लखनऊ : यूपी में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, हालांकि कांग्रेस के बड़े नेताओं ने अखिलेश यादव से बात की और वाक युद्ध को विराम लगाने के लिए प्रदेश नेताओं को निर्देश दिया था, लेकिन ना तो कांग्रेस के नेताओं की बयानबाजी रुक रही है और न ही सपा की तरफ से. अब समाजवादी पार्टी ने राज्य कार्यकारिणी की बैठक की है, जिसमें सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव और शिवपाल सिंह यादव मौजूद थे.
बैठक में कई सारे मुद्दों पर चर्चा हुई. सूत्रों के मुताबिक, सबसे बड़ी बात बैठक से निकल करके आई है कि 'इंडिया' गठबंधन के बावजूद समाजवादी पार्टी अपने सिंबल पर 65 उम्मीदवारों को उतारेगी. सपा नेताओं का कहना है कि 'जिस तरीके से मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी को विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने झटका दिया, इस तरीके से उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव में सपा कांग्रेस को झटका देगी. सपा मुखिया अखिलेश यादव की इस रणनीति के बाद एक बार फिर से कांग्रेस और सपा नेताओं के बीच तल्खी और सियासी दूरियां बढ़ सकती हैं. सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पार्टी की बैठक में सभी नेताओं को यह दिशा निर्देश दिए हैं कि हम सभी 80 लोकसभा सीटों को केंद्रित करते हुए अपनी चुनावी तैयारी को आगे बढ़ाएंगे. अगर 'इंडिया' गठबंधन के साथ बात बनती है तो हम 65 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. सपा 65 सीटों पर चुनाव लड़ने के डिमांड करेगी. गठबंधन के लिए उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी कांग्रेस व अन्य दल के लिए 15 सीट छोड़ेगी.
सपा नेताओं का कहना है कि 'अखिलेश यादव मध्य प्रदेश में सीट न मिलने से बेहद नाराज हैं और कांग्रेस पार्टी के नेताओं की तरफ से जो बयानबाजी हुई, उससे वह लगातार खफा हैं. बावजूद उसके अभी तक अखिलेश यादव से कांग्रेस नेतृत्व की तरफ से बढ़ी हुई दूरियों को समाप्त करने को लेकर कोई बातचीत नहीं की गई है. ऐसे में अखिलेश यादव अब अपनी रणनीति को आगे बढ़ा रहे हैं और पूरे प्रदेश में अपने दम पर चुनाव लड़ने की कोशिशों में लगे हुए हैं. वह जानते हैं कि कांग्रेस पार्टी अपने स्तर पर भी चुनाव की पूरी तैयारी कर रही है. वह पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम का इंतजार कर रही है और यही कारण है कि उन्होंने मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी को सीट शेयर नहीं की, जबकि कांग्रेस ने राजस्थान चुनाव में रालोद के लिए पांच सीट शेयर की, इससे अखिलेश यादव खुद असहज भी महसूस कर रहे हैं. अखिलेश यादव ने पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं व पदाधिकारी को प्रदेश की सभी लोकसभा सीटों को विधानसभा स्तर पर काम करने की दिशा निर्देश दिए हैं. सूत्रों के मुताबिक, एक-एक नेता को एक-एक विधानसभा सीट की जिम्मेदारी दी है, जिससे सपा ने विधानसभा स्तर पर पार्टी को मजबूत करते हुए बूथ कमेटियों तक सक्रियता बढ़ाने की बात कही गई है. समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरफ से 65 सीटों पर चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद कांग्रेस पार्टी भी सामने आ गई है. कांग्रेस की तरफ से कहा गया है कि हम प्रदेश के सभी 80 सीटों पर तैयारी कर रहे हैं. गठबंधन के स्तर पर जो चीज तय होगी, उसके आधार पर आगे के फैसले किए जाएंगे. माना जा रहा है कि इस काम से कांग्रेस और सपा के बीच सियासी दूरियां बढ़ना स्वाभाविक है.'
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने कहा कि 'जो मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी का संगठन है इस तरह उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी का संगठन है और उसी के आधार पर ताकत है. समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में 65 सीटों पर दाव ठोक रही है. हम 65 सीटों पर चुनाव लड़ने की पूरी ताकत से लगे हुए हैं. अगर 'इंडिया' गठबंधन के अंतर्गत गठबंधन में 65 सीटों पर बात नहीं बनती है तो समाजवादी पार्टी अकेले दम पर 80 लोकसभा क्षेत्र पर चुनाव लड़ेगी और भारतीय जनता पार्टी को हराने का काम करेगी.'
इस मामले पर कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी कहते हैं कि 'कांग्रेस की प्रदेश की सभी सीटों पर पूरी तैयारी है. बूथ स्तर तक हम अपना संगठन खड़ा कर चुके हैं, पार्टी की तरफ से बूथ स्तर तक अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया है. भारतीय जनता पार्टी सरकार ने जो वादा खिलाफी जनता से की है और उसको लेकर जनता के बीच में जा रहे हैं. भाजपा सरकार ने 10 वर्षों में आम जनता के लिए कुछ नहीं किया, युवाओं के लिए कुछ नहीं किया, किसानों के लिए कुछ नहीं किया है. सिर्फ उद्योगपतियों के लिए काम करते रहे हैं. हम इन सब बातों को लेकर जनता के बीच पूरी तैयारी से जा रहे हैं. गठबंधन को लेकर जो प्रश्न हैं, उस पर राष्ट्रीय नेतृत्व का निर्णय अंतिम होगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हमारी तैयारी पूरी है, 2024 में भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बाहर उखाड़ना हमारा एकमात्र लक्ष्य है.'
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