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आरटीई के तहत प्रवेश न देने पर विद्यालयों पर गिरेगी गाज, शिक्षा निदेशक बेसिक ने लिखा पत्र

एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि 'शिक्षा निदेशक का पत्र सभी जिलों को भेजा गया है. आदेश में कहा गया है कि जब तक विद्यालय पूरे प्रवेश नहीं लेंगे उन्हें प्रतिपूर्ति भी नहीं होगी.

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Published : Aug 14, 2023, 11:43 AM IST

लखनऊ : शिक्षा का अधिकार नियम के तहत लॉटरी में नाम आने के बाद भी प्रवेश न देने वाले विद्यालयों पर अब गाज गिरनी तय है. शिक्षा निदेशक बेसिक महेंद्र देव ने माध्यमिक शिक्षा के जेडी और बीएसए को पत्र लिखा है. उन्होंने प्रवेश न देने वाले विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई में सिर्फ मान्यता ही नहीं बल्कि, विद्यालयों को भवन, भूमि, उपकरण संबंधी मिलने वाली तमाम रियायतों को भी प्रत्याहरित करने की बात कही है. उन्होंने सक्षम स्तर पर इस संबंध में कार्रवाई के लिए लिखा है. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि स्कूल के पास बच्चों के भौतिक सत्यापन का कोई अधिकार नहीं है. आरटीई प्रवेश में वार्ड का कोई भी बहाना मान्य नहीं होगा.

जारी आदेश
जारी आदेश
जारी आदेश
जारी आदेश

शिक्षा निदेशक महेंद्र देव ने अपने आदेश में लिखा है कि सीबीएसई और आइसीएसई बोर्ड को कक्षा 1 से 8 तक की एनओसी बेसिक शिक्षा विभाग से जारी होने के बाद ही केंद्रीय बोर्ड कक्षा 9 से 12 की मान्यता पर विचार करता है. ऐसी स्थिति में ये स्कूल शासन अथवा विभाग के निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा, अन्यथा स्कूलों की मान्यता प्रत्याहरण की जाएगी. एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि 'शिक्षा निदेशक का पत्र सभी जिलों को भेजा गया है. आदेश में कहा गया है कि जब तक विद्यालय पूरे प्रवेश नहीं लेंगे उन्हें प्रतिपूर्ति भी नहीं होगी. साथ ही अब मान्यता के साथ रियायत का भी प्रत्याहरण होगा. कैंप लगाने के बाद जिन्होंने अब तक प्रवेश नहीं लिए हैं उन पर कार्रवाई होगी.'

जारी आदेश
जारी आदेश


निदेशक ने अपने आदेश में दिए यह निर्देश


- विद्यालय प्रबंधक को बच्चों के भौतिक सत्यापन का कोई अधिकार नहीं.
- विद्यालय बच्चे की पुष्टि के लिए अभिलेख का मिलान कर सकते हैं. संशय की स्थिति में जनपदीय अधिकारी को लिखित सूचना देंगे.
- आरटीई के तहत प्रवेश न देने वाले स्कूलों पर तत्काल विभागीय मान्यता के प्रत्याहरण की कार्रवाई हो.
- फीस नहीं मिलने के आधार पर प्रवेश से वंचित नहीं किया जा सकता, ऐसे में सक्षम स्तर से दाखिला ने देने वाले स्कूल को मिलने वाली रियायत समाप्त की जाए.
- नवीन मान्यता के लिए आवेदन करने वाले स्कूलों को आरटीई के मानने होंगे राज्य के नियम, शपथ पत्र देंगे.

यह भी पढ़ें : आगरा से छिटका 1.54 लाख करोड़ का निवेश, हांगकांग की कंपनी अब जेवर में लगाएगी सेमी कंडक्टर प्लांट

लखनऊ : शिक्षा का अधिकार नियम के तहत लॉटरी में नाम आने के बाद भी प्रवेश न देने वाले विद्यालयों पर अब गाज गिरनी तय है. शिक्षा निदेशक बेसिक महेंद्र देव ने माध्यमिक शिक्षा के जेडी और बीएसए को पत्र लिखा है. उन्होंने प्रवेश न देने वाले विद्यालयों के खिलाफ कार्रवाई में सिर्फ मान्यता ही नहीं बल्कि, विद्यालयों को भवन, भूमि, उपकरण संबंधी मिलने वाली तमाम रियायतों को भी प्रत्याहरित करने की बात कही है. उन्होंने सक्षम स्तर पर इस संबंध में कार्रवाई के लिए लिखा है. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि स्कूल के पास बच्चों के भौतिक सत्यापन का कोई अधिकार नहीं है. आरटीई प्रवेश में वार्ड का कोई भी बहाना मान्य नहीं होगा.

जारी आदेश
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जारी आदेश

शिक्षा निदेशक महेंद्र देव ने अपने आदेश में लिखा है कि सीबीएसई और आइसीएसई बोर्ड को कक्षा 1 से 8 तक की एनओसी बेसिक शिक्षा विभाग से जारी होने के बाद ही केंद्रीय बोर्ड कक्षा 9 से 12 की मान्यता पर विचार करता है. ऐसी स्थिति में ये स्कूल शासन अथवा विभाग के निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा, अन्यथा स्कूलों की मान्यता प्रत्याहरण की जाएगी. एडी बेसिक श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि 'शिक्षा निदेशक का पत्र सभी जिलों को भेजा गया है. आदेश में कहा गया है कि जब तक विद्यालय पूरे प्रवेश नहीं लेंगे उन्हें प्रतिपूर्ति भी नहीं होगी. साथ ही अब मान्यता के साथ रियायत का भी प्रत्याहरण होगा. कैंप लगाने के बाद जिन्होंने अब तक प्रवेश नहीं लिए हैं उन पर कार्रवाई होगी.'

जारी आदेश
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निदेशक ने अपने आदेश में दिए यह निर्देश


- विद्यालय प्रबंधक को बच्चों के भौतिक सत्यापन का कोई अधिकार नहीं.
- विद्यालय बच्चे की पुष्टि के लिए अभिलेख का मिलान कर सकते हैं. संशय की स्थिति में जनपदीय अधिकारी को लिखित सूचना देंगे.
- आरटीई के तहत प्रवेश न देने वाले स्कूलों पर तत्काल विभागीय मान्यता के प्रत्याहरण की कार्रवाई हो.
- फीस नहीं मिलने के आधार पर प्रवेश से वंचित नहीं किया जा सकता, ऐसे में सक्षम स्तर से दाखिला ने देने वाले स्कूल को मिलने वाली रियायत समाप्त की जाए.
- नवीन मान्यता के लिए आवेदन करने वाले स्कूलों को आरटीई के मानने होंगे राज्य के नियम, शपथ पत्र देंगे.

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