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लखनऊ: लॉकडाउन की अवधि में हुई वेतन की कटौती, सिटी बस कर्मियों की बढ़ी दिक्कत

देशभर में कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन की घोषणा की गई है. इस लॉकडाउन के दौरान केंद्र और राज्यों सरकारों की ओर से वेतन कटौती को लेकर सख्त आदेश दिए गए थे. इसके बावजूद लखनऊ सहित प्रदेश के कई शहरों में चलने वाली नगरीय बसों के चालकों और परिचालकों का वेतन काट दिया गया है. इससे इनमें काफी चिंता व्याप्त है.

वेतन में कटौती
वेतन में कटौती
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Published : Apr 21, 2020, 8:25 PM IST

लखनऊ: लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य कई प्रमुख शहरों में संचालित नगरीय परिवहन सेवा के तहत चल रही सिटी बसों के संविदा चालक और परिचालकों के मार्च माह के वेतन में कटौती की गई है. इससे कर्मचारियों के सामने संकट पैदा हो गया है. सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड में कार्यरतत संविदा कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र सिंह और महामंत्री गोविंद कुमार के अनुसार लखनऊ सहित आगरा, मथुरा, मेरठ, कानपुर, वाराणसी और प्रयागराज में संचालित सिटी बस सेवाओं के 40 फीसद संविदा चालक और परिचालकों के मार्च माह के वेतन भुगतान में 50 फीसद की कटौती कर ली गई है.

राजधानी के गोमतीनगर और दुबग्गा डिपो में कार्यरत 800 संविदाकर्मी भी वेतन कटौती की सूची में शामिल हैं. सिटी बस सेवा में कार्यरत इन संविदाकर्मियों का कहना है कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की तरफ से अभी तक यह स्पष्ट आदेश है कि किसी भी दशा में वेतन में कटौती नहीं की जाए, लेकिन इसके बावजूद सबसे पहले वेतन कटौती की कैंची हम संविदाकर्मियों पर ही चली. बताया गया कि इससे पहले चालकों और परिचालकों को किलोमीटर आधारित वेतन भुगतान होता रहा, लेकिन इस लॉकडाउन की अवधि में सिटी बस प्रबंधन के निर्देशानुसार अलग-अलग ढंग से वेतन काटकर भुगतान किया गया.

यूनियन प्रतिनिधियों का कहना है कि इस विषय को लेकर उन्होंने नगरीय परिवहन निदेशालय के संयुक्त सचिव से भी बात की थी. इसपर यही कहा गया कि सिटी बस प्रबंधन स्तर से जो भी वेतन राशि की डिमांड की जाती है, उसके अनुसार शासन से उक्त राशि की मांग की जाती है. संविदा कर्मचारी यूनियन का कहना है कि अगर पांच दिनों के अंदर वेतन कटौती की राशि नहीं लौटाई गई और अप्रैल माह का वेतन मई के पहले सप्ताह में नहीं दिया गया तो सभी संविदाकर्मी एकजुट होकर अपने परिवार के साथ सिटी बस प्रबंधन मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगे.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: कोरोना वायरस से लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहा रेलवे का बिजली विभाग

लखनऊ: लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य कई प्रमुख शहरों में संचालित नगरीय परिवहन सेवा के तहत चल रही सिटी बसों के संविदा चालक और परिचालकों के मार्च माह के वेतन में कटौती की गई है. इससे कर्मचारियों के सामने संकट पैदा हो गया है. सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड में कार्यरतत संविदा कर्मचारी यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र सिंह और महामंत्री गोविंद कुमार के अनुसार लखनऊ सहित आगरा, मथुरा, मेरठ, कानपुर, वाराणसी और प्रयागराज में संचालित सिटी बस सेवाओं के 40 फीसद संविदा चालक और परिचालकों के मार्च माह के वेतन भुगतान में 50 फीसद की कटौती कर ली गई है.

राजधानी के गोमतीनगर और दुबग्गा डिपो में कार्यरत 800 संविदाकर्मी भी वेतन कटौती की सूची में शामिल हैं. सिटी बस सेवा में कार्यरत इन संविदाकर्मियों का कहना है कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की तरफ से अभी तक यह स्पष्ट आदेश है कि किसी भी दशा में वेतन में कटौती नहीं की जाए, लेकिन इसके बावजूद सबसे पहले वेतन कटौती की कैंची हम संविदाकर्मियों पर ही चली. बताया गया कि इससे पहले चालकों और परिचालकों को किलोमीटर आधारित वेतन भुगतान होता रहा, लेकिन इस लॉकडाउन की अवधि में सिटी बस प्रबंधन के निर्देशानुसार अलग-अलग ढंग से वेतन काटकर भुगतान किया गया.

यूनियन प्रतिनिधियों का कहना है कि इस विषय को लेकर उन्होंने नगरीय परिवहन निदेशालय के संयुक्त सचिव से भी बात की थी. इसपर यही कहा गया कि सिटी बस प्रबंधन स्तर से जो भी वेतन राशि की डिमांड की जाती है, उसके अनुसार शासन से उक्त राशि की मांग की जाती है. संविदा कर्मचारी यूनियन का कहना है कि अगर पांच दिनों के अंदर वेतन कटौती की राशि नहीं लौटाई गई और अप्रैल माह का वेतन मई के पहले सप्ताह में नहीं दिया गया तो सभी संविदाकर्मी एकजुट होकर अपने परिवार के साथ सिटी बस प्रबंधन मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगे.

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