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लखनऊ: सड़क परिवहन निगम को नहीं है नियमों की परवाह, ठीक से सो नहीं पाते ड्राइवर - अवध डिपो जनरथ बस

उत्तर प्रदेश के सड़क परिवहन निगम ड्राइवरों की ड्यूटी लगाने में नियमों की अनदेखी कर रहे हैं. नियम के अनुसार एक बस में दो ड्राइवरों की तैनाती जरूरी है. इसके चलते एक ही ड्राइवर को लंबी दूरी तय करनी होती है. इससे बस चालक को नींद आ जाती है और दुर्घटनाएं हो जाती है. बस स्टेशन पर चालक के सोने की व्यवस्था भी नहीं है.

ड्राइवर ड्यूटी में नियमों का पालन नहीं करता निगम
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Published : Jul 8, 2019, 11:13 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारी, ड्राइवरों की ड्यूटी लगाने के नियमों का बिल्कुल पालन नहीं करते हैं. यह दुर्घटना की एक बड़ी वजह बन रही है. नियम यह है कि 400 किलोमीटर से ऊपर बस के संचालन पर दो ड्राइवरों की ड्यूटी लगाना अनिवार्य है.

ड्राइवर ड्यूटी में नियमों का पालन नहीं करता निगम

ड्राइवरों की कमी के चलते लंबी दूरी की बसों पर एक ही ड्राइवर की ड्यूटी लगाई जा रही है. ऐसे में थकान और सुस्ती के चलते ही जाने अनजाने ही ड्राइवरों से बड़ी दुर्घटना हो जाती है. अवध डिपो की जनरथ बस जो सोमवार यमुना एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाग्रस्त हुई उसमें भी एक ही ड्राइवर ड्यूटी पर तैनात था.

परिवहन नियमों की अधिकारी कर रहे अनदेखी-

  • परिवहन निगम के मानकों में लंबी दूरी पर संचालित बस के ड्राइवर को दूसरे दिन छुट्टी का प्रावधान है.
  • लांग रूट की बस पर दो ड्राइवरों की तैनाती नियम है.
  • 400 किलोमीटर के ऊपर जो भी बस जाएगी उसमें दो ड्राइवरों की ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो रहा है.
  • लंबी दूरी की बसों में भी एक ड्राइवर से ही काम लिया जा रहा है. इस वजह से ऐसी दुर्घटनाएं सामने आ रही हैं.
  • इसके अलावा एसी बस स्टेशनों पर चालक- परिचालकों के लिए रेस्ट रूम की व्यवस्था तो है, लेकिन रात में एसी ही बंद कर दिया जाता है.
  • इससे बस स्टेशन पर चालक नींद भी पूरी नहीं कर पाते हैं. अधूरी नींद रहने के चलते बस में नींद आना भी स्वाभाविक है.
  • अधिकारी भी मानते हैं कि अगर बस में दो ड्राइवर होते तो शायद यमुना एक्सप्रेस वे की जो घटना हुई है, वह न होती.

जहां तक डबल ड्राइवर की ड्यूटी की बात है तो लंबी रूट की बस पर डबल ड्राइवर होने ही चाहिए. दुर्घटना वाली बस पर एक ही ड्राइवर था. कर्मचारियों के लिए रेस्ट रूम की व्यवस्था जरूर होनी चाहिए. आलमबाग बस स्टेशन पर एसी बंद कर दिया जाता है. इससे चालकों की नींद पूरी नहीं हो पाती और नींद नहीं पूरी हो पाने के कारण ही झपकी आती है. इससे दुर्घटनाएं हो जाती हैं. अधिकारियों को इस तरफ ध्यान देना होगा.
रजनीश मिश्रा, शाखा अध्यक्ष

जहां तक लंबी दूरी पर डबल ड्राइवर की तैनाती की बात है तो ड्राइवर भेजे जाते हैं. ड्राइवरों के लिए 4 से 5 हजार किलोमीटर और 22 दिन ड्यूटी करने का नियम है. जिस जनरथ बस पर ड्राइवर भेजा गया था वह पूरी तरह से फ्रेश था. 3 दिन की छुट्टी के बाद वापस लौटा था. जहां तक आलमबाग बस स्टेशन पर एसी बंद कर दिए जाने की बात है तो इसकी जांच कराकर सब कुछ दुरुस्त करा दिया गया है.

