ETV Bharat / state

एनडीए के पाले में जल्द हो सकती है राष्ट्रीय लोकदल की एंट्री, केंद्र व प्रदेश सरकार में बनाए जा सकते हैं मंत्री - Cabinet Expansion of Central Government

आम धारणा है कि राजनीति में नेताओं का कोई चरित्र नहीं होता. सुबह को वह किसी पाले में होते हैं और शाम को पाला बदल लेते हैं. ऐसे कई उदाहरण अतीत के हैं. अब जल्द ही ऐसा उदाहरण उत्तर प्रदेश समेत केंद्र की राजनीति में देखने को मिल सकता है और यह उदाहरण राष्ट्रीय लोक दल का हो सकता है.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Aug 10, 2023, 10:11 PM IST

एनडीए के पाले में जल्द हो सकती है आरएलडी की एंट्री. देखें खबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश समेत केंद्र की राजनीति में इन दिनों राष्ट्रीय लोकदल को लेकर चर्चा गर्म हो गई हैं. कहा जा रहा है कि 15 अगस्त से पहले ही राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी इंडिया गठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए के साथ खड़े हुए नजर आएंगे. चर्चा तो यहां तक है कि केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल में भी रालोद के नेताओं को जगह दी जाएगी. हालांकि इस तरह की चर्चाओं का राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं ने पुरजोर तरीके से खंडन किया है. यहां तक कहा है कि राष्ट्रीय लोकदल इंडिया (I.N.D.I.A.) गठबंधन के साथ है और 2024 का लोकसभा चुनाव भी इंडिया गठबंधन के साथ ही मिलकर लड़ेगा.

राष्ट्रीय लोकदल की राजनीति.
राष्ट्रीय लोकदल की राजनीति.
जानकार बताते हैं कि पहले भी राष्ट्रीय लोकदल का इतिहास यही रहा है कि जहां सत्ता वहीं रालोद. वर्तमान में राष्ट्रीय लोक दल इंडिया गठबंधन के साथ है, लेकिन जिस तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, उससे बहुत जल्द राष्ट्रीय लोकदल एनडीए का साथी हो सकता है. दरअसल चर्चा के पीछे ठोस कारण भी हैं. कुछ दिन पहले राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी की मुलाकात गृहमंत्री अमित शाह से हो चुकी है. इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई. साथ ही उत्तर प्रदेश में भी राष्ट्रीय लोकदल के कई नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात कर चुके हैं. इन मुलाकातों से चर्चा का बाजार गर्म और मजबूत हो गया है. इसे अलावा राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी दिल्ली सेवा बिल पर राज्यसभा में वोटिंग के दौरान भी नहीं गए थे. हालांकि इसके पीछे पार्टी ने तर्क दिया था कि जयंत चौधरी की पत्नी की तबीयत सही नहीं थी. उनका ऑपरेशन था इसलिए जयंत राज्यसभा नहीं पहुंच पाए थे, लेकिन इसके भी सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. बहरहाल कहा जा रहा है कि 15 अगस्त से पहले राष्ट्रीय लोक दल एनडीए का हिस्सा हो जाएगा.
राष्ट्रीय लोकदल की राजनीति.
राष्ट्रीय लोकदल की राजनीति.

आरएलडी ने 2022 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था. समाजवादी पार्टी ने आरएलडी को गठबंधन में 33 सीटें दी थीं. जिनमें से आठ सीटों पर आरएलडी के प्रत्याशी जीतने में सफल हुए थे. इसके बाद जब खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ तो फिर से रालोद को यह सीट मिली और एक और प्रत्याशी जीतने में सफल हुआ. कुल मिलाकर वर्तमान में राष्ट्रीय लोक दल के नौ विधायक हैं. अब लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं. विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय लोक दल ने समाजवादी पार्टी के सामने 12 सीटों की डिमांड रख दी है और सपा इतनी सीटें आरएलडी को देने के पक्ष में नहीं है. लिहाजा यह भी बिखराव का बड़ा कारण बन सकता है.




