ETV Bharat / state

लखनऊ: परमिट पेनाल्टी के नाम पर RTO कार्यालय में घोटाला,विभाग को लाखों का चूना - उत्तर प्रदेश समाचार

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आरटीओ कार्यालय में परमिट की पेनाल्टी के नाम पर परिवहन विभाग के कर्मचारियों द्वारा घोटाला किए जाने का मामला सामने आया है. वहीं इस मामले में अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) ने जांच के आदेश दिए हैं.

RTO कार्यालय में घोटाला
RTO कार्यालय में घोटाला
author img

By

Published : Jul 29, 2020, 7:42 PM IST

लखनऊ: परिवहन विभाग में आए दिन घोटाले की खबरें सामने आती रहती हैं. ऐसा ही एक मामला राजधानी लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में सामने आया है. यहां कार्यालय के कर्मचारियों ने परमिट में जुर्माने के नाम पर लाखों रुपये का घोटाला किया है. जब मामले की गोपनीय शिकायत हुई तो कर्मचारियों के नाम कार्रवाई की नोटिस जारी की गई है. मामला संज्ञान में आने पर आरटीओ लखनऊ ने पूरे मामले की जांच शुरू की है. इस मामले में दो दिन में जांच रिपोर्ट परिवहन आयुक्त कार्यालय को सौंपी जानी है. आरोप तय होते ही दोषी कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

परिवहन आयुक्त कार्यालय द्वारा लिखा गया पत्र.
परिवहन आयुक्त कार्यालय द्वारा लिखा गया पत्र.

परिवहन आयुक्त कार्यालय को मिली थी गोपनीय शिकायत
दरअसल परिवहन आयुक्त कार्यालय को गोपनीय शिकायत मिली थी कि ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय के कर्मचारियों ने गाड़ी के परमिट में पेनाल्टी के नाम पर लाखों का घालमेल किया है. शिकायतकर्ता की तरफ से इसके पुख्ता सबूत परिवहन आयुक्त कार्यालय को सौंपे गए. इसके बाद अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) मुकेश चंद्र की तरफ से आरटीओ लखनऊ आरपी द्विवेदी को मामले की जांच सौंपी गई है. शिकायती पत्र में आरटीओ कार्यालय के सेवानिवृत्त आशुलिपिक नंदकिशोर मौर्य, सेवानिवृत्त वरिष्ठ सहायक अशोक कनौजिया, एनओसी हेल्पर राकेश मिश्रा, परमिट हेल्पर और प्रभारी जितेंद्र सिंह, हेल्पर कंप्यूटर राकेश पाल और डाटा एंट्री हेल्पर राजा पटेल को इस घोटाले का जिम्मेदार माना गया है.

RTO कार्यालय में घोटाला.

लाखों का घोटाला
अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) की तरफ से आरटीओ को भेजे गए लेटर में आरटीओ के स्टेनो अरुण यादव को भी जिम्मेदार माना गया है. पत्र में स्टेनो अरुण यादव द्वारा वाहन संख्या यूपी 32 बीएन 2448, यूपी 32 बीएन 2466, यूपी 32 बीएन 1593 का दंड शुल्क 55 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 3650 दिन के विलंब के लिए कुल धनराशि 9,00,000 रुपये की राजस्व हानि का उल्लेख है. दरअसल यहां के कर्मचारियों ने मिलकर पेनाल्टी के नाम पर वाहन स्वामी से तो पूरे पैसे वसूल किए, लेकिन पेनाल्टी का समय कम दिखा कर परिवहन विभाग को लाखों का चूना लगा दिया. शिकायती पत्र के बाद अब आरटीओ कार्यालय में खलबली मची हुई है. दो दिन के अंदर मामले की जांच पूरी कर आरटीओ को अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) को रिपोर्ट सौंपनी है. इसके बाद जिम्मेदार पाए जाने पर कर्मचारियों के खिलाफ परिवहन आयुक्त की तरफ से एक्शन लिया जाएगा.
वहीं आरटीओ आरपी द्विवेदी का इस मामले पर कहना है कि मामले की पत्रावली मंगाई है. पत्रावली मिल जाने पर इसकी जांच करेंगे कि मामला क्या है. पूर्व में यह मामला हुआ था अब इसमें पत्रावली मिलने पर सामने आएगा कि मामले में नियमानुसार पेनाल्टी जमा कराई गई है या नहीं.

