लखनऊ: जोड़ प्रत्यारोपण की सर्जरी हो या फिर प्लास्टिक सर्जरी सभी में सर्जरी के बाद की फिजियोथेरेपी की भूमिका (Role of Physiotherapy) अत्यन्त कारगर और महत्वपूर्ण है. समय के साथ-साथ फिजियोथेरेपी के क्षेत्र में शिक्षा और उपचार के नये आयाम स्थापित हुए है. फीजियोथेरेपी के महत्व पर शुक्रवार को विश्व फीजियोथेरेपी दिवस (World Physiotherapy Day 2023) पर केजीएमयू सहित प्रदेश के दूसरे मेडिकल कॉलेजों व चिकित्सालयों पर चर्चा हुई.
यह जानकारी देते हुए प्रोविंशियल फिजियोथेरेपी एसोशिएसन (Provincial Physiotherapy Association) के अध्यक्ष अतुल मिश्रा ने बताया कि लखनऊ में यहां केजीएमयू के शताब्दी अस्पताल स्थित स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग में आयोजित समारोह में विभागाध्यक्ष प्रो.आशीष कुमार ने जोड़ों के प्रत्यारोपण की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सर्जरी के बाद फिजियोथेरेपी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है. इससे अंगों को सामान्य रूप से कार्य करने लायक बनाने में बहुत मदद मिलती है. डॉ. अभिषेक सैनी ने घुटने के लिगामेंट की चोट का उपचार व रिहैबिलिटेशन पर चर्चा की.
प्लास्टिक सर्जरी विभाग, केजीएमयू के प्रो वीरेन्द्र कुमार ने इस अवसर पर सभी फिजियोथेरेपिस्ट को शुभकामनाएं दी. और प्लास्टिक सर्जरी करने के बाद सही फिजियोथेरेपी होने से सर्जरी की सफलता पर प्रकाश डाला तथा इसके महत्वूपर्ण योगदान पर चर्चा की. उन्होंने बताया कि जलने के बाद जोड़ों को वापस उसी तरह मूवमेंट में लाने में फिजियोथेरेपी बहुत उपयोगी है. इसके अलावा फिजियोथेरेपी विधा की अत्याधुनिक विद्याओं तथा एडवांसमेन्ट पर डॉ. अरविन्द सोनकर, एसोसिएट प्रोफेसर ने विस्तृत रूप से चर्चा की.
समारोह में प्रोविंशियल फिजियोथेरेपी एसोशिएसन के अध्यक्ष अतुल मिश्रा ने आधुनिक परिवेश में चिकित्सा क्षेत्र में फिजियोथेरेपी की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज यह विद्या चिकित्सा के हर क्षेत्र में अपनी उपयोगिता को सिद्ध कर चुकी है. समारोह में केक काट कर फिजियोथेरेपी दिवस मनाया गया. इसमें डॉ. प्रणय सिंह, डॉ. रविन्द्र गौतम, डॉ. श्रद्धा वर्मा आदि फिजियोथेरेपिस्ट ने प्रमुख रूप से प्रतिभाग किया.
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