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लखनऊ: नगर निगम ने राजस्व निरीक्षक को दिया आपत्तियों पर सुनवाई का अधिकार

लखनऊ नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने आपत्तियों की सुनवाई के लिए राजस्व निरीक्षक को अधिकार प्रदान किए हैं. अभी तक भवन कर से संबंधित वसूली का अधिकार केवल कर अधीक्षक तक ही सीमित होता था. जिसके कारण बड़ी संख्या में भवन से कर वसूली नहीं हो पाती थी.

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नगर निगम लखनऊ.
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Published : Oct 8, 2020, 4:21 AM IST

लखनऊ: नगर निगम लखनऊ में आपत्तियों पर सुनवाई के अधिकार से वंचित चल रहे राजस्व निरीक्षक को पहली बार अधिकार मिले हैं. अब राजस्व निरीक्षक भवन कर को लेकर मिली आपत्तियों पर सुनवाई कर सकेंगे. आज नगर निगम में आयोजित समीक्षा बैठक में नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने आपत्तियों की सुनवाई पर राजस्व निरीक्षक को अधिकार प्रदान किए हैं. अभी तक भवन कर से संबंधित वसूली का अधिकार केवल कर अधीक्षक तक ही सीमित होता था. जिसके कारण बड़ी संख्या में भवन से कर वसूली नहीं हो पाती थी. जिससे राजस्व को बड़ा नुकसान भी हो रहा था. अब छोटे मकानों और दुकानों से भवन कर वसूली राजस्व निरीक्षक कर सकेंगे. जिससे नगर निगम के राजस्व में बढ़ोतरी होगी.

नगर निगम राजस्व निरीक्षक छोटे मकानों और दुकानों से भवन कर वसूली का अधिकार मिल गया है. अब राजस्व निरीक्षक आवासीय भवन में 5000 वार्षिक किराया मूल्य और गैरआवासीय भवन में 10 हजार वार्षिक किराया मूल्य की भवन कर को लेकर आई हुई आपत्तियों की सुनवाई कर सकेंगे. इससे टैक्स वसूली में काफी इजाफा होगा. जिससे नगर निगम की आय भी काफी ज्यादा हो जाएगी. राजस्व निरीक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा और आपत्तियों पर कैसे सुनवाई करें और उसका निस्तारण कैसे किया जाए इसका तरीका भी बताया जाएगा.

राजस्व निरीक्षक को मिले इस अधिकार से नगर निगम की आय में काफी बढ़ोतरी होगी. वहीं यह नगर निगम में पहली बार हुआ है कि कर अधीक्षक से अलग भी भवन कर वसूली और भवन कर से संबंधित आपत्तियों पर सुनवाई पर अधिकार अब राजस्व निरीक्षक को मिले हैं.

लखनऊ: नगर निगम लखनऊ में आपत्तियों पर सुनवाई के अधिकार से वंचित चल रहे राजस्व निरीक्षक को पहली बार अधिकार मिले हैं. अब राजस्व निरीक्षक भवन कर को लेकर मिली आपत्तियों पर सुनवाई कर सकेंगे. आज नगर निगम में आयोजित समीक्षा बैठक में नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने आपत्तियों की सुनवाई पर राजस्व निरीक्षक को अधिकार प्रदान किए हैं. अभी तक भवन कर से संबंधित वसूली का अधिकार केवल कर अधीक्षक तक ही सीमित होता था. जिसके कारण बड़ी संख्या में भवन से कर वसूली नहीं हो पाती थी. जिससे राजस्व को बड़ा नुकसान भी हो रहा था. अब छोटे मकानों और दुकानों से भवन कर वसूली राजस्व निरीक्षक कर सकेंगे. जिससे नगर निगम के राजस्व में बढ़ोतरी होगी.

नगर निगम राजस्व निरीक्षक छोटे मकानों और दुकानों से भवन कर वसूली का अधिकार मिल गया है. अब राजस्व निरीक्षक आवासीय भवन में 5000 वार्षिक किराया मूल्य और गैरआवासीय भवन में 10 हजार वार्षिक किराया मूल्य की भवन कर को लेकर आई हुई आपत्तियों की सुनवाई कर सकेंगे. इससे टैक्स वसूली में काफी इजाफा होगा. जिससे नगर निगम की आय भी काफी ज्यादा हो जाएगी. राजस्व निरीक्षकों को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा और आपत्तियों पर कैसे सुनवाई करें और उसका निस्तारण कैसे किया जाए इसका तरीका भी बताया जाएगा.

राजस्व निरीक्षक को मिले इस अधिकार से नगर निगम की आय में काफी बढ़ोतरी होगी. वहीं यह नगर निगम में पहली बार हुआ है कि कर अधीक्षक से अलग भी भवन कर वसूली और भवन कर से संबंधित आपत्तियों पर सुनवाई पर अधिकार अब राजस्व निरीक्षक को मिले हैं.

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