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RTO Lucknow News : रोजाना सर्वर ठप होने की समस्या से जूझ रहे आवेदक, आरटीओ के पास नहीं समाधान

आरटीओ लखनऊ (RTO Lucknow News) में रोजाना सर्वर ठप होने की समस्या बरकरार है. इसके चलते काउंटर पर पहुंचने वाले लोगों और कर्मचारियों के बीच अक्सर नोकझोंक और कहासुनी होती है. शनिवार को भी सर्वर ठप हुआ और काउंटर पर मौजूद लोगों के बीच कहासुनी हुई और इसके बाद कुछ देर तक हंगामा भी हुआ.

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Published : Mar 6, 2023, 10:15 AM IST

लखनऊ : राजधानी के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में शायद ही ऐसा कोई दिन हो जब सर्वर ठप न होता हो और आवेदकों को मजबूरन हंगामा करने के लिए बाध्य ना होना पड़ता हो. सर्वर ठप होने की समस्या आरटीओ कार्यालय में आम है, लेकिन इस पर अधिकारियों का कोई खास ध्यान नहीं जाता है. इस वजह से काम कराने आने वाले आवेदकों को बैरंग ही वापस लौटना पड़ जाता है. इसमें उनके समय के साथ ही पैसे की भी बर्बादी होती है. शनिवार को एक बार फिर आरटीओ का सर्वर दगा दे गया. इसके बाद काउंटर पर मौजूद कर्मचारियों से आवेदकों ने खूब कहासुनी की.

ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ कार्यालय में एनआईसी का सर्वर ठप होने से आवेदकों ने खूब हंगामा किया. सर्वर की समस्या से कार्यालय परिसर के सारथी भवन में काउंटर पर आवेदक घंटों कतार में खड़े रहे. कोई काम न होते देख परेशान आवेदकों ने काउंटर के कर्मचारी से जानकारी ली तो पता चला कि सर्वर ही ठप है, काम हो ही नहीं पाएगा. इसके बाद आवेदक भड़क गए और हंगामा करने लगे. सर्वर ठप होने से डीएल और वाहन संबंधी सभी काम नहीं हुए. टाइम स्लॉट लेकर डीएल बनवाने पहुंचे सैकड़ों आवेदकों को निराशा हाथ लगी. राजाजीपुरम से डीएल नवीनीकरण कराने पहुंचे राजीव मल्होत्रा के मुताबिक दो घंटे लाइन में खड़े रहे फिर भी काम नहीं हुआ. अधिकारी सर्वर ठप होने की बात कहकर आवेदकों को टहला रहे है. सर्वर में तकनीकी खामियों को लेकर आए दिन आवेदकों की अधिकारियों से कहासुनी हो रही है. बावजूद आरटीओ में सर्वर स्लो होने या बंद होने की दिक्कत बदस्तूर जारी है.
एआरटीओ (प्रशासन) अखिलेश द्विवेदी के मुताबिक सर्वर स्लो होने की बड़ी समस्या है. कई बार मुख्यालय को पत्र भेजकर अवगत कराया गया, लेकिन मुख्यालय स्तर पर सर्वर की गड़बड़ी दूर करने के लिए आज तक कोई कदम नहीं उठाया गया.


फर्जी विज्ञापन लगाकर सिखा रहे थे कार चलाना, एआरटीओ ने सीज की कार : शहर में मोटर ट्रेनिंग स्कूल की आड़ में कार संचालक अपना निजी फायदा उठा रहे हैं. मोटर ट्रेनिंग स्कूल है भी नहीं फिर भी कार चलाना सीखें का फर्जी विज्ञापन लगाकर लोगों को ठग रहे हैं, साथ ही परिवहन विभाग को भी चूना लगा रहे हैं. शनिवार को ऐसे ही एक कार चालक को राजू को एआरटीओ ने पकड़ लिया. कार पर मोटर कार चलाना सीखें का विज्ञापन लगा था. एआरटीओ प्रवर्तन अमित राजन राय की टीम ने शहीद पथ के पास से कार पकड़ी. जांच में वाहन चालक के पास कागजात नहीं मिले. कार को सीज कर थाने में बंद करा दिया गया.

