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लखनऊ विश्वविद्यालय के लॉ फैकल्टी का नेशनल मेमोरियल राइटिंग परिणाम घोषित

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Published : Jul 27, 2020, 7:20 AM IST

लखनऊ विश्वविद्यालय का बहुप्रतीक्षित नेशनल मेमोरियल राइटिंग कंपटीशन का रिजल्ट घोषित हो गया है. कानूनी विषयों पर लिखने के लिए शुरू किए गए इस कंपटीशन के विजेता लॉयड लॉ कॉलेज के स्वेक्षा व उत्सव प्रथम स्थान पर रहे. वहीं राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय के स्वामी सिंघल और हरी अंक गुप्ता दूसरे स्थान पर रहे.

Lucknow University
Lucknow University

लखनऊ: राजधानी के सबसे प्रमुख शिक्षा केंद्र लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय द्वारा आयोजित किये जा रहे डॉक्टर आर. यू. सिंह नेशनल मेमोरियल राइटिंग कम्पटीशन का शनिवार को परिणाम घोषित किया गया. इस प्रतियोगिता का आयोजन विधि संकाय स्थित लखनऊ यूनिवर्सिटी मूट कोर्ट एसोसिएशन द्वारा करवाया गया था. इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य विधि के छात्रों में वर्तमान की घटनाओं के प्रति विधिक दृष्टिकोण का विकास करना है.

75 टीमों ने लिया हिस्सा
डॉक्टर आर. यू. सिंह नेशनल मेमोरियल राइटिंग कम्पटीशन में देश के विभिन्न क्षेत्रों से 75 टीमों ने हिस्सा लिया. इनमें जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल, गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय असम, सिम्बोसिस लॉ स्कूल नोएडा, दिल्ली विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय नागपुर, महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय, लॉयड लॉ कॉलेज जैसे नामी गिरामी लॉ इंस्टीट्यूट्स के छात्रों ने अपने-अपने विधि विश्विद्यालयों का नेतृत्व किया.

इस प्रतियोगिता में 30 एक-सदस्यीय और बाकी द्वि-सदस्यीय टीमें थीं. इस प्रतियोगिता का विषय एक सोशल मीडिया पर ग्रुप चैट के दौरान एक लड़की के साथ दुष्कर्म करने जैसी बातों के लिए कुख्यात 'बॉयज लॉकर रूम' प्रकरण पर आधारित था. दिए गए छद्म वाद पर प्रतिभागियों को अपने विधिक तर्क लिखित रूप में प्रस्तुत करने थे.

लॉयड लॉ कॉलेज को मिला प्रथम स्थान
इस प्रतियोगिता में लॉयड लॉ कॉलेज के स्वेक्षा एवं उत्सव प्रथम स्थान पर रहे तथा राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय के सौम्य सिंघल एवं हरिअंक गुप्ता द्वितीय स्थान पर रहे. शनिवार के इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण असिस्टेन्ट प्रोफेसर पंचरिषी देव शर्मा द्वारा बताया गया तथ्य था, जिसने सारे प्रतिभागियों को ओत-प्रोत कर दिया.

उन्होंने बताया कि कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में प्रोफेसर डॉ. आर. यू. सिंह जी के नाम से एक लाइब्रेरी रैक है. ये एकलौते भारतीय हैं, जिनके नाम पर विधि से सम्बंधित कैम्ब्रिज विश्विविद्यालय की लाइब्रेरी में एक रैक आज भी उपस्थित है. इस प्रतियोगिता का आभार प्रदर्शन लखनऊ विश्वविद्यालय मूट कोर्ट एसोसिएशन की सदस्य स्वाति सिंह द्वारा किया गया.

विश्वविद्यालय की लॉ फैकल्टी के प्रमुख वास्तुकार प्रोफेसर आरयू सिंह
फैकल्टी ऑफ लॉ, लखनऊ विश्वविद्यालय भारत का अग्रणी कानूनी शिक्षण संस्थान है. इसकी स्थापना 1921 में तीन शिक्षकों के साथ हुई थी. जगमोहन नाथ चक इसके पहले डीन थे. वहीं संस्थान के असली वास्तुकार प्रो. आरयू सिंह माने जाते हैं, जिन्होंने बड़े उत्साह के साथ संकाय में शिक्षण और अनुसंधान को व्यवस्थित तरीके से आयोजित किया. इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों से तथ्यात्मक मैट्रिक्स के लिए संपर्क करना है. एक न्यायाधीश के दृष्टिकोण, कानून लागू करें और एक निर्णय प्रस्तुत करने वाला वो छात्र होता है, जो एक न्यायाधीश की तरह सोचने और एक उचित निष्कर्ष पर पहुंचने की उम्मीद करता है.

प्रतियोगिता के नियमः

  • इसमें इसमें हिस्सा लेने के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से 3 वर्षीय या 5 वर्षीय कानून से बैचलर कर रहे छात्र या फिर एलएलएम कर रहे छात्र इस प्रतियोगिता का हिस्सा बन सकते हैं.
  • व्यक्तिगत भागीदारी के साथ-साथ दो लोग टीम बनाकर प्रतियोगिता में भागीदारी कर सकते हैं और सर लेखन भी कर सकते हैं.
  • किसी भी कॉलेज से या कितनी भी प्रविष्टियों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है.
  • प्रतिभागियों को एक तथ्यात्मक मैट्रिक्स और प्रदान किया जाता है.
  • उसी के आधार पर निर्णय लिखना आवश्यक होता है.
  • एक टीम के प्रतिभागी एक ही राय रख सकतेे हैं. एक से ज्यादा नजरियों को रखने का इस प्रतियोगिता में नहीं दिया जाता.

