लखनऊः समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) ने दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति (Fee reimbursement) सत्र 2022-23 के लिए महाविद्यालयों के स्तर पर जिन छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है. उनका डाटा विश्वविद्यालय लेवल पर प्रमाणित कर विभाग को भेजने की डेट आगे बढ़ा दी है. समाज कल्याण विभाग ने 25 नवंबर से 30 नवंबर तक छात्रों के डाटा फॉरवर्ड करने के लिए आपने पोर्टल खोल दिया है. समाज कल्याण विभाग की ओर से 7 नवंबर तक स्कॉलरशिप के लिए आवेदन लिए गए थे तथा डाटा फॉरवर्ड करने की आखिरी तिथि 10 नवंबर थी. इसके बाद भी कई संस्थानों के डाटा उनके संबद्ध संस्थाओं द्वारा फॉरवर्ड करके नहीं भेजे सकते थे.
समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) ने छात्रवृत्ति वितरण के लिए जितनी छात्रों ने भी आवेदन किया है. उनका डाटा फॉरवर्ड करने के लिए 5 दिन के लिए अपने पोर्टल खोला है. इस निर्देश के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपने पांचों जिलों के सम्बद्ध 545 डिग्री कॉलेजों को हर हाल में 29 नवंबर तक छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने वाले छात्रों के आवेदन से की हार्ड कॉपी प्रमाणित एवं हस्ताक्षरित करके उसकी एक प्रति विश्वविद्यालय को उपलब्ध कराने को कहा है. इसके बाद विश्वविद्यालय कॉलेजों का डाटा प्रमाणित कर समाज कल्याण विभाग को भेजेगा. लखनऊ विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रोफेसर संजय मेधावी (Lucknow University Registrar Professor Sanjay Medhavi) ने बताया कि कॉलेजों को छात्रवृत्ति आवेदन करने वाले छात्रों का डाटा 4 सेट में प्रमाणित कर 29 नवंबर तक देना होगा. इसके बाद विश्वविद्यालय 30 नवंबर को सभी कॉलेजों का डाटा समाज कल्याण विभाग को अग्रसारित कर देगा. उन्होंने बताया कि इसके बाद भी अगर कोई कॉलेज अपना डाटा नहीं भेजता है तो उसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार होगा.
सत्र 2022 23 में छात्रवृत्ति के लिए दो चरणों में आवेदन लिया गया था. समाज कल्याण विभाग के अनुसार 7 नवंबर तक कक्षा 10 से ऊपर की कक्षाओं के अब तक कुल 61 लाख 90 हजार छात्र-छात्राएं आवेदन कर चुके हैं. इस बार अब तक 32 लाख ओबीसी, 14 लाख 60 हजार एससी, 5 लाख 30 हजार सामान्य वर्ग और 4 लाख 75 हजार अल्पसंख्यक वर्ग के छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है. वहीं प्री मैट्रिक यानि कक्षा दस से नीचे के एससी के छह लाख और सामान्य वर्ग के दो लाख छात्र-छात्राओं के आवेदन मंजूर हो गए हैं. वहीं प्राप्त जानकारी के अनुसार विश्वविद्यालय स्तर पर विभिन्न परीक्षाओं के परिणाम ना जारी होने से करीब 8 लाख से अधिक छात्र इस बार स्कॉलरशिप के लिए आवेदन नहीं कर पाए हैं. इसके लिए प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों की ओर से समाज कल्याण विभाग को पत्र लिखकर पोर्टल खोलने की मांग की गई थी. अभी तक इस पर कोई भी निर्णय नहीं लिया गया है.