लखनऊ : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान से समाजवादी पार्टी ने किनारा कर लिया है. समाजवादी पार्टी ने स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को निजी बयान बताया है और कहा है कि 'यह आस्था का विषय है. इस पर सवाल नहीं खड़े किए जा सकते हैं.' सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान के बाद सियासत गर्म हो गई है. भारतीय जनता पार्टी से लेकर अन्य राजनीतिक दलों की तरफ से भी इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई गई है और इसे आस्था के साथ खिलवाड़ बताया है.
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता, विधायक व प्रवक्ता रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि 'स्वामी प्रसाद मौर्य का रामचरित मानस को लेकर दिया गया बयान उनका निजी बयान है.' उन्होंने कहा कि 'समाजवादी पार्टी का स्टैंड नहीं है. राज नेताओं को महंगाई, भ्रष्टाचार, विकास और जनहित से जुड़े मुद्दों पर बोलना चाहिए. धार्मिक पुस्तक के बारे में उनको बोलने से बचना चाहिए, जिस दोहे के बारे में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा है उसमें ताड़ना का अर्थ परखना और पहचानना है. अज्ञानता वश उन्होंने ऐसी टिप्पणी की है. टिप्पणी करने से पहले उन्हें पूरा ज्ञान होना चाहिए. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के संज्ञान में यह पूरा विषय आ गया है. वह शीघ्र ही इस पर समुचित कार्यवाही करेंगे.'
प्रवक्ता ने किया ट्वीट : समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता आईपी सिंह ने ट्वीट करके स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने लिखा है कि 'आस्था पर सवाल नहीं होते, चाहे किसी भी धर्म के अनुयायी हों. तुलसीदास रचित रामचरित मानस पर सवाल उठाना सदैव अनुचित.'
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता व विधान परिषद सदस्य एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरितमानस को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने रामचरित मानस के दोहे और चौपाइयों पर आपत्ति भी जताई थी. मौर्य ने कहा कि 'रामचरित मानस को प्रतिबंधित कर देना चाहिए.' उन्होंने मांग की है कि अगर सरकार रामचरित मानस को प्रतिबंधित नहीं कर सकती है तो इन चौपाइयों को रामचरितमानस से निकाल देना चाहिए, जिनमें पिछड़ों दलितों का अपमान किया गया है.' सपा नेता ने कहा कि 'रामचरित मानस में सब बकवास है. क्या यही धर्म है, ऐसे धर्म का सत्यानाश हो. रामचरित मानस के कुछ हिस्सों पर मुझे आपत्ति है.'
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