ETV Bharat / state

पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण जारी, 2015 के आधार पर किया गया लागू

उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के लिए हाईकोर्ट के निर्देश के बाद बुधवार को देर रात पंचायती राज विभाग ने आरक्षण व्यवस्था जारी कर दी गई. पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने पंचायत चुनाव के लिए ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत अध्यक्ष के पद का आरक्षण जारी कर दिया.

पंचायत भवन.
पंचायत भवन.
author img

By

Published : Mar 18, 2021, 3:28 AM IST

लखनऊः पंचायत चुनाव के लिए हाईकोर्ट के निर्देश के बाद बुधवार को देर रात पंचायती राज विभाग ने आरक्षण प्रक्रिया जारी कर दी. पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने पंचायत चुनाव के लिए ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत अध्यक्ष के पद का आरक्षण जारी कर दिया. यह आरक्षण हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए जारी किया गया है. इसमें चक्रानुक्रम आरक्षण की प्रक्रिया निर्धारित की गई है. आरक्षण प्रक्रिया जारी किए जाने के बाद शासन ने आरक्षण और आवंटन के लिए 20 मार्च से 23 मार्च तक आपत्तियां प्राप्त करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके बाद 24 मार्च से 25 मार्च तक आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा. इसके बाद 26 मार्च को जिलाधिकारी के स्तर पर आरक्षण की अंतिम सूची जारी की जाएगी.

राज्य निर्वाचन आयोग.
राज्य निर्वाचन आयोग.


तैयारियों को लेकर आयोग करेगा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
राज्य सरकार की तरफ से आरक्षण जारी करने के बाद अब राज्य निर्वाचन आयोग गुरुवार को प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों और पुलिस कप्तानों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग बात करेगा. इसके माध्यम से चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाना है.

निदेशक, पंचायती राज
निदेशक, पंचायती राज
ये है जिला पंचायत अध्यक्ष का आरक्षण
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की तरफ से आरक्षण प्रक्रिया जारी की गई है. इसके अनुसार प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्षों के पद के लिए 10 जिले अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किए गए हैं. इनमें कानपुर औरैया, चित्रकूट, महोबा, झांसी, जालौन, बाराबंकी, खीरी, रायबरेली, मिर्जापुर शामिल हैं. अनुसूचित जाति महिला के लिए 6 सीट आरक्षित की गई हैं. इनमें शामली, बागपत, कौशांबी, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई शामिल हैं.


ओबीसी महिला के लिए 7 जिले आरक्षित
इसी प्रकार ओबीसी महिला के लिए 7 जिले आरक्षित किए गए हैं. इनमें बदायूं, संभल, एटा, कुशीनगर, बरेली, हापुड़ और वाराणसी शामिल हैं. ओबीसी के लिए 13 जिले आरक्षित किए गए हैं. इनमें आजमगढ़, बलिया, इटावा, फर्रुखाबाद, बांदा, ललितपुर, अंबेडकर नगर, पीलीभीत, बस्ती, संतकबीर नगर, चंदौली, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर शामिल हैं.


12 जिले महिलाओं के लिए आरक्षित
इसी क्रम में 12 जिले महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं. इनमें बहराइच, प्रतापगढ़, जौनपुर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, आगरा, सुल्तानपुर, बुलंदशहर, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, बलरामपुर और अलीगढ़ शामिल हैं.

यह भी पढ़ेंः 'किसान आंदोलन के चलते पंचायत चुनाव बिना पार्टी सिंबल के लड़ेगी भाजपा'

27 जिले अनारक्षित
इसके अलावा 27 जिलों में किसी भी प्रकार का आरक्षण लागू नहीं किया गया. इन 27 जिलों में गोंडा, प्रयागराज, बिजनौर, उन्नाव, मेरठ, रामपुर, फतेहपुर, मथुरा, अयोध्या, देवरिया, महाराजगंज, गोरखपुर, अमेठी, श्रावस्ती, कानपुर देहात, अमरोहा, हाथरस, भदोही, गाजियाबाद, कन्नौज, मऊ, कासगंज, मैनपुरी, फिरोजाबाद, सोनभद्र, हमीरपुर व गौतमबुद्ध नगर शामिल हैं.

