लखनऊ: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह ने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक के सहकारिता में लूट के बयान पर पलटवार किया है. उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार सहकारिता विभाग को बजट नहीं दे रही है, किसानों का ऋण माफ नहीं किया जा रहा है और सरकार के स्वास्थ्य मंत्री छापामार डिप्टी सीएम बृजेश पाठक स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह से वेंटिलेटर पर ले गए हैं.
सपा महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने कहा है कि छापामार डिप्टी सीएम स्वास्थ्य विभाग को वेंटिलेटर पर डालने के बाद सहकारिता विभाग को वेंटिलेटर से हटाने की बात कर रहे हैं. ये हास्यास्पद है! सपा सरकार ने सहकारिता को सशक्त करने के लिए वैद्यनाथन समिति की संस्तुति लागू की थी. चर्चा में बने रहने के लिए क्या ऐसे ही बयानों को जरूरत है?
आज सहकारिता बजट लगभग नगण्य है. वहीं सपा शासन में किसानों के 2100 करोड़ रुपए की ऋण माफी के लिए ऐतिहासिक फैसला लिया गया था. डीसीबी की 25 (16 बंद व 9 बंदी की कगार पर खड़ी) शाखाओं को चालू कराया गया था. 3500 बंद पड़ी समितियों को प्रति समिति 5 लाख रुपए देकर उसके माध्यम से उर्वरक का वितरण किया गया.
प्रदेश सरकार के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने सहकारिता विभाग की एक बैठक में सहकारिता विभाग में मची लूट को लेकर सपा नेतृत्व पर हमला बोला था. कहा था कि समाजवादी सरकार में सहकारी बैंक लूट का अड्डा बन गई थी. बैंक के खजाने का अपने हितों के लिए उपयोग किया जा रहा था. नतीजतन बैंक डूबने की कगार पर पहुंच गईं. हालात यह हो गए थे कि नौ बैंक बंद हो गई थीं. महज पांच बैंकों का संचालन हो रहा है. योगी सरकार पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ रही है. लिहाजा सहकारी बैंक धीरे-धीरे उबरने लगी हैं. सहकारी ग्राम विकास बैंक ने भी रफ्तार पकड़ी है. डूबी बैंक फिर से उबर रही हैं. यह अधिकारीयों और कर्मचारियों की मेहनत का ही नतीजा है.
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