लखनऊ : फ्री होल्ड संपत्तियों का नामांतरण शुरू करके लखनऊ विकास प्राधिकरण ने राजधानी में लाखों लोगों का खर्चा घटा दिया है. जो काम नगर निगम में लाखों रुपये में होता है वह लखनऊ विकास प्राधिकरण में अब मात्र ₹14050 में हो जाएगा. एलडीए ने पांच साल से बंद फ्री होल्ड संपत्तियों का म्यूटेशन शुरू कर दिया है. म्यूटेशन वह प्रक्रिया होती है. जिसमें एक संपत्ति एक व्यक्ति के नाम से हटकर दूसरे के नाम दर्ज हो जाती है. नगर निगम इस काम का सर्किल रेट का 1% शुल्क लेता है. लखनऊ विकास प्राधिकरण इसको मात्र ₹14050 में करेगा. ऐसे भी लोगों को भारी लाभ हो जाएगा.
लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा विकसित की गई समस्त योजनाओं में सृजित/निर्मित सम्पत्तियों के नामांतरण की कार्यवाही अब प्राधिकरण स्वयं करेगा. तीन दिन पहले एलडीए की ओर से की गई घोषणा के बाद में खुशखबरी यह है कि इसमें शुल्क भी कम लगेगा. प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने यह कदम उठाते हुए शुक्रवार को इस सम्बंध में आदेश जारी किये हैं. उपाध्यक्ष डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा फ्री-होल्ड रजिस्ट्री किए जाने के पश्चात कई आवंटियों द्वारा सम्पत्तियों को री-सेल किया जाता है. जिसमें क्रेता द्वारा सम्पत्ति का नामांतरण अपने पक्ष में किये जाने के लिए आवेदन किया जाता है. वहीं, विभिन्न प्रकरणों में आवंटी की मृत्यु हो जाने के बाद उत्तराधिकारी द्वारा नामांतरण के लिए आवेदन किया जाता है. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इससे पहले 2018 में इस प्रक्रिया पर कुछ गड़बड़ियों को देखते हुए रोक लगा दी थी.
पिछले पांच साल से केवल उनकी संपत्तियों का नामांतरण कर रहा था जिनका फ्रीहोल्ड नहीं हुआ था. अब सभी संपत्तियों का नामांतरण किया जा सकेगा. लखनऊ विकास प्राधिकरण के नामांतरण को लेकर उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि यह मालिकाना हक का प्रमाण भी होगा. नगर निगम का नामांतरण केवल टैक्स अप्रूवल के लिए होता है. वहां पर इस काम के लाखों रुपये लिए जाते हैं. प्रक्रिया भी बहुत लंबी होती है. शुल्क लेने की प्रक्रिया यह है कि जब पति का जो भी सर्किल रेट होता है उसका 1% शुल्क लिया जाता है. यही नहीं संपत्ति जितनी बार बिकती है शुल्क उसी दर से बढ़ता जाता है. एलडीए नामांतरण के तौर पर केवल ₹14050 अपने आवंटी से लेगा. जिसमें ₹9050 कागजात का शुल्क है. बाकी ₹5000 नामांतरण शुल्क होगा.