लखनऊ: उत्तर प्रदेश में होने वाले 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मिशन 2022 को केंद्र बिंदु में रखते हुए उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दलितों और पिछड़ों को लुभाने के लिए बड़ा 'मास्टर स्ट्रोक' खेला है. खास बात यह भी है कि गरीब सवर्णों को भी आर्थिक रूप से मजबूत करने के उद्देश्य से आरक्षण में इन्हें भी शामिल किया गया है और ठेकों में गरीब सवर्णों को भी आरक्षण मिलेगा. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अपने अधीन आने वाले लोक निर्माण विभाग (PWD) के अंतर्गत निर्माण कार्यों के ठेकों में आरक्षण व्यवस्था लागू करने का बड़ा फैसला किया है.
उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले एक करोड़ नीति के तहत उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने दलितों और पिछड़ों को भाजपा के प्रति लामबंद करने के उद्देश्य से यह बड़ा फैसला अपने विभाग को लेकर किया है. इससे अब लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत होने वाले निर्माण कार्यों के ठेकों में 40 लाख रुपए तक के ठेकों में दलित, पिछड़े और गरीब सवर्ण लोगों को आरक्षण दिया जाएगा.
निर्माण कार्यों के ठेकों में आरक्षण देने वाला यूपी बना पहला राज्य
चुनाव से पहले यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि निर्माण कार्यों में भी आरक्षण की व्यवस्था लागू करने को लेकर उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है. देश के किसी भी राज्य में निर्माण कार्यों के ठेकों में आरक्षण जैसी व्यवस्था लागू नहीं है. ऐसी स्थिति में जब उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने विभाग में यह फैसला लागू किया तो इसको चुनावी राजनीति से भी जोड़कर देखा जाना स्वाभाविक है.
दलित, पिछड़े और गरीब सवर्णों के जरिए मिशन 2022 पर निशाना
उत्तर प्रदेश में अब निर्माण कार्यों के ठेकों में 40 लाख रुपए तक के ठेकों में पिछड़े, दलित समाज के लोगों और गरीब सवर्ण को आरक्षण का लाभ मिलेगा. इससे इन्हें न सिर्फ आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सकेगा, बल्कि समाज की मुख्यधारा से जोड़ने में भी लाभ मिलेगा. ऐसा होने से स्वाभाविक रूप से इन लोगों का झुकाव भारतीय जनता पार्टी की तरफ होगा और इसका फायदा भारतीय जनता पार्टी को चुनावी राजनीति में मिशन 2022 में सफलता में काम आएगा.
दरअसल, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अफसरों को निर्देश दिए हैं कि लोक निर्माण विभाग, सेतु निगम राजकीय निर्माण निगम में 40 लाख रुपए तक के ठेके में पिछड़े, दलित और गरीब सवर्णों को आरक्षण देने का प्रावधान जल्द से जल्द लागू किया जाए. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विभागीय अफसरों को निर्देश देते हुए कहा है कि वह लोग आरक्षण देने के फैसले को लेकर तत्काल प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत करें, जिससे समाज के इन वर्गों को ठेकों में आरक्षण का शासनादेश जारी कराया जा सके.
डिप्टी सीएम ने बताया कैसे मिलेगा आरक्षण
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ईटीवी भारत को फोन पर बताया कि दलित ठेकेदारों को 21 फीसदी, अनुसूचित जनजाति के ठेकेदारों को 2 फीसदी, पिछड़े वर्ग के ठेकेदारों को 27 फीसदी और सामान्य वर्ग के गरीब ठेकेदारों को 10 फीसदी आरक्षण का प्रावधान किया गया है.
बीटेक और डिप्लोमा धारक इंजीनियरों को भी प्रोत्साहित करने की योजना
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने यह भी बताया कि बीटेक और डिप्लोमाधारी बेरोजगार और सिविल इंजीनियरों को भी 10 लाख रुपए तक के ठेकों में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. उन्हें भी काम देने के लिए नियम बनाया जाएगा. बेरोजगार सिविल इंजीनियरों को बैंक से ऋण दिलाने में भी विभाग की तरफ से मदद की जाएगी.
आरक्षण से आसानी से मिलेंगे ठेके, सुधरेगी आर्थिक स्थिति
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि यह फैसला लागू करने से दलित, पिछड़े और गरीब सवर्णों को समाज की मुख्यधारा से लाने में मदद मिलेगी और यह लोग अपनी आर्थिक स्थिति भी ठीक कर सकेंगे. आरक्षण का लाभ मिलने से स्वाभाविक रूप से इन लोगों को आसानी से काम मिल सकेंगे और इससे यह लोग अपने आप को आर्थिक रूप से सशक्त भी कर सकेंगे. केशव मौर्य ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी की हमेशा से यही सोच रही है कि समाज के हर वर्ग को साथ लेकर चलना है. सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के नारे के साथ भाजपा सरकार काम करती है. इसी के चलते उन्होंने अपने विभाग के अंतर्गत 40 लाख रुपए के ठेकों में दलित, पिछड़े व गरीब सवर्णों को आरक्षण देने का फैसला किया है. जल्द ही इसका शासनादेश विभाग की तरफ से जारी कर दिया जाएगा.