राजेश वर्मा, मुख्य प्रधान प्रबंधक

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारी, ड्राइवरों की ड्यूटी लगाने के नियमों का बिल्कुल पालन नहीं करते हैं. यह दुर्घटना की एक बड़ी वजह बन रही है. नियम यह है कि 400 किलोमीटर से ऊपर बस के संचालन पर दो ड्राइवरों की ड्यूटी लगाना अनिवार्य है.

ड्राइवर ड्यूटी में नियमों का पालन नहीं करता निगम

ड्राइवरों की कमी के चलते लंबी दूरी की बसों पर एक ही ड्राइवर की ड्यूटी लगाई जा रही है. ऐसे में थकान और सुस्ती के चलते ही जाने अनजाने ही ड्राइवरों से बड़ी दुर्घटना हो जाती है. अवध डिपो की जनरथ बस जो सोमवार यमुना एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाग्रस्त हुई उसमें भी एक ही ड्राइवर ड्यूटी पर तैनात था.

परिवहन नियमों की अधिकारी कर रहे अनदेखी-

  • परिवहन निगम के मानकों में लंबी दूरी पर संचालित बस के ड्राइवर को दूसरे दिन छुट्टी का प्रावधान है.
  • लांग रूट की बस पर दो ड्राइवरों की तैनाती नियम है.
  • 400 किलोमीटर के ऊपर जो भी बस जाएगी उसमें दो ड्राइवरों की ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हो रहा है.
  • लंबी दूरी की बसों में भी एक ड्राइवर से ही काम लिया जा रहा है. इस वजह से ऐसी दुर्घटनाएं सामने आ रही हैं.
  • इसके अलावा एसी बस स्टेशनों पर चालक- परिचालकों के लिए रेस्ट रूम की व्यवस्था तो है, लेकिन रात में एसी ही बंद कर दिया जाता है.
  • इससे बस स्टेशन पर चालक नींद भी पूरी नहीं कर पाते हैं. अधूरी नींद रहने के चलते बस में नींद आना भी स्वाभाविक है.
  • अधिकारी भी मानते हैं कि अगर बस में दो ड्राइवर होते तो शायद यमुना एक्सप्रेस वे की जो घटना हुई है, वह न होती.

जहां तक डबल ड्राइवर की ड्यूटी की बात है तो लंबी रूट की बस पर डबल ड्राइवर होने ही चाहिए. दुर्घटना वाली बस पर एक ही ड्राइवर था. कर्मचारियों के लिए रेस्ट रूम की व्यवस्था जरूर होनी चाहिए. आलमबाग बस स्टेशन पर एसी बंद कर दिया जाता है. इससे चालकों की नींद पूरी नहीं हो पाती और नींद नहीं पूरी हो पाने के कारण ही झपकी आती है. इससे दुर्घटनाएं हो जाती हैं. अधिकारियों को इस तरफ ध्यान देना होगा.
रजनीश मिश्रा, शाखा अध्यक्ष

जहां तक लंबी दूरी पर डबल ड्राइवर की तैनाती की बात है तो ड्राइवर भेजे जाते हैं. ड्राइवरों के लिए 4 से 5 हजार किलोमीटर और 22 दिन ड्यूटी करने का नियम है. जिस जनरथ बस पर ड्राइवर भेजा गया था वह पूरी तरह से फ्रेश था. 3 दिन की छुट्टी के बाद वापस लौटा था. जहां तक आलमबाग बस स्टेशन पर एसी बंद कर दिए जाने की बात है तो इसकी जांच कराकर सब कुछ दुरुस्त करा दिया गया है.

