लखनऊ. उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह (Uttar Pradesh Minister of State for Transport (Independent Charge) Dayashankar Singh) ने निर्देश दिए हैं कि यात्रियों को सुरक्षित परिवहन व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए सर्दी में कोहरे को ध्यान में रखकर नियंत्रित, सुरक्षित बसों के संचालन के लिए विशेष अभियान चलाया जाए. अभियान मे बसों में निर्धारित क्वालिटी के रेट्रो रिफ्लेक्टिव टेप लगे हुए हों. सभी बसों की विद्युत वायरिंग की दशा ठीक हों, हेडलाइट, बैक लाइट, टेल लाइट, साइड इंडिकेटर लाइट और हार्न सही दशा में कार्यरत हों.
परिवहन मंत्री (transport minister) ने कहा है कि सभी बसों में आलवेदर बल्ब लगे हुए और कार्यरत हों, सभी बसो में वाइपर सही दशा में कार्य कर रहे हों और बसों के वाइपर आगे ब्लेड की लम्बाई सही हो. शीशा भली-भांति साफ रहें. सभी बसों की सभी खिड़कियों पर शीशे सही दशा और सही साइज के लगे हों और शीशे बंद करने और खोलने पर यात्रियों को असुविधा का सामना न करना पड़े. वाहनों में एसएलडी अवश्य कार्यरत हो, रियर व्यू मिरर लगा हो और स्टीयरिंग और ब्रेक सिस्टम का विशेष रूप से ध्यान रखा जाए. बसों के आउटशेडिंग के समय और मार्ग के अन्य स्टेशनों पर चालकों को कोहरे में सुरक्षित संचालन के लिए सावधान रहने के लिए जागरूक किया जाए. ऐसे बस स्टेशन जहाँ पर पूरी रात बसों का आवागमन होता है, रात्रि पाली के लिए सुपरवाइजर की तैनाती की जाए, जिन्हें कोहरे की स्थिति के दृष्टिगत बसों का संचालन यथावश्यक स्थगित/विलम्बित करने के लिए अधिकृत किया जाए. बस चालकों को दुर्घटना बाहुल्य स्थानों, ब्लैक स्पॉट और डायवर्जन्स की लगातार जानकारी दी जानी चाहिए.
रूट पर भेज दी गई टूटी विंडस्क्रीन वाली बस : लखनऊ के कैसरबाग बस स्टेशन से उप नगरीय डिपो की ऐसी बस सीतापुर के महमूदाबाद के लिए रवाना कर दी गई. जिसकी विंडस्क्रीन पूरी तरह गायब थी. ड्राइवर कंपकंपाते हुए बस चलाता रहा तो यात्री ठंड में ठिठुरते हुए यात्रा करने को मजबूर हुए. इस टूटे शीशे वाली बस का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो रोडवेज के अधिकारियों को ड्राइवर और यात्रियों की दिक्कतों का ख्याल आया. बस को वर्कशॉप में भेजकर दुरुस्त कराया गया. उपनगरीय डिपो की बस (यूपी 33 टी 3592) कैसरबाग से महमूदाबाद के लिए रविवार को रवाना हुई. आरटीआई एक्टिविस्ट विवेक शर्मा ने बस से सम्बंधित वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर परिवहन निगम के अधिकारियों को नींद से जगाने का काम किया.
अब ब्रेथ एनालाइजर से पकड़े जाएंगे नशेड़ी ड्राइवर-कंडक्टर : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बसों के चालक- परिचालक चेकिंग के दौरान अगर शराब का सेवन करते हुए पकड़े जाएंगे तो नौकरी से हाथ धो बैठेंगे. नशेड़ी ड्राइवर-कंडक्टरों को पकड़ने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक की तरफ से ब्रेथ एनालाइजर खरीदकर सभी चेकिंग अधिकारियों को उपलब्ध कराने के निर्देश हाल ही में जारी किए गए हैं. अब यूपीएसआरटीसी के सभी डिपो में ब्रेथ एनालाइजर वितरित किए जाएंगे.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक संजय कुमार ने बताया है कि निगम मुख्यालय केंद्रीय भण्डार की तरफ से 135 ब्रेथ अल्कोहल एनालाइजर की खरीद की गई है. सभी क्षेत्रों को ब्रेथ अल्कोहल एनालाइजर पूर्व में मांग के अनुसार आवंटित किए जाएंगे. यूपीएसआरटीसी के जनरल मैनेजर (टेक्निकल) व स्पोकपर्सन अजीत सिंह बताते हैं कि प्रबंध निदेशक की तरफ से दिए गए निर्देशों के क्रम में सभी क्षेत्रों के क्षेत्रीय प्रबंधकों/सेवा प्रबंधकों/सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक मार्गो पर वाहनों के चालकों का परीक्षण करेंगे. शराब की पुष्टि होने पर नियमानुसार सख्त अनुशासनिक कार्रवाई करेंगे. नशे की हालत में पाए जाने वाले संविदा चालक परिचालकों की संविदा समाप्त करेंगे और नियमित चालक परिचालक के नशे में पाए जाने पर उनका निलंबन कर जांच करेंगे. आरोप सही होने पर उन्हें भी नौकरी से बाहर निकाला जाएगा.
परिवहन मंत्री हुए चालक-परिचालक के कायल : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के चालक परिचालकों ने फिर एक ऐसा काम किया है कि उनके कायल उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री भी हो गए हैं. उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने जानकारी दी है कि हापुड़ बस डिपो के चालक शैतान सिंह और परिचालक आलोक ने बेहद सूझबूझ का परिचय दिया है. रविवार को लगभग 12 बजे हापुड़ डिपो की बस (यूपी 78 एफटी 8641) आनंद विहार से मैनपुरी मार्ग पर संचालित रोडवेज बस में बैठी एक महिला को खुर्जा के निकट प्रसव पीड़ा हुई. त्वरित निर्णय लेते हुए अपनी बस को तत्काल खुर्जा के निकट हॉस्पिटल में ले गए, जहां पर महिला ने हॉस्पिटल परिसर में बस में ही एक बच्चे को जन्म दिया. ट्रांसपोर्ट मिनिस्टर दयाशंकर सिंह ने बताया कि चालक परिचालक की सूझबूझ के कारण महिला की जान बची और बच्चा भी सुरक्षित रहा. उन्होंने बताया कि चालक एवं परिचालक प्रशंसा के पात्र हैं.
सीएम पोर्टल पर फर्जी बस स्टेशन मामले की जांच अभी भी लंबित : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारियों की लापरवाही का आलम यह है कि मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर की गई शिकायत पर अब तक कोई जवाब नहीं दिया गया है. शिकायतकर्ता महेंद्र पाल सिंह ने बताया कि दिसंबर 2020 में सहारनपुर क्षेत्र में जलालाबाद डिपो के नाम फर्जी बस डिपो संचालित किया जा रहा था. जिसकी जांच रिपोर्ट में मुख्यालय पर जलालाबाद डिपो के नाम से कोई रिकार्ड नहीं मिला. मुख्यालय के अफसरों ने इस मामले में दोषी अफसर पर बगैर कार्रवाई किए मामले को दबा दिया था. सीएम जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत के 20 दिन बाद भी इस मामले में कोई जवाब नहीं आया. जबकि सीएम पोर्टल पर कुछ मामलों में 24 घंटे और कुछ मामलों में तीन दिनों के अंदर शिकायत का निस्तारण करने का प्रावधान है.