लखनऊ : जल्द ही परिवहन विभाग के प्रवर्तन दस्ते हाईटेक हो जाएंगे. आरटीओ (प्रवर्तन), एआरटीओ प्रवर्तन को अब परिवहन विभाग ऐसे नए हाईटेक स्कॉर्पियो इंटरसेप्टर वाहन उपलब्ध कराएगा, जिसमें ऐसी मशीन लगी होगी जो 500 मीटर की दूरी से ओवर स्पीड वाहनों का ऑटोमेटिक चालान कर देगी. ऐसे नए 66 इंटरसेप्टर वाहन परिवहन विभाग के अधिकारियों के लिए आ रहे हैं. इनमें से पहले चरण में 38 स्कॉर्पियो इंटरसेप्टर कार बनकर लगभग तैयार हैं. परिवहन आयुक्त ने बताया कि 'प्रवर्तन अधिकारियों को इस तरह के इंटरसेप्टर वाहन उपलब्ध कराए जाने से सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन कराना आसान हो सकेगा.'
सड़क सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन करना अब वाहन स्वामियों को भारी पड़ने वाला है. अगर वाहनों की ओवर स्पीडिंग की या फिर और कोई भी नियम तोड़ा तो अब चालान से बच पाना असंभव हो जाएगा. वजह है कि अब परिवहन विभाग हाईटेक इंटरसेप्टर वाहनों से लैस होने जा रहा है. परिवहन विभाग की तरफ से प्रदेश भर के आरटीओ और एआरटीओ को चेकिंग अभियान चलाने के लिए हाईटेक इंटरसेप्टर कारें बहुत जल्द उपलब्ध कराई जाएंगी. परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि '38 इंटरसेप्टर वाहन बनकर तैयार हो चुकी हैं. जैसे ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ से उद्घाटन के लिए समय मिल जाएगा, इन इंटरसेप्टर कारों को मंडल स्तर पर आरटीओ प्रवर्तन और जिलों पर एआरटीओ प्रवर्तन को सौंप दिया जाएगा. पहले चरण में 38 इंटरसेप्टर वाहन तो दूसरे चरण में 28 इंटरसेप्टर वाहन इंफोर्समेंट ऑफिसर को मिलेंगे. जितने प्रवर्तन अधिकारी शेष रह जाएंगे उन्हें अगले साल यह इंटरसेप्टर वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे.'
कई आधुनिक खूबियों से लैस है कार : परिवहन विभाग के अधिकारी बताते हैं कि 'इंटरसेप्टर कार में कई खासियत होंगी, जिससे अभियान चलाने में अधिकारियों को आसानी होगी. खासियत यह होगी कि इसमें पीछे की सीट पर लेजर स्पीड गन लगाई गई है. हाईटेक कैमरा भी है जो लंबी दूरी से ओवर स्पीड वाहन का चालान करने में सक्षम है. 500 मीटर की दूरी से ही इंटरसेप्टर कार में लगी लेजर स्पीड गन ऑटोमेटिक चालान कर देगी. e-challan होने के बाद तत्काल वाहन स्वामी के पास चालान का मैसेज भी पहुंच जाएगा. इसी में प्रिंटर भी लगा हुआ है. आग से सुरक्षा के लिए फायर एक्सटिंग्विशर भी वाहन के अंदर लगाया गया है. इसके अलावा पीछे की सीट पर एक ऑपरेटर के बैठने की भी जगह बनाई गई है. आगे की सीटें चेकिंग अधिकारी और स्टाफ के लिए होंगी. कार के बाहरी हिस्से में सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रचार प्रसार के लिए स्टिकर लगाए गए हैं और हर तरफ आरटीओ लिखा हुआ रहेगा.'
क्या कहते हैं ट्रांसपोर्ट कमिश्नर : उत्तर प्रदेश के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर चंद्रभूषण सिंह का कहना है कि 'सड़क सुरक्षा की दृष्टि से यातायात नियमों का पालन कराना परिवहन विभाग और पुलिस विभाग की जिम्मेदारी है. ऐसे में अब परिवहन विभाग अपने प्रवर्तन अधिकारियों को हाईटेक इंटरसेप्टर वाहन उपलब्ध कराएगा. यह वाहन तमाम खूबियों से लैस होंगे, जिसमें लेजर स्पीड गन लगी होगी, जो 500 मीटर की दूरी से ही चालान करने में सक्षम होगी. पहले चरण में जल्द ही 38 अधिकारियों को यह वाहन उपलब्ध कराए जाएंगे. उसके बाद 28 अन्य अधिकारियों को अगले चरण में वाहन दिए जाएंगे. रोड सेफ्टी फंड से अगले साल बचे हुए अधिकारियों को भी इंटरसेप्टर कार दी जाएंगी.'