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सड़क हादसे: 2020 के मुकाबले इस साल अधिक खून से लाल हुई सड़कें - Transport Commissioner Dheeraj Sahu

उत्तर प्रदेश में पिछले साल की तुलना में 2021 में सड़क दुर्घटनाओं में बढोतरी हुई है. परिवहन विभाग ने पिछले साल जनवरी से अगस्त और इस साल के अब तक के जो आंकड़े जारी किए हैं, जो काफी भयावह हैं.

यूपी में बढ़े सड़क हादसे.
यूपी में बढ़े सड़क हादसे.
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Published : Oct 17, 2021, 6:57 PM IST

लखनऊः परिवहन विभाग एक तरफ सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा अभियान और जागरूकता फैलाने का दावा करता है. वहीं, यूपी में सड़क सुरक्षा अभियान के दावे सड़क हादसों में हो रही बढ़ोतरी पोल खोल रहे हैं. पिछले साल की तुलना में इस साल हादसों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. यह परिवहन विभाग के लिए चिंता का सबब बनते जा रहे हैं. परिवहन विभाग ने प्रदेश भर में सड़क दुर्घटनाओं के पिछले साल जनवरी से अगस्त और इस साल जनवरी से लेकर अगस्त माह तक के जो आंकड़े जारी किए हैं, वह काफी भयावह हैं. इन आंकड़ों से साबित होता है कि असमय ही दुर्घटनाओं में लोग काल के गाल में समा रहे हैं.

यूपी में बढ़े सड़क हादसे.
यूपी में बढ़े सड़क हादसे.

जारी आंकड़ों के अनुसार 2020 में यूपी में कुल 20,753 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं, जो 2021 में जनवरी से लेकर अगस्त तक बढ़कर 24,513 हो गई हैं. यानी सीधे तौर पर 3,760 ज्यादा दुर्घटनाएं हुईं हैं. यह पिछले साल की तुलना में 18.1 फीसद ज्यादा हैं. वहीं, 2020 में कुल 11,662 लोगों की मौत सड़क हादसे में हुई थी. जबकि 2021 में अगस्त तक तक यह आंकड़ा 13,995 पहुंच गया है. यानी मौतों की संख्या में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है. 2,333 लोग पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा मौत के मुंह में समा गए हैं. सबसे खास बात ये है कि पिछले साल की तुलना में मौतों का अनुपात 20 फ़ीसदी ज्यादा है. प्रदेश भर में 2020 में घायलों की संख्या 13,698 थी, जो इस साल अगस्त तक 16,129 दर्ज की गई है. घायलों का अनुपात 17.7 फीसद ज्यादा है.

परिवहन आयुक्त धीरज साहू
परिवहन आयुक्त धीरज साहू
प्रदेश भर में सड़क हादसे भी बढ़े लेकिन राजधानी वासियों के लिए यह राहत भरी खबर है. लखनऊ में पिछले साल 2020 में कुल 727 दुर्घटनाएं हुई थीं, जो 2021 में घटकर 528 रह गई हैं. इस तरह 27.4 फीसद दुर्घटनाएं कम हुई हैं. वहीं, 2020 में 324 लोग हादसे में मारे गए थे और 2021 में सिर्फ यह आंकड़ा 187 रह गया. पिछले साल की तुलना में इस साल 137 कम लोगों की मौत हुई है. 42.3 फीसद मृतकों की संख्या में कमी दर्ज की गई है. लखनऊ में सड़क हादसे में घायलों की संख्या में भी कुछ गिरावट आई है. 2020 में जहां 410 लोग घायल हुए वहीं 2021 में 358 लोग घायल हुए हैं. लखनऊ को छोड़कर अन्य ज्यादातर प्रदेश के ऐसे जिले हैं जहां पर दुर्घटनाएं भी खूब हो रही हैं, लोग मर भी ज्यादा रहे हैं और घायलों की संख्या में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है. दुर्घटनाओं के आंकड़े साबित कर रहे हैं कि कहीं न कहीं अभी लोग खुद तो जागरूक नहीं हो रहे हैं. विभाग भी पूरी तन्मयता से सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए काम भी नहीं कर रहा है.

इसे भी पढ़ें-राधे-राधे न बोलने पर युवक पर चाकू से ताबड़तोड़ हमला


परिवहन आयुक्त धीरज साहू कहते हैं बढ़ रहे सड़क हादसे निश्चित तौर पर दुखद है और चिंता का विषय भी है. परिवहन विभाग लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए सड़क सुरक्षा सप्ताह आयोजित करता है. विभिन्न तरह के जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, फिर भी कम लोग जागरूक हो रहे हैं. दुर्घटनाएं कम हों, लोग यातायात नियमों का पालन करें, इसीलिए जुर्माने का प्रावधान भी है. बावजूद इसके बड़ी दुर्घटनाएं हो रही हैं और लोग मर रहे हैं, यह चिंता का सबब है. उन्होंने कहा कि विभाग अलग तरह की रणनीति बनाएगा, जिससे दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके.

