लखनऊ: राजधानी में कई ट्रैवल एजेंसियां संचालित हो रही हैं. यह सभी ट्रैवल एजेंसी आरटीओ में रजिस्टर्ड होनी चाहिए यह नियम है, लेकिन आरटीओ के संज्ञान में आया है कि तमाम ट्रैवल एजेंसियां बिना आरटीओ से अनुमति लिए ही संचालित हो रही हैं. धडल्ले से वाहनों की बुकिंग कर रही हैं. अब ऐसी ट्रैवल एजेंसियों के संचालकों के लिए आरटीओ की तरफ से फरमान जारी किया गया है. साफतौर पर कहा गया कि बिना संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय से टिकट बिक्री लाइसेंस प्राप्त किए बुकिंग का कार्य न करें, जो ट्रैवेल एजेंसी अब ऐसा करते हुए पकड़ी जाएंगी तो नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें.
लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में तैनात सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी (प्रशासन) संजय तिवारी ने बताया कि सामने आया है कि लखनऊ शहर में संचालित विभिन्न ट्रैवल एजेंसी जिनके द्वारा वाहनों को बुक किए जाने का कार्य किया जाता है. नियम यह है कि सभी ट्रैवल एजेंसी को संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में अपनी ट्रैवल एजेंसी/फर्म के नाम टिकट बिक्री अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) प्राप्त करने के बाद ही बुकिंग का कार्य किया जा सकता है, लेकिन यह देखने में आया है कि ट्रैवल एजेंसियां बिना संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में ट्रैवल एजेंसी के नाम टिकट बिक्री प्राप्त किए ही वाहनों को बुकिंग कराने का कार्य कराया जा रहा है.
सभी ट्रेवल एजेंटों के स्वामियों को सूचना भेजी गई है कि वे बिना संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय से टिकट बिक्री अनुज्ञप्ति प्राप्त किए बुकिंग का कार्य न करें. वे अपनी-अपनी ट्रैवेल एजेंसी के नाम टिकट बिक्री अनुज्ञप्ति (लाइसेंस) मोटरयान अधिनियम 1968 की धारा 93 और उत्तर प्रदेश मोटरयान नियमावली 1998 के नियम 124 के अंतर्गत 10 दिन के अंदर संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में लाइसेंस प्राप्त करें, नहीं तो उनके खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम आईपीसी की सुसंगत धाराओं में कार्रवाई की जाएगी.
आरटीओ की तरफ से इस तरह का पत्र जारी होने के बाद अब बिना लाइसेंस के चल रहीं ट्रैवल एजेंसी के संचालकों को हरहाल में आरटीओ से अनुमति लेनी होगी. अगर ऐसा नहीं करते हैं तो प्रवर्तन दस्ते शहरभर में अभियान चलाकर ऐसे फर्जी ट्रैवल एजेंसी संचालकों पर कार्रवाई करेंगे.