लखनऊ : सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान परिवहन विभाग के अधिकारी जागरूकता की महज खानापूर्ती कर रहे हैं. यही वजह है कि लोग यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए मर रहे हैं. 24 से 30 सितंबर तक सड़क सुरक्षा सप्ताह शुरू हुआ है. अधिकारी मैदान में उतरे हैं, लेकिन लोगों को जागरूक करने के नाम पर सिर्फ खानापूर्ती ही की जा रही है. दो दिन में लखनऊ में ही तीन हादसों में चार लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सड़क सुरक्षा सप्ताह में परिवहन विभाग के अधिकारी कितनी संजीदगी दिखा रहे हैं. अफसर ये भी कह रहे हैं कि हर जगह हमारी पहुंच तो नहीं हो सकती है, लोगों को खुद ही यातायात नियमों का पालन करना होगा जिससे वह अपनी जान सुरक्षित रख सकें.
दरअसल, बीते शुक्रवार को बक्शी का तालाब में स्कूल जा रही दो बहनों की एक एक्सीडेंट में मौत हो गई. एक अज्ञात वाहन ने उस दो पहिया वाहन में टक्कर मार दी, जिस पर यह दोनों बहने बैठ कर जा रही थी. शनिवार को सड़क सुरक्षा सप्ताह का दूसरा दिन था. दो एक्सीडेंट में दो लोगों की जान चली गई. इसमें एक हादसा इटौंजा में हुआ. जिसमें बस की टक्कर से एक महिला की मौत हो गई. शाम को आलमबाग बस स्टेशन के पास रोडवेज बस ने एक युवक को कुचल दिया जिससे उसकी मौत हो गई.
हादसों का यह आलम तब है जब कुछ दिनों पहले परिवहन विभाग के अधिकारियों ने शहर और आस-पास के इलाकों में ताबड़तोड़ प्रवर्तन के आंकड़े जारी किए हैं. प्रवर्तन दस्तों के कड़े रुख के बाद भी दुर्घटनाओं पर नियंत्रण स्थापित नहीं हो पा रहा है.
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क्या कहते हैं अपर परिवहन आयुक्त
अपर परिवहन आयुक्त प्रवर्तन वीके सोनकिया के मुताबिक सड़क सुरक्षा के दौरान विभागीय अधिकारी लोगों को जागरूक कर रहे हैं. दुर्घटनाओं के प्रति जब तक लोग जागरूक नहीं होंगे, तब तक इस पर लगाम नहीं लगाई जा सकती. अफसोस तो यह है कि लोग सब कुछ जानते हुए भी नियमों का पालन नहीं करते. शराब पीकर, मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाना मना है, फिर भी लोग नहीं मानते.