लखनऊ : उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के एक स्टोर कीपर ने अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली. रोडवेज कर्मचारी चंद्रशेखर पिछले काफी साल से भंडारपाल (स्टोर कीपर) के पद पर नौकरी कर रहा था. चंद्रशेखर ने रविवार को आशियाना स्थित नाबार्ड कॉलोनी स्थित अपने घर में फांसी लगा ली. घरवालों का आरोप है कि अधिकारियों के प्रेशर और वेतन में कटौती के कारण चंद्रशेखर ने अपनी जान दे दी. वहीं कर्मचारी संगठन का कहना है कि भारी दबाव के चलते कर्मचारी अपनी जिंदगी अपने ही हाथों खत्म कर रहे हैं.
लखनऊ रीजन चारबाग डिपो में स्टोरकीपर के पद पर तैनात चंद्रशेखर ने आशियाना स्थित नाबार्ड कॉलोनी में रहते थे. घरवालों के मुताबिक वे पिछले काफी दिनों से इस बात को लेकर परेशान थे कि हर माह उनके वेतन से रिकवरी के तौर पर छह हजार रुपये कट जाते थे. जिससे घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा था. नौकरी करने में बड़ा दबाव था. रोडवेज के विश्वस्त सूत्रों की मानें तो पिछले साल परिवहन निगम में मोबिल ऑयल घोटाला सामने आया था. जिसमें कार्यशालाओं में तैनात फोरमैन, स्टोर कीपर और अन्य जिम्मेदारों की संलिप्तता भी सामने आई थी. जांच कराई गई तो यह भी सामने आया कि कार्यशाला के जिम्मेदार जले हुए मोबिल ऑायल को बसों में डाल देते थे और स्टोर से नया मोबिल ऑायल मार्केट में बेच देते थे. इसके बाद अधिकारियों की तरफ से रिकवरी बनाई गई थी.
बताया जा रहा है कि चंद्रशेखर पर 90 हजार रुपये की रिकवरी बनी थी. इसके एवज में चंद्रशेखर को हर माह वेतन से 6000 रुपये कटवाने पड़ रहे थे. हालांकि इस मामले में घरवालों का साफ कहना है कि चंद्रशेखर की कोई भी गलती नहीं थी. किसी भी घोटाले में वे शामिल नहीं थे. जबरदस्ती के आरोप लगाए गए थे. बेवजह का दबाव बनाया जा रहा था. रोडवेज के स्टोरकीपर चंद्रशेखर की आत्महत्या को लेकर रोडवेज के जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. रोडवेज यूनियन के नेताओं का कहना है कि अधिकारियों के दबाव के चलते कर्मचारी मौत को गले लगा रहे हैं. कई अधिकारी और कर्मचारी दबाव के चलते अपनी जिंदगी समाप्त कर चुके हैं.
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