लखनऊ : बहुचर्चित हाथरस कांड में एसआईटी की जांच के बाद एसपी विक्रांत वीर को मुख्यमंत्री के आदेश पर निलंबित कर दिया गया था. वहीं अब 6 महीने बाद उनकी बहाली हो गई है. वह वर्ष 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं.
सितंबर माह में हाथरस में हुई दलित युवती के साथ गैंगरेप की घटना के बाद हुए बवाल और एसआईटी की जांच के बाद एसपी हाथरस विक्रांत वीर को निलंबित कर दिया गया था. वहीं जिलाधिकारी को भी हटाने की मांग की गई थीं. वही हाथरस कांड में पुलिस उपाधीक्षक, इंस्पेक्टर व दो अन्य पुलिस कर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह आदेश एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद दिए थे.
क्या था मामला
साल 2020 के सितंबर माह में हाथरस जनपद में एक दलित युवती के साथ चार युवकों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था. वहीं युवती के साथ दरिंदगी भी की गई थी, जिससे उसकी रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर हुआ था और बाद में युवती ने 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरगंज अस्पताल में दम तोड़ दिया था. इस मामले के तूल पकड़ने के बाद शासन के आदेश पर एसआईटी की टीम जांच के लिए गठित की गई. व
एसआईटी ने इस प्रकरण में कुछ अधिकारियों को भी दोषी माना था, जिसके बाद एसपी हाथरस विक्रांत वीर को निलंबित कर दिया गया. वहीं इस मामले में पीड़ित परिवार, आरोपी पक्ष व संबंधित पुलिस कर्मियों का पॉलीग्राफ व नार्को टेस्ट भी कराने का भी आदेश दिए थे. निलंबित किए जाने वालों में जिले के कप्तान विक्रांत वीर, क्षेत्राधिकारी रामशब्द, इन्सपेक्टर दिनेश कुमार वर्मा, वरिष्ठ उप निरीक्षक जगवीर सिंह व हेड मोहर्रिर महेश पाल शामिल हैं