लखनऊः परिवहन विभाग एक तरफ सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सड़क सुरक्षा अभियान और जागरूकता फैलाने का दावा करता है. वहीं, यूपी में सड़क सुरक्षा अभियान के दावे सड़क हादसों में हो रही बढ़ोतरी पोल खोल रहे हैं. पिछले साल की तुलना में इस साल हादसों का ग्राफ तेजी से बढ़ा है. यह परिवहन विभाग के लिए चिंता का सबब बनते जा रहे हैं. परिवहन विभाग ने प्रदेश भर में सड़क दुर्घटनाओं के पिछले साल जनवरी से अगस्त और इस साल जनवरी से लेकर अगस्त माह तक के जो आंकड़े जारी किए हैं, वह काफी भयावह हैं. इन आंकड़ों से साबित होता है कि असमय ही दुर्घटनाओं में लोग काल के गाल में समा रहे हैं.
जारी आंकड़ों के अनुसार 2020 में यूपी में कुल 20,753 सड़क दुर्घटनाएं हुई थीं, जो 2021 में जनवरी से लेकर अगस्त तक बढ़कर 24,513 हो गई हैं. यानी सीधे तौर पर 3,760 ज्यादा दुर्घटनाएं हुईं हैं. यह पिछले साल की तुलना में 18.1 फीसद ज्यादा हैं. वहीं, 2020 में कुल 11,662 लोगों की मौत सड़क हादसे में हुई थी. जबकि 2021 में अगस्त तक तक यह आंकड़ा 13,995 पहुंच गया है. यानी मौतों की संख्या में भी जबरदस्त इजाफा हुआ है. 2,333 लोग पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा मौत के मुंह में समा गए हैं. सबसे खास बात ये है कि पिछले साल की तुलना में मौतों का अनुपात 20 फ़ीसदी ज्यादा है. प्रदेश भर में 2020 में घायलों की संख्या 13,698 थी, जो इस साल अगस्त तक 16,129 दर्ज की गई है. घायलों का अनुपात 17.7 फीसद ज्यादा है.
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परिवहन आयुक्त धीरज साहू कहते हैं बढ़ रहे सड़क हादसे निश्चित तौर पर दुखद है और चिंता का विषय भी है. परिवहन विभाग लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए सड़क सुरक्षा सप्ताह आयोजित करता है. विभिन्न तरह के जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, फिर भी कम लोग जागरूक हो रहे हैं. दुर्घटनाएं कम हों, लोग यातायात नियमों का पालन करें, इसीलिए जुर्माने का प्रावधान भी है. बावजूद इसके बड़ी दुर्घटनाएं हो रही हैं और लोग मर रहे हैं, यह चिंता का सबब है. उन्होंने कहा कि विभाग अलग तरह की रणनीति बनाएगा, जिससे दुर्घटनाओं में कमी लाई जा सके.