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ग्रामीण बोले- महज कागजों पर चल रहा सैनिटाइजेशन, हकीकत कुछ और

उत्तर प्रदेश में शासन की ओर से सभी गांवों में सैनिटाइजेशन का आदेश है. फाइलें कह रही हैं कि सैनिटेशन का काम तेजी से चल रहा है लेकिन तमाम ग्रामीण लापरवाही की शिकायत कर रहे हैं.

लखनऊः
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Published : May 10, 2021, 6:27 PM IST

लखनऊः कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शासन की ओर से गांव-गांव सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया चलाने का दावा किया जा रहा है. इस बारे में आदेश भी जारी किए गए हैं, लेकिन असल में सैनिटाजेशन की प्रक्रिया में गड़बड़ी देखने को मिल रही हैं. तमाम लोग शिकायत कर रहे हैं कि उनके गांव में सैनिटाइजेशन नहीं हुआ है. देखें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट-

सैनिटाइजेशन की हकीकत
'तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है,मगर ये आंकड़े झूठे हैं, यह दावा किताबी है'

प्रसिद्ध कवि अदम गोंडवी की यह लाइनें तब याद आने लगीं, जब सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया की असलियत चेक की गई. लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम शेरपुर के ग्रामीणों ने जो हकीकत बताई, वह होश उड़ा देने वाली थी. ग्रामीणों ने बताया कि कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही उनके गांव में सैनिटाइजेशन नहीं किया गया. यानी कोरोना संक्रमण को फैले एक साल से ज्यादा हो गया और गांव में एक बार भी सैनिटाइजेशन नहीं हुआ. अधिकारियों से भी उन्हें सिर्फ आश्वासन मिल रहा है कि जल्द ही उनके गांव में भी सैनिटाइजेशन किया जाएगा.

ग्रामीणों के बोल...
गांव में रहने वाली नीतू मिश्रा ने बताया कि उनके गांव में अब तक सैनिटाइजेशन नहीं किया गया. छोटे-छोटे बच्चे बाहर खेलने जाते हैं तो मन में डर बना रहता है. नीतू का कहना है कि हम हर रोज टीवी पर और अखबारों में सैनिटाइजेशन की खबरें तो देख रहे हैं लेकिन उनके गांव में अब तक सैनिटाइजेशन के लिए कोई भी नहीं आया है.

गांव के ही संतोष बाजपेई ने बताया कि जब से महामारी की शुरुआत हुई है तब से लेकर अब तक गांव में एक बार भी सैनिटाइजेशन नहीं हुआ है. अधिकारियों से कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन अधिकारियों ने बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया.

भारतीय सेना में देश सेवा में लगे आशुतोष बाजपाई 15 दिन पहले छुट्टी पर अपने घर आए हैं. उन्होंने बताया कि जब से वह छुट्टी पर गांव आए हुए हैं, तब से लेकर अब तक सैनिटाइजेशन नहीं हुआ. वहीं लोगों में भी महामारी को लेकर अधिक जागरूकता नहीं है. साथ ही उनके गांव के आसपास कोई भी ऐसा सेंटर नहीं बनाया गया है, जहां पर कोविड टेस्ट कराया जा सके.

इसे भी पढ़ेंः गांवों में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सरकार युद्धस्तर पर करे काम: मायावती

कई हैं ऐसे गांव
लोगों का दावा है कि मोहनलालगंज जैसे कई गांव हैं, जिनमें सैनिटाइजेशन नहीं हुआ है. अब देखने वाली बात होगी कि आखिर कब सरकारी अधिकारी अपनी नींद से जागते हैं और गांव में सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया को शुरू करवाया जाता है.

लखनऊः कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शासन की ओर से गांव-गांव सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया चलाने का दावा किया जा रहा है. इस बारे में आदेश भी जारी किए गए हैं, लेकिन असल में सैनिटाजेशन की प्रक्रिया में गड़बड़ी देखने को मिल रही हैं. तमाम लोग शिकायत कर रहे हैं कि उनके गांव में सैनिटाइजेशन नहीं हुआ है. देखें ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट-

सैनिटाइजेशन की हकीकत
'तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है,मगर ये आंकड़े झूठे हैं, यह दावा किताबी है'

प्रसिद्ध कवि अदम गोंडवी की यह लाइनें तब याद आने लगीं, जब सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया की असलियत चेक की गई. लखनऊ के मोहनलालगंज विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम शेरपुर के ग्रामीणों ने जो हकीकत बताई, वह होश उड़ा देने वाली थी. ग्रामीणों ने बताया कि कोरोना संक्रमण की शुरुआत से ही उनके गांव में सैनिटाइजेशन नहीं किया गया. यानी कोरोना संक्रमण को फैले एक साल से ज्यादा हो गया और गांव में एक बार भी सैनिटाइजेशन नहीं हुआ. अधिकारियों से भी उन्हें सिर्फ आश्वासन मिल रहा है कि जल्द ही उनके गांव में भी सैनिटाइजेशन किया जाएगा.

ग्रामीणों के बोल...
गांव में रहने वाली नीतू मिश्रा ने बताया कि उनके गांव में अब तक सैनिटाइजेशन नहीं किया गया. छोटे-छोटे बच्चे बाहर खेलने जाते हैं तो मन में डर बना रहता है. नीतू का कहना है कि हम हर रोज टीवी पर और अखबारों में सैनिटाइजेशन की खबरें तो देख रहे हैं लेकिन उनके गांव में अब तक सैनिटाइजेशन के लिए कोई भी नहीं आया है.

गांव के ही संतोष बाजपेई ने बताया कि जब से महामारी की शुरुआत हुई है तब से लेकर अब तक गांव में एक बार भी सैनिटाइजेशन नहीं हुआ है. अधिकारियों से कई बार शिकायत भी की गई, लेकिन अधिकारियों ने बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया.

भारतीय सेना में देश सेवा में लगे आशुतोष बाजपाई 15 दिन पहले छुट्टी पर अपने घर आए हैं. उन्होंने बताया कि जब से वह छुट्टी पर गांव आए हुए हैं, तब से लेकर अब तक सैनिटाइजेशन नहीं हुआ. वहीं लोगों में भी महामारी को लेकर अधिक जागरूकता नहीं है. साथ ही उनके गांव के आसपास कोई भी ऐसा सेंटर नहीं बनाया गया है, जहां पर कोविड टेस्ट कराया जा सके.

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कई हैं ऐसे गांव
लोगों का दावा है कि मोहनलालगंज जैसे कई गांव हैं, जिनमें सैनिटाइजेशन नहीं हुआ है. अब देखने वाली बात होगी कि आखिर कब सरकारी अधिकारी अपनी नींद से जागते हैं और गांव में सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया को शुरू करवाया जाता है.

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