लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) के तहत काम करने वाली स्मारक संरक्षण समिति (monument protection committee) के बैंक अकाउंट में हुए करीब 10 करोड़ रुपए के गबन के बाद बैंक ने रुपये ब्याज सहित शुक्रवार वापस कर दिए हैं. इस मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन मैनेजर और स्मारक संरक्षण समिति के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत से खेल हुआ था. इसका खुलासा होने के बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके बड़ी कार्रवाई की थी. करीब डेढ़ साल बाद लखनऊ विकास प्राधिकरण को अपना 10 करोड़ रुपया आज वापस मिल चुका है.
स्मारक संरक्षण समिति (monument protection committee) की धनराशि 48 करोड़ रुपये 31 मार्च 2021 को बैंक ऑफ बड़ौदा के रौशनाबाद शाखा (Raushnabad branch of Bank of Baroda) लखनऊ में विनियोजित करने के लिए जमा किए गए थे. जिसके विपरीत बैंक ने 37,99,99,981 रुपये के ही एफडीआर रसीद/प्रपत्र कार्यालय को उपलब्ध कराए थे. इस दौरान 10 करोड़ रुपये के एफडीआर रसीद/प्रपत्र बैंक द्वारा नहीं दिए गए.
इस संबंध में 16 सितंबर 2021 को गोमतीनगर थाना में संबंधित शाखा प्रबंधक के खिलाफ लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव (Secretary, Lucknow Development Authority) व स्मारक संरक्षण समिति के मुख्य प्रबंधक पवन कुमार गंगवार (Chief Manager Pawan Kumar Gangwar) द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. इस उपलब्धि के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इन्द्रमणि त्रिपाठी ने बैंक प्रबन्धक व अधीनस्थ कार्मिकों को शुभकानाएं दी हैं.
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