लखनऊः परिवहन विभाग एक तरफ सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा अभियान और जागरूकता फैलाने का दावा करता है. वहीं, यूपी में सड़क सुरक्षा अभियान के दावे सड़क हादसों में हो रही बढ़ोतरी पोल खोल रहे हैं. पिछले साल की तुलना में इस साल हादसों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. यह परिवहन विभाग के लिए चिंता का सबब बनते जा रहे हैं. परिवहन विभाग ने प्रदेश भर में सड़क दुर्घटनाओं के पिछले साल जनवरी से अगस्त और इस साल जनवरी से लेकर अगस्त माह तक के जो आंकड़े जारी किए हैं, वह काफी भयावह हैं. इन आंकड़ों से साबित होता है कि असमय ही दुर्घटनाओं में लोग काल के गाल में समा रहे हैं.

यूपी में बढ़े सड़क हादसे.
यूपी में बढ़े सड़क हादसे.

जारी आंकड़ों के अनुसार 2020 में यूपी में कुल 20,753 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं, जो 2021 में जनवरी से लेकर अगस्त तक बढ़कर 24,513 हो गई हैं. यानी सीधे तौर पर 3,760 ज्यादा दुर्घटनाएं हुईं हैं. यह पिछले साल की तुलना में 18.1 फीसद ज्यादा हैं. वहीं, 2020 में कुल 11,662 लोगों की मौत सड़क हादसे में हुई थी. जबकि 2021 में अगस्त तक तक यह आंकड़ा 13,995 पहुंच गया है. यानी मौतों की संख्या में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है. 2,333 लोग पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा मौत के मुंह में समा गए हैं. सबसे खास बात ये है कि पिछले साल की तुलना में मौतों का अनुपात 20 फ़ीसदी ज्यादा है. प्रदेश भर में 2020 में घायलों की संख्या 13,698 थी, जो इस साल अगस्त तक 16,129 दर्ज की गई है. घायलों का अनुपात 17.7 फीसद ज्यादा है.

परिवहन आयुक्त धीरज साहू
परिवहन आयुक्त धीरज साहू
प्रदेश भर में सड़क हादसे भी बढ़े लेकिन राजधानी वासियों के लिए यह राहत भरी खबर है. लखनऊ में पिछले साल 2020 में कुल 727 दुर्घटनाएं हुई थीं, जो 2021 में घटकर 528 रह गई हैं. इस तरह 27.4 फीसद दुर्घटनाएं कम हुई हैं. वहीं, 2020 में 324 लोग हादसे में मारे गए थे और 2021 में सिर्फ यह आंकड़ा 187 रह गया. पिछले साल की तुलना में इस साल 137 कम लोगों की मौत हुई है. 42.3 फीसद मृतकों की संख्या में कमी दर्ज की गई है. लखनऊ में सड़क हादसे में घायलों की संख्या में भी कुछ गिरावट आई है. 2020 में जहां 410 लोग घायल हुए वहीं 2021 में 358 लोग घायल हुए हैं. लखनऊ को छोड़कर अन्य ज्यादातर प्रदेश के ऐसे जिले हैं जहां पर दुर्घटनाएं भी खूब हो रही हैं, लोग मर भी ज्यादा रहे हैं और घायलों की संख्या में भी जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है. दुर्घटनाओं के आंकड़े साबित कर रहे हैं कि कहीं न कहीं अभी लोग खुद तो जागरूक नहीं हो रहे हैं. विभाग भी पूरी तन्मयता से सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए काम भी नहीं कर रहा है.

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परिवहन आयुक्त धीरज साहू कहते हैं बढ़ रहे सड़क हादसे निश्चित तौर पर दुखद है और चिंता का विषय भी है. परिवहन विभाग लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए सड़क सुरक्षा सप्ताह आयोजित करता है. विभिन्न तरह के जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, फिर भी कम लोग जागरूक हो रहे हैं. दुर्घटनाएं कम हों, लोग यातायात नियमों का पालन करें, इसीलिए जुर्माने का प्रावधान भी है. बावजूद इसके बड़ी दुर्घटनाएं हो रही हैं और लोग मर रहे हैं, यह चिंता का सबब है. उन्होंने कहा कि विभाग अलग तरह की रणनीति बनाएगा, जिससे दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके.

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