लखनऊ: परिवहन विभाग में आए दिन घोटाले की खबरें सामने आती रहती हैं. ऐसा ही एक मामला राजधानी लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में सामने आया है. यहां कार्यालय के कर्मचारियों ने परमिट में जुर्माने के नाम पर लाखों रुपये का घोटाला किया है. जब मामले की गोपनीय शिकायत हुई तो कर्मचारियों के नाम कार्रवाई की नोटिस जारी की गई है. मामला संज्ञान में आने पर आरटीओ लखनऊ ने पूरे मामले की जांच शुरू की है. इस मामले में दो दिन में जांच रिपोर्ट परिवहन आयुक्त कार्यालय को सौंपी जानी है. आरोप तय होते ही दोषी कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

परिवहन आयुक्त कार्यालय द्वारा लिखा गया पत्र.
परिवहन आयुक्त कार्यालय द्वारा लिखा गया पत्र.

परिवहन आयुक्त कार्यालय को मिली थी गोपनीय शिकायत
दरअसल परिवहन आयुक्त कार्यालय को गोपनीय शिकायत मिली थी कि ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय के कर्मचारियों ने गाड़ी के परमिट में पेनाल्टी के नाम पर लाखों का घालमेल किया है. शिकायतकर्ता की तरफ से इसके पुख्ता सबूत परिवहन आयुक्त कार्यालय को सौंपे गए. इसके बाद अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) मुकेश चंद्र की तरफ से आरटीओ लखनऊ आरपी द्विवेदी को मामले की जांच सौंपी गई है. शिकायती पत्र में आरटीओ कार्यालय के सेवानिवृत्त आशुलिपिक नंदकिशोर मौर्य, सेवानिवृत्त वरिष्ठ सहायक अशोक कनौजिया, एनओसी हेल्पर राकेश मिश्रा, परमिट हेल्पर और प्रभारी जितेंद्र सिंह, हेल्पर कंप्यूटर राकेश पाल और डाटा एंट्री हेल्पर राजा पटेल को इस घोटाले का जिम्मेदार माना गया है.

RTO कार्यालय में घोटाला.

लाखों का घोटाला
अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) की तरफ से आरटीओ को भेजे गए लेटर में आरटीओ के स्टेनो अरुण यादव को भी जिम्मेदार माना गया है. पत्र में स्टेनो अरुण यादव द्वारा वाहन संख्या यूपी 32 बीएन 2448, यूपी 32 बीएन 2466, यूपी 32 बीएन 1593 का दंड शुल्क 55 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से 3650 दिन के विलंब के लिए कुल धनराशि 9,00,000 रुपये की राजस्व हानि का उल्लेख है. दरअसल यहां के कर्मचारियों ने मिलकर पेनाल्टी के नाम पर वाहन स्वामी से तो पूरे पैसे वसूल किए, लेकिन पेनाल्टी का समय कम दिखा कर परिवहन विभाग को लाखों का चूना लगा दिया. शिकायती पत्र के बाद अब आरटीओ कार्यालय में खलबली मची हुई है. दो दिन के अंदर मामले की जांच पूरी कर आरटीओ को अपर परिवहन आयुक्त (प्रशासन) को रिपोर्ट सौंपनी है. इसके बाद जिम्मेदार पाए जाने पर कर्मचारियों के खिलाफ परिवहन आयुक्त की तरफ से एक्शन लिया जाएगा.
वहीं आरटीओ आरपी द्विवेदी का इस मामले पर कहना है कि मामले की पत्रावली मंगाई है. पत्रावली मिल जाने पर इसकी जांच करेंगे कि मामला क्या है. पूर्व में यह मामला हुआ था अब इसमें पत्रावली मिलने पर सामने आएगा कि मामले में नियमानुसार पेनाल्टी जमा कराई गई है या नहीं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.