लखनऊ: भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के विशेष जज अजय कुमार श्रीवास्तव ने प्लॉट देने के नाम पर लोगों की रकम हड़पने के 15 आपराधिक मामलों में आरएन सन्स इन्फ्रा डेवलपर्स (RN Sons Infra Developers) की एजेंट तरन्नुम (Agent Tarannum) की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया इसके अपराध को गंभीर करार दिया है.
सरकारी वकील मनीष रावत के मुताबिक, इस मामले में 13 एफआईआर थाना गोमतीनगर व दो एफआईआर थाना गोमती नगर विस्तार में दर्ज हुई हैं. इस कम्पनी ने प्रखर सिटी योजना के तहत तरन्नुम के नाम एक प्लॉट का बैनामा कराया. इसके बाद तरन्नुम लोगों को विश्वास दिलाकर उनसे प्लॉट खरीदने के लिए कम्पनी में रकम जमा कराती थी. आरोप है कि पैसे जमा करने वाले सभी लोग धोखाधड़ी का शिकार हुए, उन्हें न तो प्लॉट मिला और न ही जमा की गई रकम वापस हुई.
फर्जी पुलिसकर्मी की जमानत अर्जी खारिज
वहीं एक अन्य मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के विशेष जज लोकेश वरुण ने फर्जी पुलिसकर्मी बनकर ट्रक मालिकों व चालकों से अवैध वसूली करने के मामले में निरुद्ध अभियुक्त सुमित भदौरिया उर्फ सन्नी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने प्रथम दृष्टया मुल्जिम के अपराध को गंभीर करार दिया है. सरकारी वकील के मुताबिक, इस मामले की एफआईआर उप-निरीक्षक नितेंद्र कुमार वशिष्ठ ने इटावा के थाना बढ़पुरा में दर्ज कराई थी. 29 सितंबर, 2021 को अभियुक्त को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया था.