स्कूली वाहनों के लिए पुलिस ने जारी की गाइडलाइ : स्कूली वाहनों से होने वाले हादसों को लेकर राजधानी पुलिस कमिश्नरेट सख्त हो गई है. ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर पियूष मोर्डिया ने सभी स्कूल प्रबंधकों के लिए दिशा निर्देश देकर बच्चों को स्कूल ले जाने वाले वाहनों के लिए यातायात मानकों को पालन करवाने के लिए कहा है. साथ ही अभिभावकों से भी जागरूक रहने की अपील की है.

यह हैं दिशा निर्देश : कुछ वैन, ऑटो, रिक्शा, ई-रिक्शा वाहनों में बच्चों को स्कूल लाते व वापस ले जाते समय क्षमता से अधिक संख्या में बैठाया जाता है. यहां तक की उनकी बेंचनुमा सीटों को वाहन के मुख्य भाग से बाहर निकालकर बढ़ाया जाता है. इससे बच्चों की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न होता है. ऐसे में इस पर रोक लगे. स्कूल प्रबंधक एवं अभिभावकों को बच्चों की सुरक्षा एवं सुविधा की दृष्टि से यह ध्यान अवश्य देना होगा कि जिन वाहनों से बच्चे स्कूल जा रहे हैं. वे निर्धारित मानकों के मुताबिक हों. साथ ही चालक को कम से कम 5 साल का वाहन चलाने का अनुभव हो. वाहन पीले रंग का हो और बीच में नीले रंग की पट्टी पर आगे-पीछे स्कूल का नाम एवं फोन नम्बर स्पष्ट रूप में अंकित हो तथा निर्धारित क्षमता से अधिक बच्चे ना हों. प्रत्येक स्कूल वाहन में हॉरिजोंटल ग्रिल (जाली) व आग बुझाने के उपकरणों के साथ-साथ चिकित्सा बॉक्स की व्यवस्था होनी चाहिए. वाहन एवं चालक के ड्राईविंग लाईसेंस का सत्यापन RTO कार्यालय से कराया जाना अति आवश्यक है. चालक यदि आपराधिक प्रवृत्ति का या नशे का सेवन करने वाला हो तो उसे कदापि न रखा जाए. स्कूल प्रबन्धन को बच्चों के हितों को देखते हुए अभिभावकों के साथ मीटिंग आयोजित करके वार्ता की जानी चाहिए. स्कूल प्रबंधन एवं अभिभावकों को यदि ऐसा प्रतीत होता है कि सभी शर्तों को पूरा कराने के बाद भी कोई वाहन स्वामी / चालक सुरक्षा मानकों की अवहेलना कर रहा है तो इस सम्बन्ध में स्थानीय पुलिस व डायल 112 को सूचित करें.

यह भी पढ़ें : Railway News : काउंटर खुलते होते ही बुक हो गईं तत्काल कोटे की 80 फीसदी सीटें

लखनऊ : राजधानी के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आरटीओ कार्यालय में शायद ही ऐसा कोई दिन हो जब सर्वर ठप न होता हो और आवेदकों को मजबूरन हंगामा करने के लिए बाध्य ना होना पड़ता हो. सर्वर ठप होने की समस्या आरटीओ कार्यालय में आम है, लेकिन इस पर अधिकारियों का कोई खास ध्यान नहीं जाता है. इस वजह से काम कराने आने वाले आवेदकों को बैरंग ही वापस लौटना पड़ जाता है. इसमें उनके समय के साथ ही पैसे की भी बर्बादी होती है. शनिवार को एक बार फिर आरटीओ का सर्वर दगा दे गया. इसके बाद काउंटर पर मौजूद कर्मचारियों से आवेदकों ने खूब कहासुनी की.

ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ कार्यालय में एनआईसी का सर्वर ठप होने से आवेदकों ने खूब हंगामा किया. सर्वर की समस्या से कार्यालय परिसर के सारथी भवन में काउंटर पर आवेदक घंटों कतार में खड़े रहे. कोई काम न होते देख परेशान आवेदकों ने काउंटर के कर्मचारी से जानकारी ली तो पता चला कि सर्वर ही ठप है, काम हो ही नहीं पाएगा. इसके बाद आवेदक भड़क गए और हंगामा करने लगे. सर्वर ठप होने से डीएल और वाहन संबंधी सभी काम नहीं हुए. टाइम स्लॉट लेकर डीएल बनवाने पहुंचे सैकड़ों आवेदकों को निराशा हाथ लगी. राजाजीपुरम से डीएल नवीनीकरण कराने पहुंचे राजीव मल्होत्रा के मुताबिक दो घंटे लाइन में खड़े रहे फिर भी काम नहीं हुआ. अधिकारी सर्वर ठप होने की बात कहकर आवेदकों को टहला रहे है. सर्वर में तकनीकी खामियों को लेकर आए दिन आवेदकों की अधिकारियों से कहासुनी हो रही है. बावजूद आरटीओ में सर्वर स्लो होने या बंद होने की दिक्कत बदस्तूर जारी है.
एआरटीओ (प्रशासन) अखिलेश द्विवेदी के मुताबिक सर्वर स्लो होने की बड़ी समस्या है. कई बार मुख्यालय को पत्र भेजकर अवगत कराया गया, लेकिन मुख्यालय स्तर पर सर्वर की गड़बड़ी दूर करने के लिए आज तक कोई कदम नहीं उठाया गया.