राजेश वर्मा, मुख्य प्रधान प्रबंधक

Intro:ड्राइवर ड्यूटी में नियमों का पालन नहीं करता निगम, बस स्टेशन पर सो भी नहीं पा रहे चालक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारी ड्राइवरों की ड्यूटी लगाने के नियमों का बिल्कुल पालन नहीं करते और यही दुर्घटना की बड़ी वजह बन रही हैं। नियम यह है कि 400 किलोमीटर से ऊपर बस के संचालन पर दो ड्राइवरों की ड्यूटी लगाना अनिवार्य है, लेकिन ड्राइवरों की कमी के चलते लंबी दूरी की बसों पर भी एक ही ड्राइवर की ड्यूटी लगाई जा रही है। ऐसे में थकान और सुस्ती के चलते ही जाने अनजाने ही ड्राइवरों से बड़ी दुर्घटना हो जाती है। अवध डिपो की जनरथ बस जो आज यमुना एक्सप्रेस वे पर दुर्घटनाग्रस्त हुई उसमें भी एक ही ड्राइवर ड्यूटी पर तैनात था।


Body:परिवहन निगम के मानकों में लंबी दूरी पर संचालित बस के ड्राइवर को दूसरे दिन छुट्टी का प्रावधान है, साथ ही लांग रूट की बस पर दो ड्राइवरों का भी नियम है। 400 किलोमीटर के ऊपर जो भी बस जाएगी उसमें दो ड्राइवरों की ड्यूटी लगाई जाएगी, लेकिन ऐसा हो बिल्कुल भी नहीं रहा है। लंबी दूरी की बसों में भी एक ड्राइवर से ही काम लिया जा रहा है। लिहाजा, इस तरह की दुर्घटनाएं सामने आ रही हैं। इसके अलावा एक बात यह भी है कि एसी बस स्टेशनों पर चालक- परिचालकों के लिए रेस्ट रूम की तो व्यवस्था है, लेकिन रात में एसी ही बंद कर दिया जाता है, जिससे चारों तरफ से शीशे से कबर्ड बस स्टेशन पर चालक नींद भी पूरी नहीं कर पाते हैं। अधूरी नींद रहने के चलते बस में नींद आना भी स्वाभाविक है। अधिकारी भी मानते हैं कि अगर बस में दो ड्राइवर होते तो शायद यमुना एक्सप्रेस वे की जो घटना हुई है, वह न होती।


Conclusion:बाइट: रजनीश मिश्रा, शाखा अध्यक्ष, रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद

जहां तक डबल ड्राइवर की ड्यूटी की बात है तो लंबी रूट की बस पर डबल ड्राइवर होने ही चाहिए। दुर्घटना वाली बस पर एक ही ड्राइवर था। कर्मचारियों के लिए रेस्ट रूम की व्यवस्था जरूर होनी चाहिए। आलमबाग बस स्टेशन पर एसी बंद कर दिया जाता है जिससे चालकों की नींद पूरी नहीं हो पाती और नींद नहीं पूरी हो पाने के कारण ही झपकी आती है और इस तरह की दुर्घटनाएं हो जाती हैं। अधिकारियों को इस तरफ ध्यान देना होगा।

बाइट: राजेश वर्मा, मुख्य प्रधान प्रबंधक (संचालन)

जहां तक लंबी दूरी पर डबल ड्राइवर की तैनाती की बात है तो ड्राइवर भेजे जाते हैं। ड्राइवरों के लिए 4 से 5000 किलोमीटर और 22 दिन ड्यूटी करने का नियम है। जिस जनरथ बस पर ड्राइवर भेजा गया था वह पूरी तरह से फ्रेश था। 3 दिन की छुट्टी के बाद वापस लौटा था। जहां तक आलमबाग बस स्टेशन पर एसी बंद कर दिए जाने की बात है तो इसकी जांच कराकर सब कुछ दुरुस्त करा दिया गया है।
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