लखनऊ: ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र सिंह उर्फ मोती सिंह ने योगी सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि 4 वर्षो में प्रदेश सरकार ने सराहनीय काम किया है और हर सेक्टर में काम किया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना से लेकर मनरेगा और अन्य विकास योजनाओं में बेहतरीन काम किया गया है.
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण
योजनान्तर्गत सभी बेघर परिवारों एवं कच्चे तथा जीर्ण-शीर्ण मकानों में रह रहे परिवारों को वर्ष 2022 तक बुनियादी सुविधायुक्त पक्का आवास उपलब्ध कराने का लक्ष्य. वर्ष 2016-17 से 2019-20 तक भारत सरकार द्वारा प्रदेश को 14.61 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य दिया गया, जिसके सापेक्ष 15 फरवरी, 2021 तक 14.34 लाख आवास पूर्ण और शेष आवास निर्माणाधीन है.
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण की स्थायी पात्रता सूची संतृप्त
वर्ष 2020-21 में आवास प्लस से भारत सरकार द्वारा प्रदेश को 7.32 लाख आवास निर्माण का लक्ष्य दिया गया, जिसके सापेक्ष अब तक 7.17 लाख आवासों की स्वीकृति करते हुए 6.84 लाख लाभार्थियों को प्रथम एवं 1.60 लाख लाभार्थियों को द्वितीय किश्त निर्गत. शेष आवासों के स्वीकृति की कार्यवाही प्रचलन में है. प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के लाभार्थियों को प्रधानमंत्री के करकमलों द्वारा 20 जनवरी, 2021 को प्रदेश के 6.10 लाख लाभार्थियों को प्रथम एवं द्वितीय किश्त की धनराशि का डिजिटल अन्तरण किया गया. उत्तर प्रदेश को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत गत वर्ष उत्कृष्ट कार्य के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सर्वाधिक 9 पुरस्कार दिए गए.
110.52 लाख श्रमिकों को मिला रोजगार
ग्राम्य विकास मंत्री राजेंद्र सिंह ने बताया कि विगत 4 वर्षों में 99.25 करोड़ मानव दिवस सृजित. वित्तीय वर्ष 2020-2021 में 110.52 लाख श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया. 460978 परिवारों को 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया गया, जो योजना आरम्भ से सर्वाधिक है. कोरोना महामारी के दौरान विभिन्न प्रदेशों से लौटकर आए 12.52 लाख प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया गया. मनरेगा के तहत इच्छुक श्रमिकों द्वारा कार्य की मांग का आवेदन अब मोबाईल नं. 09454464999 एवं 9454465555 पर एसएमएस के माध्यम से भी किया जा सकता है.
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन
मुख्य मंत्री के मार्गदर्शन एवं मंत्री ग्राम्य विकास एवं समग्र ग्राम विकास विभाग के दिशा निर्देशन में वर्तमान वित्तीय वर्ष में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन का क्रियान्वयन इन्टेन्सिव रणनीति के अन्तर्गत राज्य के 75 जनपदों के 592 विकास खंडों में किया जा रहा है, जिसको अगामी वित्तीय वर्ष 2021-22 से प्रदेश के सभी 826 विकास खंडो में सघन रणनीति के अनुसार आच्छादन के लिए प्रक्रिया प्रारंभ की जा चुकी है. अभी तक कुल 4.22 लाख स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 44.47 लाख परिवारों को आच्छादित किया गया है. पिछले दो वर्षो में कुल 192524 स्वयं सहायता समूहों का गठन करते हुए 21 लाख से अधिक परिवारों को आच्छादित किया गया है.
विगत दो वर्षो में कुल 118688 स्वयं सहायता समूहों को 15000 रूपए प्रति समूह की दर से रिवॉल्विंग फंड, 102494 स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक निवेश निधि के रूप में 110000 रूपए प्रति समूह की दर से वितरण, 70846 स्वयं सहायता समूहों को आजीविका सम्बंधित गतिबिधियों से आच्छादन के लिए बैंक क्रेडिट लिंकेज द्वारा ऋण की उपलब्धता कराई गई है.