लखनऊ: शासन ने प्रदेश भर में संचालित सभी स्कूलों को बोर्ड से जुड़ी परीक्षाओं को कराने की छूट दे दी है. उत्तर प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव अनिल कुमार की ओर से शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं. आदेश में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में संचालित समस्त मान्यता प्राप्त विद्यालय सबंधित बोर्ड द्वारा निर्देशित परीक्षाएं कराई जा सकती हैं. इसके अलावा सभी परीक्षाओं को 20 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया है. इस दौरान संबंधित बोर्ड के निर्देश के अतिरिक्त कोई अन्य परीक्षा न कराई जाए.
आदेश को लेकर जताई नाराजगी
इस आदेश को लेकर अभिभावकों और छात्रों में नाराजगी है. अभिभावकों का कहना है कि राजधानी सहित प्रदेश के कई स्कूल सीबीएसई और सीआईएससी की ओर से छूट दिए जाने के बाद इन हालातों में प्रैक्टिकल परीक्षाएं करा रहे हैं. अभिभावक कल्याण संघ के अध्यक्ष प्रदीप कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अगर स्कूल चाहें तो इन परीक्षाओं को टाल सकते हैं. कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी शिक्षा बोर्ड ने अपने स्कूलों को उसकी छूट दे रखी है. इसके बावजूद संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों के बीच भी कई निजी स्कूल प्रैक्टिकल परीक्षाओं के लिए छात्रों को बुला रहे हैं. शासन की ओर से इस आदेश के बाद इनको और छूट मिल जाएगी.
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शहर के कई स्कूलों ने रद की प्रैक्टिकल परीक्षा
आईएससी की प्रैक्टिकल परीक्षाएं पहले ही स्थगित की जा चुकी है. राजधानी के सीबीएसई से जुड़े हुए बड़े स्कूल जैसे जी डी गोयनका पब्लिक स्कूल, लखनऊ पब्लिक स्कूल, रानी लक्ष्मीबाई सीनियर सेकेंडरी स्कूल सभी के संस्थानों ने बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए पहले ही प्रैक्टिकल परीक्षा स्थगित कर दी है. लेकिन कुछ निजी स्कूल ऐसे भी हैं जो इन खराब स्थितियों में भी प्रैक्टिकल परीक्षाएं कराने में अड़े हैं. माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री डॉक्टर आरपी मिश्रा का कहना है कि इस आदेश का फायदा ऐसे निजी स्कूलों को मिलेगा.