यह भी पढ़ेंः राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किए निर्देश, चार चरणों में होंगे पंचायत चुनाव

ब्लॉक प्रमुख पद के लिए भी आरक्षण जारी
क्षेत्र पंचायत सदस्य यानी ब्लॉक प्रमुख पद का भी आरक्षण अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने जारी कर दिया है. इनमें प्रदेश के सभी 75 जिलों में अलग-अलग जिलों में ब्लॉक प्रमुख पदों के अनुसार आरक्षण जारी किया गया है. इनमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति महिला. ओबीसी और ओबीसी महिला के पदों का आरक्षण जारी किया गया है. इसमें प्रदेश के 826 ब्लॉक प्रमुख पदों में आधी आबादी यानी महिलाओं के लिए सभी वर्गों को मिलाकर 300 पद आरक्षित किए गए हैं. अनुसूचित जाति की महिलाओं को 86 पद दिए गए हैं. अनुसूचित जाति के लिए 85 पद आरक्षित किए गए हैं. ओबीसी की 97 महिलाओं को आरक्षण दिया गया है. ओबीसी के लिए 126 पद आरक्षित किए गए हैं. सामान्य महिलाओं के लिए 113 पद रखे गए हैं.

ग्राम पंचायतों का आरक्षण भी जारी
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए पंचायतों का आरक्षण तय किया है. ग्राम पंचायतों का आरक्षण जनसंख्या के आधार पर किया जाएगा. जिस वर्ग की जनसंख्या अधिक होगी, पहले उस वर्ग को आरक्षण में वरीयता दिए जाने की नीति बनाई गई है. इसके तहत अनुसूचित जनजाति की महिलाएं, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति की महिलाएं अनुसूचित जाति पिछड़े वर्ग की महिलाएं, पिछड़े वर्ग और महिलाओं के क्रमानुसार आरक्षण प्रक्रिया पंचायतों में लागू की गई है. अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को ग्राम पंचायतों की जनसंख्या के आधार पर शासन के आरक्षण फार्मूले के आधार पर आरक्षण तय करने के निर्देश दिए हैं.

लखनऊः पंचायत चुनाव के लिए हाईकोर्ट के निर्देश के बाद बुधवार को देर रात पंचायती राज विभाग ने आरक्षण प्रक्रिया जारी कर दी. पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने पंचायत चुनाव के लिए ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और जिला पंचायत अध्यक्ष के पद का आरक्षण जारी कर दिया. यह आरक्षण हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए जारी किया गया है. इसमें चक्रानुक्रम आरक्षण की प्रक्रिया निर्धारित की गई है. आरक्षण प्रक्रिया जारी किए जाने के बाद शासन ने आरक्षण और आवंटन के लिए 20 मार्च से 23 मार्च तक आपत्तियां प्राप्त करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके बाद 24 मार्च से 25 मार्च तक आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा. इसके बाद 26 मार्च को जिलाधिकारी के स्तर पर आरक्षण की अंतिम सूची जारी की जाएगी.

राज्य निर्वाचन आयोग.
राज्य निर्वाचन आयोग.


तैयारियों को लेकर आयोग करेगा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग
राज्य सरकार की तरफ से आरक्षण जारी करने के बाद अब राज्य निर्वाचन आयोग गुरुवार को प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों और पुलिस कप्तानों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग बात करेगा. इसके माध्यम से चुनाव की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जाना है.

निदेशक, पंचायती राज
निदेशक, पंचायती राज
ये है जिला पंचायत अध्यक्ष का आरक्षण
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की तरफ से आरक्षण प्रक्रिया जारी की गई है. इसके अनुसार प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्षों के पद के लिए 10 जिले अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किए गए हैं. इनमें कानपुर औरैया, चित्रकूट, महोबा, झांसी, जालौन, बाराबंकी, खीरी, रायबरेली, मिर्जापुर शामिल हैं. अनुसूचित जाति महिला के लिए 6 सीट आरक्षित की गई हैं. इनमें शामली, बागपत, कौशांबी, लखनऊ, सीतापुर, हरदोई शामिल हैं.


