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ट्रॉमा सेंटर में बेड फुल, स्ट्रेचर पर तड़प रहे मरीज

राजधानी लखनऊ में केजीएमयू का ट्रॉमा सेंटर फुल हो गया है. इसकी वजह से मरीजों को भर्ती करने में खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं. भर्ती के इंतजार में मरीज घंटों स्ट्रेचर पर तड़पने को मजबूर हैं.

lucknow trauma center
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Published : Apr 11, 2021, 8:13 PM IST

Updated : Apr 11, 2021, 8:46 PM IST

लखनऊ: केजीएमयू का ट्रॉमा सेंटर फुल हो गया है. इसकी वजह से मरीजों को भर्ती करने में खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं. भर्ती के इंतजार में मरीज घंटों स्ट्रेचर पर तड़पने को मजबूर हैं. वहीं तीमारदार भी मरीजों को भर्ती कराने को लेकर परेशान हैं.

ट्रॉमा सेंटर में मरीजों को भर्ती कराने के लिए परेशान तीमारदार.

केस एक
रायबरेली निवासी शेर बहादुर सड़क हादसे में घायल हो गए. परिवारीजन उन्हें लेकर लखनऊ ट्रॉमा सेंटर पहुंचे. बेटे केश बहादुर का आरोप है कि पिता दो घंटे तक ट्रॉमा सेंटर में स्ट्रेचर पर तड़पते रहे. मजबूरन प्राइवेट अस्पताल की ओर रुख करना पड़ रहा है.

केस दो
हरदोई निवासी नगीना मोटरसाइकिल चलाते वक्त चोटिल हो गए थे. कमर की हड्डी में चोट आई थी. स्थानीय डॉक्टरों ने कमर की हड्डी का फ्रैक्चर बताते हुए ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया. भाई अमित कुमार का आरोप है कि 2:30 बजे से ट्रॉमा सेंटर में इलाज की आस में खड़े हैं. चार बजे तक भर्ती नहीं हो सकी.

ट्रामा सेंटर में 400 बेड
ट्रॉमा सेंटर में करीब 400 बेड और 150 स्ट्रेचर हैं. मरीजों की भर्ती को लेकर अफरातफरी मची है. बेड फुल होने की वजह से मरीजों की भर्ती थम गई है. स्ट्रेचर पर मरीज तड़प रहे हैं. परिवारीजन मरीजों को भर्ती कराने के लिए रोते-बिलखते रहे, लेकिन दर्द से छटपटाते मरीजों की सुनवाई नहीं हो रही थी.

कोविड ने बढ़ाई मुसीबत
अधिकारियों का कहना है कि कोविड की वजह से दूसरे अस्पताल मरीज को भर्ती नहीं कर रहे हैं. मरीजों का दबाव बढ़ गया है. यही वजह है कि मरीजों को भर्ती के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. केजीएमयू प्रवक्ता सुधीर सिंह के मुताबिक किसी भी मरीज को लौटाया नहीं जा रहा है. गंभीर मरीजों को प्राथमिकता पर इलाज मुहैया कराया जा रहा है.

लखनऊ: केजीएमयू का ट्रॉमा सेंटर फुल हो गया है. इसकी वजह से मरीजों को भर्ती करने में खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं. भर्ती के इंतजार में मरीज घंटों स्ट्रेचर पर तड़पने को मजबूर हैं. वहीं तीमारदार भी मरीजों को भर्ती कराने को लेकर परेशान हैं.

ट्रॉमा सेंटर में मरीजों को भर्ती कराने के लिए परेशान तीमारदार.

केस एक
रायबरेली निवासी शेर बहादुर सड़क हादसे में घायल हो गए. परिवारीजन उन्हें लेकर लखनऊ ट्रॉमा सेंटर पहुंचे. बेटे केश बहादुर का आरोप है कि पिता दो घंटे तक ट्रॉमा सेंटर में स्ट्रेचर पर तड़पते रहे. मजबूरन प्राइवेट अस्पताल की ओर रुख करना पड़ रहा है.

केस दो
हरदोई निवासी नगीना मोटरसाइकिल चलाते वक्त चोटिल हो गए थे. कमर की हड्डी में चोट आई थी. स्थानीय डॉक्टरों ने कमर की हड्डी का फ्रैक्चर बताते हुए ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया. भाई अमित कुमार का आरोप है कि 2:30 बजे से ट्रॉमा सेंटर में इलाज की आस में खड़े हैं. चार बजे तक भर्ती नहीं हो सकी.

ट्रामा सेंटर में 400 बेड
ट्रॉमा सेंटर में करीब 400 बेड और 150 स्ट्रेचर हैं. मरीजों की भर्ती को लेकर अफरातफरी मची है. बेड फुल होने की वजह से मरीजों की भर्ती थम गई है. स्ट्रेचर पर मरीज तड़प रहे हैं. परिवारीजन मरीजों को भर्ती कराने के लिए रोते-बिलखते रहे, लेकिन दर्द से छटपटाते मरीजों की सुनवाई नहीं हो रही थी.

कोविड ने बढ़ाई मुसीबत
अधिकारियों का कहना है कि कोविड की वजह से दूसरे अस्पताल मरीज को भर्ती नहीं कर रहे हैं. मरीजों का दबाव बढ़ गया है. यही वजह है कि मरीजों को भर्ती के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. केजीएमयू प्रवक्ता सुधीर सिंह के मुताबिक किसी भी मरीज को लौटाया नहीं जा रहा है. गंभीर मरीजों को प्राथमिकता पर इलाज मुहैया कराया जा रहा है.

Last Updated : Apr 11, 2021, 8:46 PM IST
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