लखनऊः बसों से डीजल चोरी के मामलों में जांच करने के बाद जब जांच रिपोर्ट सौंपी जाती है तो दोषियों को भी बरी कर दिया जाता है. ऐसा ही उदाहरण पिछले दिनों हैदरगढ़ डिपो की एक बस से डीजल चोरी के मामले में जांच रिपोर्ट के बाद हुई कार्रवाई में सामने आया है. जांच रिपोर्ट के बाद बस से डीजल चोरी के मामले में दो ड्राइवरों को सस्पेंड कर दिया गया, जबकि बराबर के जिम्मेदार परिचालक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस जांच रिपोर्ट से लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक खुश नहीं हैं.उन्होंने तीन बिंदुओं पर हैदरगढ़ डिपो के एआरएम को पत्र भेजकर अगल से सूचना मांगी है. सूचना मिलने के बाद अवध बस स्टेशन के एआरएम की जांच रिपोर्ट से मिलाया जाएगा. इसके बाद अगर कंडक्टर को भी जिम्मेदार माना जाता है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी.
कंडक्टर के कहने पर ड्राइवर ने की थी डीजल चोरी
18 अगस्त को दिल्ली से लखनऊ आ रही हैदरगढ़ डिपो की बस को शाहजहांपुर में ढाबे पर रोककर डीजल चोरी किया गया था. इसमें दो ड्राइवरों के डीजल चोरी का वीडियो बनाकर बस कंडक्टर ने एक माह बाद वायरल कर दिया. इस मामले में दोनों संविदा ड्राइवरों को दोषी मानते हुए कंडक्टर को दोष मुक्त कर दिया गया. जांच रिपोर्ट से रोडवेज के कर्मचारी तक खुश नहीं थे. उनका भी कहना था कि अगर ड्राइवरों पर कार्रवाई हुई तो कंडक्टर को भी माफ नहीं करना चाहिए था. डीजल चोरी मामले में तीनों की भूमिका संदिग्ध है. बता दें कि इस पूरे मामले की जांच अवध डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक प्रशांत दीक्षित को सौंपी गई थी, जिसमें उन्होंने दोनों चालकों को दोषी मानते हुए परिचालक मनोज यादव को निर्दोष साबित कर दिया था. अब लिखित शिकायत के बाद फिर से मामले की जांच शुरू होगी.
ढाबा मालिक ने दिया लिखित बयान
डीजल चोरी मामले में ढाबा मालिक रोपेंद्र सिंह ने लिखित बयान दिया है. जिसमें बस कंडक्टर मनोज कुमार यादव के कहने पर चालक सरोज कुमार यादव ने बस से डीजल निकाला. क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव कुमार बोस के पास जब ये लिखित जानकारी पहुंची तो जांच रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो गए.
लखनऊः बसों से डीजल चोरी की जांच रिपोर्ट पर आरएम को नहीं भरोसा - diesel stolen haidrgarah dipo bus
राजधानी लखनऊ के सरकारी बस से डीजल चोरी होने की रिपोर्ट पर लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक खुश नही हैं.आरएम ने दोबारा से जांच करने की मांग की है. एक महीने पहले बस से डीजल चोरी का वीडियो वायरल हुआ था. इसके बाद संविदा चालकों को कार्यमुक्त कर दिया गया था, जबकि परिचालक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी.
लखनऊः बसों से डीजल चोरी के मामलों में जांच करने के बाद जब जांच रिपोर्ट सौंपी जाती है तो दोषियों को भी बरी कर दिया जाता है. ऐसा ही उदाहरण पिछले दिनों हैदरगढ़ डिपो की एक बस से डीजल चोरी के मामले में जांच रिपोर्ट के बाद हुई कार्रवाई में सामने आया है. जांच रिपोर्ट के बाद बस से डीजल चोरी के मामले में दो ड्राइवरों को सस्पेंड कर दिया गया, जबकि बराबर के जिम्मेदार परिचालक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस जांच रिपोर्ट से लखनऊ परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक खुश नहीं हैं.उन्होंने तीन बिंदुओं पर हैदरगढ़ डिपो के एआरएम को पत्र भेजकर अगल से सूचना मांगी है. सूचना मिलने के बाद अवध बस स्टेशन के एआरएम की जांच रिपोर्ट से मिलाया जाएगा. इसके बाद अगर कंडक्टर को भी जिम्मेदार माना जाता है तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी.
कंडक्टर के कहने पर ड्राइवर ने की थी डीजल चोरी
18 अगस्त को दिल्ली से लखनऊ आ रही हैदरगढ़ डिपो की बस को शाहजहांपुर में ढाबे पर रोककर डीजल चोरी किया गया था. इसमें दो ड्राइवरों के डीजल चोरी का वीडियो बनाकर बस कंडक्टर ने एक माह बाद वायरल कर दिया. इस मामले में दोनों संविदा ड्राइवरों को दोषी मानते हुए कंडक्टर को दोष मुक्त कर दिया गया. जांच रिपोर्ट से रोडवेज के कर्मचारी तक खुश नहीं थे. उनका भी कहना था कि अगर ड्राइवरों पर कार्रवाई हुई तो कंडक्टर को भी माफ नहीं करना चाहिए था. डीजल चोरी मामले में तीनों की भूमिका संदिग्ध है. बता दें कि इस पूरे मामले की जांच अवध डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक प्रशांत दीक्षित को सौंपी गई थी, जिसमें उन्होंने दोनों चालकों को दोषी मानते हुए परिचालक मनोज यादव को निर्दोष साबित कर दिया था. अब लिखित शिकायत के बाद फिर से मामले की जांच शुरू होगी.
ढाबा मालिक ने दिया लिखित बयान
डीजल चोरी मामले में ढाबा मालिक रोपेंद्र सिंह ने लिखित बयान दिया है. जिसमें बस कंडक्टर मनोज कुमार यादव के कहने पर चालक सरोज कुमार यादव ने बस से डीजल निकाला. क्षेत्रीय प्रबंधक पल्लव कुमार बोस के पास जब ये लिखित जानकारी पहुंची तो जांच रिपोर्ट पर सवाल खड़े हो गए.