फर्जी विज्ञापन लगाकर सिखा रहे थे कार चलाना, एआरटीओ ने सीज की कार : शहर में मोटर ट्रेनिंग स्कूल की आड़ में कार संचालक अपना निजी फायदा उठा रहे हैं. मोटर ट्रेनिंग स्कूल है भी नहीं फिर भी कार चलाना सीखें का फर्जी विज्ञापन लगाकर लोगों को ठग रहे हैं, साथ ही परिवहन विभाग को भी चूना लगा रहे हैं. शनिवार को ऐसे ही एक कार चालक को राजू को एआरटीओ ने पकड़ लिया. कार पर मोटर कार चलाना सीखें का विज्ञापन लगा था. एआरटीओ प्रवर्तन अमित राजन राय की टीम ने शहीद पथ के पास से कार पकड़ी. जांच में वाहन चालक के पास कागजात नहीं मिले. कार को सीज कर थाने में बंद करा दिया गया.

स्कूली वाहनों के लिए पुलिस ने जारी की गाइडलाइ : स्कूली वाहनों से होने वाले हादसों को लेकर राजधानी पुलिस कमिश्नरेट सख्त हो गई है. ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर पियूष मोर्डिया ने सभी स्कूल प्रबंधकों के लिए दिशा निर्देश देकर बच्चों को स्कूल ले जाने वाले वाहनों के लिए यातायात मानकों को पालन करवाने के लिए कहा है. साथ ही अभिभावकों से भी जागरूक रहने की अपील की है.

यह हैं दिशा निर्देश : कुछ वैन, ऑटो, रिक्शा, ई-रिक्शा वाहनों में बच्चों को स्कूल लाते व वापस ले जाते समय क्षमता से अधिक संख्या में बैठाया जाता है. यहां तक की उनकी बेंचनुमा सीटों को वाहन के मुख्य भाग से बाहर निकालकर बढ़ाया जाता है. इससे बच्चों की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न होता है. ऐसे में इस पर रोक लगे. स्कूल प्रबंधक एवं अभिभावकों को बच्चों की सुरक्षा एवं सुविधा की दृष्टि से यह ध्यान अवश्य देना होगा कि जिन वाहनों से बच्चे स्कूल जा रहे हैं. वे निर्धारित मानकों के मुताबिक हों. साथ ही चालक को कम से कम 5 साल का वाहन चलाने का अनुभव हो. वाहन पीले रंग का हो और बीच में नीले रंग की पट्टी पर आगे-पीछे स्कूल का नाम एवं फोन नम्बर स्पष्ट रूप में अंकित हो तथा निर्धारित क्षमता से अधिक बच्चे ना हों. प्रत्येक स्कूल वाहन में हॉरिजोंटल ग्रिल (जाली) व आग बुझाने के उपकरणों के साथ-साथ चिकित्सा बॉक्स की व्यवस्था होनी चाहिए. वाहन एवं चालक के ड्राईविंग लाईसेंस का सत्यापन RTO कार्यालय से कराया जाना अति आवश्यक है. चालक यदि आपराधिक प्रवृत्ति का या नशे का सेवन करने वाला हो तो उसे कदापि न रखा जाए. स्कूल प्रबन्धन को बच्चों के हितों को देखते हुए अभिभावकों के साथ मीटिंग आयोजित करके वार्ता की जानी चाहिए. स्कूल प्रबंधन एवं अभिभावकों को यदि ऐसा प्रतीत होता है कि सभी शर्तों को पूरा कराने के बाद भी कोई वाहन स्वामी / चालक सुरक्षा मानकों की अवहेलना कर रहा है तो इस सम्बन्ध में स्थानीय पुलिस व डायल 112 को सूचित करें.

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