यह भी पढ़ें : UP Assembly : सपा विधायकों के आरोपों से भड़के विधानसभा अध्यक्ष महाना सदन छोड़ कर चले गए

एनडीए के पाले में जल्द हो सकती है आरएलडी की एंट्री. देखें खबर

लखनऊ : उत्तर प्रदेश समेत केंद्र की राजनीति में इन दिनों राष्ट्रीय लोकदल को लेकर चर्चा गर्म हो गई हैं. कहा जा रहा है कि 15 अगस्त से पहले ही राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी इंडिया गठबंधन का साथ छोड़कर एनडीए के साथ खड़े हुए नजर आएंगे. चर्चा तो यहां तक है कि केंद्र सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रिमंडल में भी रालोद के नेताओं को जगह दी जाएगी. हालांकि इस तरह की चर्चाओं का राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं ने पुरजोर तरीके से खंडन किया है. यहां तक कहा है कि राष्ट्रीय लोकदल इंडिया (I.N.D.I.A.) गठबंधन के साथ है और 2024 का लोकसभा चुनाव भी इंडिया गठबंधन के साथ ही मिलकर लड़ेगा.

राष्ट्रीय लोकदल की राजनीति.
राष्ट्रीय लोकदल की राजनीति.
जानकार बताते हैं कि पहले भी राष्ट्रीय लोकदल का इतिहास यही रहा है कि जहां सत्ता वहीं रालोद. वर्तमान में राष्ट्रीय लोक दल इंडिया गठबंधन के साथ है, लेकिन जिस तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, उससे बहुत जल्द राष्ट्रीय लोकदल एनडीए का साथी हो सकता है. दरअसल चर्चा के पीछे ठोस कारण भी हैं. कुछ दिन पहले राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी की मुलाकात गृहमंत्री अमित शाह से हो चुकी है. इसके अलावा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात हुई. साथ ही उत्तर प्रदेश में भी राष्ट्रीय लोकदल के कई नेताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मुलाकात कर चुके हैं. इन मुलाकातों से चर्चा का बाजार गर्म और मजबूत हो गया है. इसे अलावा राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया जयंत चौधरी दिल्ली सेवा बिल पर राज्यसभा में वोटिंग के दौरान भी नहीं गए थे. हालांकि इसके पीछे पार्टी ने तर्क दिया था कि जयंत चौधरी की पत्नी की तबीयत सही नहीं थी. उनका ऑपरेशन था इसलिए जयंत राज्यसभा नहीं पहुंच पाए थे, लेकिन इसके भी सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. बहरहाल कहा जा रहा है कि 15 अगस्त से पहले राष्ट्रीय लोक दल एनडीए का हिस्सा हो जाएगा.
राष्ट्रीय लोकदल की राजनीति.
राष्ट्रीय लोकदल की राजनीति.

आरएलडी ने 2022 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था. समाजवादी पार्टी ने आरएलडी को गठबंधन में 33 सीटें दी थीं. जिनमें से आठ सीटों पर आरएलडी के प्रत्याशी जीतने में सफल हुए थे. इसके बाद जब खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुआ तो फिर से रालोद को यह सीट मिली और एक और प्रत्याशी जीतने में सफल हुआ. कुल मिलाकर वर्तमान में राष्ट्रीय लोक दल के नौ विधायक हैं. अब लोकसभा चुनाव के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं. विश्वस्त सूत्र बताते हैं कि राष्ट्रीय लोक दल ने समाजवादी पार्टी के सामने 12 सीटों की डिमांड रख दी है और सपा इतनी सीटें आरएलडी को देने के पक्ष में नहीं है. लिहाजा यह भी बिखराव का बड़ा कारण बन सकता है.




यह भी पढ़ें : UP Assembly : सपा विधायकों के आरोपों से भड़के विधानसभा अध्यक्ष महाना सदन छोड़ कर चले गए

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.