लखनऊ : सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने अवैध कमीशन का लेन-देन करने के मामले (Scam case in construction of NH 74) में निरुद्ध वोयांट्स साल्यूशंस के रेजीडेंट इंजीनियर अनिल कुमार सिंह व एसआरएससी इंफ्रा के कर्मचारी आनंद मोहन शर्मा की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने अभियुक्तों के अपराध को प्रथम दृष्टया गम्भीर करार देते हुए कहा है कि यह मामला जनता के पैसे से बनने वाली सड़क में किए गए आर्थिक अपराध का है.
सीबीआई का कहना था कि यह मामला राष्ट्रीय राजमार्ग-74 के सितारगंज-बरेली सेक्शन के निर्माण की परियोजना से जुड़ा है. मथुरा की निजी कम्पनी एसआरएससी को परियोजना के निर्माण का कार्य सौंपा गया था, जबकि गुरुग्राम की निजी कम्पनी वोयांट्स साल्यूशंस के रेजीडेंट इंजीनियर को परियोजना की प्रगति की निगरानी के लिए कंसल्टेंट नियुक्त किया गया था. एसआरएससी का करोड़ों का बिल पास करने के एवज में अनिल को लाखों रुपए का अवैध कमीशन आंनद के माध्यम से दिया गया. अनिल के पास से 14 लाख की रिश्वत की रकम के अलावा उसके घर से एक करोड़ 50 हजार रुपए तथा आंनद के पास से एक लाख व घर से 15 लाख रुपये की रकम बरामद हुई थी, जबकि एसआरएससी के ऑफिस से 39 लाख 29 हजार व इसके ब्रांच ऑफिस से 43 लाख रुपए बरामद हुए थे. 10 सितम्बर, 2022 को सीबीआई ने अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था.
नौ को पांच-पांच वर्ष की सजा : एडीजे विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने गैर इरादतन हत्या के एक मामले में अभियुक्त धनीराम, सुनील, रामदास, रामू, पप्पू, बच्चू, कुलदीप, मेड़ीलाल व स्वरुप को पांच वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्तों पर पांच-पांच हजार का जुर्माना भी लगाया है. अभियोजन के मुताबिक, नाली में मेड़ बांधने के विवाद में अभियुक्तों ने नन्हे राम को लाठी-डंडो से मारा पीटा था. उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी. 12 फरवरी, 2006 को इस मामले की एफआईआर मृतक के पुत्र मनोज पाल ने थाना चिनहट में दर्ज कराई थी.
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