लखनऊ : उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी में बसपा से जुड़े रहने वाले नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है. लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए अखिलेश यादव ने पार्टी नेताओं को लोकसभा क्षेत्रों की भी जिम्मेदारी देने का मन बनाया है. अखिलेश यादव जातीय समीकरण को भी इन नेताओं के सहारे आगे बढ़ाने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. इसके साथ ही अन्य दलों के साथ गठबंधन पर भी अखिलेश यादव का पूरा फोकस है, जिससे लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से सीधा मोर्चा लिया जा सकेगा.
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जातीय समीकरणों को दुरुस्त करते हुए लोकसभा चुनाव की तैयारियों को आगे बढ़ा रहे हैं. यही बड़ा कारण है कि जातीय समीकरण में फिट बैठने वाले पिछड़े और दलित समाज से आने वाले नेताओं को समाजवादी पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने का काम किया है. अब इनके सहारे इनके समाज के लोगों को समाजवादी पार्टी से जोड़ने का काम किया जाएगा. उनके समाज के लोगों के बीच सपा की रीति नीति और पूर्व में समाज के लिए किए गए कामकाज का लेखा जोखा भी बताने की रणनीति बनाई गई है. इसीलिए बसपा में रहे नेताओं को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राष्ट्रीय संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी दी है. उनकी मंशा है कि बहुजन समाज पार्टी में जो नेता रहे हैं और जिस जाति समाज से हैं उन्हें अगर बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी तो उनसे जुड़े उस समाज के लोगों को पार्टी से जोड़ने में आसानी हो सकेगी. इसी सोच को लेकर उन्होंने यह काम आगे बढ़ाने का फैसला किया है.
समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा कहते हैं कि 'समाजवादी पार्टी सभी वर्ग समाज के लोगों को साथ लेकर चलती है. दूसरी विचारधाराओं के जो भी नेता समाजवादी पार्टी के साथ जुड़े हैं उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गई है. समाज के नेताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी तो स्वाभाविक सी बात है उस समाज के लोगों के बीच भी अच्छा संदेश जाएगा. सबको साथ लेकर और सबको जिम्मेदारी देकर समाजवादी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने का काम करेगी.'
यह भी पढ़ें : द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल के निर्माता वसीम रिजवी को सरकार का नोटिस, जानें प्रतिक्रिया