लखनऊ: राजधानी के सबसे प्रमुख शिक्षा केंद्र लखनऊ विश्वविद्यालय के विधि संकाय द्वारा आयोजित किये जा रहे डॉक्टर आर. यू. सिंह नेशनल मेमोरियल राइटिंग कम्पटीशन का शनिवार को परिणाम घोषित किया गया. इस प्रतियोगिता का आयोजन विधि संकाय स्थित लखनऊ यूनिवर्सिटी मूट कोर्ट एसोसिएशन द्वारा करवाया गया था. इस प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य विधि के छात्रों में वर्तमान की घटनाओं के प्रति विधिक दृष्टिकोण का विकास करना है.

75 टीमों ने लिया हिस्सा
डॉक्टर आर. यू. सिंह नेशनल मेमोरियल राइटिंग कम्पटीशन में देश के विभिन्न क्षेत्रों से 75 टीमों ने हिस्सा लिया. इनमें जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल, गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय असम, सिम्बोसिस लॉ स्कूल नोएडा, दिल्ली विश्वविद्यालय, राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय नागपुर, महाराष्ट्र राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय, लॉयड लॉ कॉलेज जैसे नामी गिरामी लॉ इंस्टीट्यूट्स के छात्रों ने अपने-अपने विधि विश्विद्यालयों का नेतृत्व किया.

इस प्रतियोगिता में 30 एक-सदस्यीय और बाकी द्वि-सदस्यीय टीमें थीं. इस प्रतियोगिता का विषय एक सोशल मीडिया पर ग्रुप चैट के दौरान एक लड़की के साथ दुष्कर्म करने जैसी बातों के लिए कुख्यात 'बॉयज लॉकर रूम' प्रकरण पर आधारित था. दिए गए छद्म वाद पर प्रतिभागियों को अपने विधिक तर्क लिखित रूप में प्रस्तुत करने थे.

लॉयड लॉ कॉलेज को मिला प्रथम स्थान
इस प्रतियोगिता में लॉयड लॉ कॉलेज के स्वेक्षा एवं उत्सव प्रथम स्थान पर रहे तथा राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्विद्यालय के सौम्य सिंघल एवं हरिअंक गुप्ता द्वितीय स्थान पर रहे. शनिवार के इस आयोजन का प्रमुख आकर्षण असिस्टेन्ट प्रोफेसर पंचरिषी देव शर्मा द्वारा बताया गया तथ्य था, जिसने सारे प्रतिभागियों को ओत-प्रोत कर दिया.

उन्होंने बताया कि कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के पुस्तकालय में प्रोफेसर डॉ. आर. यू. सिंह जी के नाम से एक लाइब्रेरी रैक है. ये एकलौते भारतीय हैं, जिनके नाम पर विधि से सम्बंधित कैम्ब्रिज विश्विविद्यालय की लाइब्रेरी में एक रैक आज भी उपस्थित है. इस प्रतियोगिता का आभार प्रदर्शन लखनऊ विश्वविद्यालय मूट कोर्ट एसोसिएशन की सदस्य स्वाति सिंह द्वारा किया गया.

विश्वविद्यालय की लॉ फैकल्टी के प्रमुख वास्तुकार प्रोफेसर आरयू सिंह
फैकल्टी ऑफ लॉ, लखनऊ विश्वविद्यालय भारत का अग्रणी कानूनी शिक्षण संस्थान है. इसकी स्थापना 1921 में तीन शिक्षकों के साथ हुई थी. जगमोहन नाथ चक इसके पहले डीन थे. वहीं संस्थान के असली वास्तुकार प्रो. आरयू सिंह माने जाते हैं, जिन्होंने बड़े उत्साह के साथ संकाय में शिक्षण और अनुसंधान को व्यवस्थित तरीके से आयोजित किया. इस प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों से तथ्यात्मक मैट्रिक्स के लिए संपर्क करना है. एक न्यायाधीश के दृष्टिकोण, कानून लागू करें और एक निर्णय प्रस्तुत करने वाला वो छात्र होता है, जो एक न्यायाधीश की तरह सोचने और एक उचित निष्कर्ष पर पहुंचने की उम्मीद करता है.

प्रतियोगिता के नियमः

  • इसमें इसमें हिस्सा लेने के लिए किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से 3 वर्षीय या 5 वर्षीय कानून से बैचलर कर रहे छात्र या फिर एलएलएम कर रहे छात्र इस प्रतियोगिता का हिस्सा बन सकते हैं.
  • व्यक्तिगत भागीदारी के साथ-साथ दो लोग टीम बनाकर प्रतियोगिता में भागीदारी कर सकते हैं और सर लेखन भी कर सकते हैं.
  • किसी भी कॉलेज से या कितनी भी प्रविष्टियों की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं होता है.
  • प्रतिभागियों को एक तथ्यात्मक मैट्रिक्स और प्रदान किया जाता है.
  • उसी के आधार पर निर्णय लिखना आवश्यक होता है.
  • एक टीम के प्रतिभागी एक ही राय रख सकतेे हैं. एक से ज्यादा नजरियों को रखने का इस प्रतियोगिता में नहीं दिया जाता.
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