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आरटीओ के नाम से कर्मचारियों ने मोबाइल में सेव किए थे नंबर, एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने लगा दी क्लास - ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने में समस्या

राजधानी लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में अचानक पहुंचे एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (आईटी) निर्मल प्रसाद को कई खामियां मिलीं. इसको लेकर उन्होंने कर्मचारियों को सख्त अल्टीमेटम दिया है.

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Published : Jul 18, 2023, 4:37 PM IST

लखनऊ : ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में इन दिनों सीनियर अफसर लगातार छापेमारी कर रहे हैं. दो दिन पहले ही लखनऊ जोन के डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अचानक आरटीओ कार्यालय पहुंच गए थे और उन्होंने कार्यालय की कार्यशैली पर नाराजगी जताई थी. इसके बाद एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (आईटी) भी अचानक आरटीओ कार्यालय का निरीक्षण करने जा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने आरटीओ कार्यालय के कर्मचारियों के मोबाइल फोन चेक किए. मोबाइल में साथियों के नंबर आरटीओ के नाम से फीड किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई. कर्मचारियों को अल्टीमेटम दिया कि कर्मचारी के नाम का कोई भी नंबर मोबाइल में आरटीओ से नाम से फीड न हो. अगर अगली बार ऐसा मामला सामने आया तो नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को कर्मचारियों की मॉनिटरिंग करने की नसीहत दी है.

एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने कर्मचारियों की लगाई क्लास.
एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने कर्मचारियों की लगाई क्लास.
परिवहन विभाग के एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (आईटी) निर्मल प्रसाद शनिवार दोपहर अचानक आरटीओ कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने आरटीओ कार्यालय में किए जा रहे कामकाज की समीक्षा की. उन्होंने वाहन और ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित लंबित आवेदनों को लेकर अधिकारियों की जमकर क्लास ली. एआरटीओ (प्रशासन) अखिलेश द्विवेदी से उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के आवेदन लंबित न रहने पाएं, इस ओर गंभीरता से ध्यान दिया जाए. ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित कामकाज कर रहे कर्मचारियों की कार्यशैली को परखा.

एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने निजी कंपनियों के कर्मचारियों के पटल बदलने के निर्देश दिए. कहा कि 15 दिन के अंदर कर्मचारियों के काउंटर बदले जाएं. इसके बाद उन्होंने कर्मचारियों के मोबाइल भी चेक कराए जिसमें कई संदिग्ध नंबर भी मिले. इस पर एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने नाराजगी व्यक्त की. आरटीओ लिखकर सेव किए गए नामों पर उन्होंने सभी से जवाब तलब किया. साथ ही चेतावनी दी कि अगर किसी के मोबाइल में दोबारा संदिग्ध नंबर सेव पाया गया तो किसी भी कीमत पर नौकरी नहीं बचेगी. आरटीओ से संबंधित कई काउंटरों के काम अलग-अलग तरह से निपटाए जाने पर भी उन्होंने अधिकारियों की क्लास ली. आरटीओ कार्यालय के कई बाबुओं को भी उन्होंने निशाने पर लिया.





यह भी पढ़ें : फिरोजाबाद में नाबालिग का अपहरण और दुष्कर्म, दोषी को 20 साल कैद की सजा

लखनऊ : ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में इन दिनों सीनियर अफसर लगातार छापेमारी कर रहे हैं. दो दिन पहले ही लखनऊ जोन के डिप्टी ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अचानक आरटीओ कार्यालय पहुंच गए थे और उन्होंने कार्यालय की कार्यशैली पर नाराजगी जताई थी. इसके बाद एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (आईटी) भी अचानक आरटीओ कार्यालय का निरीक्षण करने जा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने आरटीओ कार्यालय के कर्मचारियों के मोबाइल फोन चेक किए. मोबाइल में साथियों के नंबर आरटीओ के नाम से फीड किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई. कर्मचारियों को अल्टीमेटम दिया कि कर्मचारी के नाम का कोई भी नंबर मोबाइल में आरटीओ से नाम से फीड न हो. अगर अगली बार ऐसा मामला सामने आया तो नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा. उन्होंने अधिकारियों को कर्मचारियों की मॉनिटरिंग करने की नसीहत दी है.

एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने कर्मचारियों की लगाई क्लास.
एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने कर्मचारियों की लगाई क्लास.
परिवहन विभाग के एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर (आईटी) निर्मल प्रसाद शनिवार दोपहर अचानक आरटीओ कार्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने आरटीओ कार्यालय में किए जा रहे कामकाज की समीक्षा की. उन्होंने वाहन और ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित लंबित आवेदनों को लेकर अधिकारियों की जमकर क्लास ली. एआरटीओ (प्रशासन) अखिलेश द्विवेदी से उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के आवेदन लंबित न रहने पाएं, इस ओर गंभीरता से ध्यान दिया जाए. ड्राइविंग लाइसेंस से संबंधित कामकाज कर रहे कर्मचारियों की कार्यशैली को परखा.

एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने निजी कंपनियों के कर्मचारियों के पटल बदलने के निर्देश दिए. कहा कि 15 दिन के अंदर कर्मचारियों के काउंटर बदले जाएं. इसके बाद उन्होंने कर्मचारियों के मोबाइल भी चेक कराए जिसमें कई संदिग्ध नंबर भी मिले. इस पर एडिशनल ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने नाराजगी व्यक्त की. आरटीओ लिखकर सेव किए गए नामों पर उन्होंने सभी से जवाब तलब किया. साथ ही चेतावनी दी कि अगर किसी के मोबाइल में दोबारा संदिग्ध नंबर सेव पाया गया तो किसी भी कीमत पर नौकरी नहीं बचेगी. आरटीओ से संबंधित कई काउंटरों के काम अलग-अलग तरह से निपटाए जाने पर भी उन्होंने अधिकारियों की क्लास ली. आरटीओ कार्यालय के कई बाबुओं को भी उन्होंने निशाने पर लिया.





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