ओबीसी महिला के लिए 7 जिले आरक्षित
इसी प्रकार ओबीसी महिला के लिए 7 जिले आरक्षित किए गए हैं. इनमें बदायूं, संभल, एटा, कुशीनगर, बरेली, हापुड़ और वाराणसी शामिल हैं. ओबीसी के लिए 13 जिले आरक्षित किए गए हैं. इनमें आजमगढ़, बलिया, इटावा, फर्रुखाबाद, बांदा, ललितपुर, अंबेडकर नगर, पीलीभीत, बस्ती, संतकबीर नगर, चंदौली, सहारनपुर और मुजफ्फरनगर शामिल हैं.


12 जिले महिलाओं के लिए आरक्षित
इसी क्रम में 12 जिले महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं. इनमें बहराइच, प्रतापगढ़, जौनपुर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, आगरा, सुल्तानपुर, बुलंदशहर, शाहजहांपुर, मुरादाबाद, बलरामपुर और अलीगढ़ शामिल हैं.

यह भी पढ़ेंः 'किसान आंदोलन के चलते पंचायत चुनाव बिना पार्टी सिंबल के लड़ेगी भाजपा'

27 जिले अनारक्षित
इसके अलावा 27 जिलों में किसी भी प्रकार का आरक्षण लागू नहीं किया गया. इन 27 जिलों में गोंडा, प्रयागराज, बिजनौर, उन्नाव, मेरठ, रामपुर, फतेहपुर, मथुरा, अयोध्या, देवरिया, महाराजगंज, गोरखपुर, अमेठी, श्रावस्ती, कानपुर देहात, अमरोहा, हाथरस, भदोही, गाजियाबाद, कन्नौज, मऊ, कासगंज, मैनपुरी, फिरोजाबाद, सोनभद्र, हमीरपुर व गौतमबुद्ध नगर शामिल हैं.

यह भी पढ़ेंः राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किए निर्देश, चार चरणों में होंगे पंचायत चुनाव

ब्लॉक प्रमुख पद के लिए भी आरक्षण जारी
क्षेत्र पंचायत सदस्य यानी ब्लॉक प्रमुख पद का भी आरक्षण अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह ने जारी कर दिया है. इनमें प्रदेश के सभी 75 जिलों में अलग-अलग जिलों में ब्लॉक प्रमुख पदों के अनुसार आरक्षण जारी किया गया है. इनमें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति महिला. ओबीसी और ओबीसी महिला के पदों का आरक्षण जारी किया गया है. इसमें प्रदेश के 826 ब्लॉक प्रमुख पदों में आधी आबादी यानी महिलाओं के लिए सभी वर्गों को मिलाकर 300 पद आरक्षित किए गए हैं. अनुसूचित जाति की महिलाओं को 86 पद दिए गए हैं. अनुसूचित जाति के लिए 85 पद आरक्षित किए गए हैं. ओबीसी की 97 महिलाओं को आरक्षण दिया गया है. ओबीसी के लिए 126 पद आरक्षित किए गए हैं. सामान्य महिलाओं के लिए 113 पद रखे गए हैं.

ग्राम पंचायतों का आरक्षण भी जारी
पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार वर्ष 2015 को मूल वर्ष मानते हुए पंचायतों का आरक्षण तय किया है. ग्राम पंचायतों का आरक्षण जनसंख्या के आधार पर किया जाएगा. जिस वर्ग की जनसंख्या अधिक होगी, पहले उस वर्ग को आरक्षण में वरीयता दिए जाने की नीति बनाई गई है. इसके तहत अनुसूचित जनजाति की महिलाएं, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति की महिलाएं अनुसूचित जाति पिछड़े वर्ग की महिलाएं, पिछड़े वर्ग और महिलाओं के क्रमानुसार आरक्षण प्रक्रिया पंचायतों में लागू की गई है. अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को ग्राम पंचायतों की जनसंख्या के आधार पर शासन के आरक्षण फार्मूले के आधार पर आरक्षण तय करने के निर्देश दिए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.