लखनऊ: यूपी में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर राजधानी के जनेश्वर मिश्रा पार्क में दस जनवरी से 16 जनवरी तक सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाएगा. सड़क सुरक्षा सप्ताह के पहले दिन बलरामपुर अस्पताल और एसोसिएशन ऑफ रिसर्च प्रोफेशन द्वारा संयुक्त रूप से कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है.
डब्ल्यूएचओ ने माना सड़क दुर्घटनाओं को बड़ी समस्या
सड़क दुर्घटनाओं में जहां लोग अपने परिवार के सदस्यों को खोते हैं,वहीं लोग गंभीर रूप से चोटिल हो जाते हैं. विश्व स्वास्थ संगठन ने भी सड़क दुर्घटनाओं को किसी भी देश के लिए बड़ी समस्या माना है. डब्ल्यूएचओ का मानना है कि 90% सड़क दुर्घटनाएं विकासशील देशों में होती हैं. वर्ष 2019 में भारत में 4 लाख 80 हजार 652 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें कुल 1 लाख 51 हजार 113 लोगों की मृत्यु हो गई. दुर्घटनाओं में अपनों को खोने के साथ आर्थिक क्षति भी होती है. एक अध्ययन के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं में अधिकांश देशों में उनके सकल घरेलू उत्पाद का 3% खर्च होता है.
जागरूकता व प्रयास से कम हो सकती हैं सड़क दुर्घटनाएं
कार्यक्रम के आयोजकों का मानना है कि जागरूकता व प्रयासों से काफी हद तक सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए राजधानी लखनऊ में एक सप्ताह तक सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें चिकित्सा क्षेत्र से 26 प्रतिष्ठित लोग शामिल होंगे.
लखनऊ में मनाया जाएगा सड़क सुरक्षा सप्ताह - सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन
राजधानी लखनऊ में दस जनवरी से सोलह जनवरी तक सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाएगा. इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है.
लखनऊ: यूपी में लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं को लेकर राजधानी के जनेश्वर मिश्रा पार्क में दस जनवरी से 16 जनवरी तक सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाएगा. सड़क सुरक्षा सप्ताह के पहले दिन बलरामपुर अस्पताल और एसोसिएशन ऑफ रिसर्च प्रोफेशन द्वारा संयुक्त रूप से कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को सड़क सुरक्षा के प्रति जागरूक करना है.
डब्ल्यूएचओ ने माना सड़क दुर्घटनाओं को बड़ी समस्या
सड़क दुर्घटनाओं में जहां लोग अपने परिवार के सदस्यों को खोते हैं,वहीं लोग गंभीर रूप से चोटिल हो जाते हैं. विश्व स्वास्थ संगठन ने भी सड़क दुर्घटनाओं को किसी भी देश के लिए बड़ी समस्या माना है. डब्ल्यूएचओ का मानना है कि 90% सड़क दुर्घटनाएं विकासशील देशों में होती हैं. वर्ष 2019 में भारत में 4 लाख 80 हजार 652 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिसमें कुल 1 लाख 51 हजार 113 लोगों की मृत्यु हो गई. दुर्घटनाओं में अपनों को खोने के साथ आर्थिक क्षति भी होती है. एक अध्ययन के अनुसार सड़क दुर्घटनाओं में अधिकांश देशों में उनके सकल घरेलू उत्पाद का 3% खर्च होता है.
जागरूकता व प्रयास से कम हो सकती हैं सड़क दुर्घटनाएं
कार्यक्रम के आयोजकों का मानना है कि जागरूकता व प्रयासों से काफी हद तक सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए राजधानी लखनऊ में एक सप्ताह तक सड़क सुरक्षा सप्ताह का आयोजन किया जाएगा, जिसमें चिकित्सा क्षेत्र से 26 प्रतिष्ठित लोग शामिल होंगे.