

लखनऊ : इस साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर को (Lunar eclipse on November 8) लग रहा है. इंदिरा गांधी नक्षत्रशाला के खगोल वैज्ञानिक सुमित श्रीवास्तव के अनुसार, कुछ भागों में पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा. वहीं कुछ हिस्सों में आंशिक चंद्र ग्रहण होगा. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि दोपहर 2 बजे से चंद्र ग्रहण शुरू हो जाएगा. हालांकि सूर्य की रोशनी के सामने यह दिखाई नहीं देगा. जैसे ही चांद निकलेगा तब यह पूरी तरह से दिखाई देना शुरू होगा. साथ ही इसे लोग बिना उपकरण के देख सकते हैं, इससे कोई भी खतरा नहीं है.

खगोल वैज्ञानिक सुमित श्रीवास्तव ने बताया कि सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच आ जाती है. इस दौरान चांद धरती की छाया से पूरी तरह से छिप जाता है. पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक दूसरे के बिल्कुल सीध में होते हैं. इस दौरान जब हम धरती से चांद देखते हैं तो वह हमें काला नजर आता है और इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है.

खगोल वैज्ञानिक सुमित श्रीवास्तव से बातचीत करतीं संवाददाता अपर्णा शुक्ला

लगाए जाएंगे टेलीस्कोप : उन्होंने बताया कि 8 नवंबर को इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला की ओर से हनुमान सेतु मंदिर के सामने स्थित पंचवटी पार्क में तीन टेलीस्कोप लगाए जाएंगे. यह टेलीस्कोप आम पब्लिक के लिए लगाया जाएगा, ताकि चंद्रग्रहण को देख सकें. हर साल इसी तरह से इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला शहर के किसी न किसी पार्क में टेलीस्कोप लगाता है. इस दौरान कई स्कूलों के स्टूडेंट्स मौजूद होते हैं. उन्हें बताया जाता है कि किस तरह से चंद्र ग्रहण लगता है और टेलीस्कोप में यह नजारा किस तरह से दिखाई देता है. इच्छुक लोग टेलीस्कोप से चंद्र ग्रहण को देखने के लिए आते हैं, कई बार इस दौरान भीड़ भी लग जाती है. इसलिए इस बार तीन टेलीस्कोप पार्क में लगाए जाएंगे, ताकि जितने लोग आए उन्हें कोई दिक्कत न हो.

उन्होंने बताया कि यह चंद्र ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी-पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशान्त महासागर, हिन्द महासागर, उत्तर अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के अधिकांश हिस्सों से दर्शनीय होगा. दक्षिणी-पश्चिमी यूरोप और अफ्रीका महाद्वीप से कोई ग्रहण दिखाई नहीं देगा. भारत में, पूर्ण ग्रहण केवल पूर्वी भागों से दिखाई देगा. कोलकाता, सिलीगुड़ी, पटना, रांची, गुवाहाटी में साल के इस अंतिम चंद्र ग्रहण को देखा जा सकेगा. वहीं उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 2:00 बजे ग्रहण लगने के बाद से जब चांद निकलेगा तब चंद्रग्रहण साफ दिखाई देगा. वहीं लखनऊ के अलावा अन्य जिलों में भी 10-5 मिनट का ही अंतर होगा.

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Last Updated : Nov 5, 2022, 8:55 PM IST
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