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पशुपालन घोटाला मामला : पूर्व IPS अधिकारी अरविंद सेन को कोर्ट से लगा झटका - lucknow latest news

फर्जी कागजात तैयार करने, कूटरचना एवं धोखाधड़ी करके पशुपालन विभाग में आटा, दाल, गेहूं और शक्कर की सप्लाई देने के आरोप में जेल में बंद पूर्व डीआईजी अरविंद सेन की मुख्तारनामा पंजीकरण कराने की अनुमति की मांग वाली दूसरी अर्जी भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश रमाकांत प्रसाद ने खारिज कर दिया.

लखनऊ हाईकोर्ट.
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Published : Jan 5, 2022, 10:59 PM IST

लखनऊ : फर्जी कागजात तैयार करने, कूटरचना एवं धोखाधड़ी करके पशुपालन विभाग में आटा, दाल, गेहूं और शक्कर की सप्लाई देने के आरोप में जेल में बंद पूर्व डीआईजी अरविंद सेन की मुख्तारनामा पंजीकरण कराने की अनुमति की मांग वाली दूसरी अर्जी भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश रमाकांत प्रसाद ने खारिज कर दिया.

जेल से भेजी गयी इस अर्जी में कहा गया था कि गत 27 जनवरी से वह जेल में हैं और इस दौरान उनकी पत्नी प्रियंका सेन सिंह की 18 अप्रैल 2001 को मृत्यु हो चुकी है. इसके अलावा वह गत 31 मार्च को सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं. कहा गया है कि जमीन की बिक्री एवं देखभाल के लिए पुत्री स्निग्धा के पक्ष में पंजीकृत मुख्तारनामा निष्पादित कराना चाहते हैं.

अदालत के सामने विशेष अधिवक्ता अभितेश मिश्रा एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रभा वैश्य का तर्क था कि इसके पूर्व अरविंद सेन की इसी तरह की मांग वाली अर्जी न्यायालय द्वारा गत 9 दिसंबर को गुण एवं दोष के आधार पर खारिज की जा चुकी है. इस अर्जी में कोई विशेष आधार नहीं लिया गया है. यह भी कहा गया है कि आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार का मामला है और ईडी द्वारा मामले का संज्ञान लिया जा चुका है. उसकी ओर से कार्यवाही चल रही है. यह भी कहा गया कि इस स्तर पर प्रार्थना पत्र पोषणीय न होने के कारण खारिज किया जाए. इस मामले की रिपोर्ट इंदौर के व्यापारी और मामले के वादी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू ने हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी थी.

लखनऊ : फर्जी कागजात तैयार करने, कूटरचना एवं धोखाधड़ी करके पशुपालन विभाग में आटा, दाल, गेहूं और शक्कर की सप्लाई देने के आरोप में जेल में बंद पूर्व डीआईजी अरविंद सेन की मुख्तारनामा पंजीकरण कराने की अनुमति की मांग वाली दूसरी अर्जी भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश रमाकांत प्रसाद ने खारिज कर दिया.

जेल से भेजी गयी इस अर्जी में कहा गया था कि गत 27 जनवरी से वह जेल में हैं और इस दौरान उनकी पत्नी प्रियंका सेन सिंह की 18 अप्रैल 2001 को मृत्यु हो चुकी है. इसके अलावा वह गत 31 मार्च को सेवानिवृत्त भी हो चुके हैं. कहा गया है कि जमीन की बिक्री एवं देखभाल के लिए पुत्री स्निग्धा के पक्ष में पंजीकृत मुख्तारनामा निष्पादित कराना चाहते हैं.

अदालत के सामने विशेष अधिवक्ता अभितेश मिश्रा एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रभा वैश्य का तर्क था कि इसके पूर्व अरविंद सेन की इसी तरह की मांग वाली अर्जी न्यायालय द्वारा गत 9 दिसंबर को गुण एवं दोष के आधार पर खारिज की जा चुकी है. इस अर्जी में कोई विशेष आधार नहीं लिया गया है. यह भी कहा गया है कि आरोपी के विरुद्ध भ्रष्टाचार का मामला है और ईडी द्वारा मामले का संज्ञान लिया जा चुका है. उसकी ओर से कार्यवाही चल रही है. यह भी कहा गया कि इस स्तर पर प्रार्थना पत्र पोषणीय न होने के कारण खारिज किया जाए. इस मामले की रिपोर्ट इंदौर के व्यापारी और मामले के वादी मंजीत सिंह भाटिया उर्फ रिंकू ने हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी थी.

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