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चौराहे से पहले उतार दिए पुल साबित हो रहे बेनतीजा, रोजाना का जाम लगना हुआ आम - दूरदर्शिता दिखाई जाती

लखनऊ में पुलों के निर्माण में जमकर तकनीकी गड़बड़ियां हुई हैं. चौराहों से थोड़ा दूरी पर इन पुलों को समाप्त कर दिया गया है. इसका नतीजा यह हुआ है कि जाम अब आम हो चुका है. जो पुल वाहनों को तेज रफ्तार से दौड़ने के लिए बनाए गए थे. उनके ऊपर यातायात आमतौर से रुका रहता है. अगर इन पुलों के निर्माण के समय थोड़ी सी दूरदर्शिता दिखाई जाती तो निश्चित तौर पर न पुलों पर जाम नहीं लगता.

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Published : Dec 12, 2022, 4:46 PM IST

Updated : Dec 13, 2022, 7:12 PM IST

लखनऊ : लखनऊ में पुलों के निर्माण में जमकर तकनीकी गड़बड़ियां हुई हैं. चौराहों से थोड़ा दूरी पर इन पुलों को समाप्त कर दिया गया है. इसका नतीजा यह हुआ है कि जाम अब आम हो चुका है. जो पुल वाहनों को तेज रफ्तार से दौड़ने के लिए बनाए गए थे. उनके ऊपर यातायात आमतौर से रुका रहता है. अगर इन पुलों के निर्माण के समय थोड़ी सी दूरदर्शिता दिखाई जाती तो निश्चित तौर पर न केवल पुलों पर जाम नहीं लगता, बल्कि जहां यह पुल उतर रहे हैं उससे थोड़ी दूर पर चौराहा भी जा मुक्त हो जाता. अब इस दुविधा से निपटने का कोई रास्ता सरकारी एजेंसियों के पास नहीं है.

जानकारी देते संवाददाता ऋषि मिश्र.

ऐसे पुल जो चौराहों से पहले उतार दिए गए (unloaded before intersections) हैं उनमें से ज्यादातर रेलवे क्रॉसिंग के ऊपर बने हैं. माल एवेन्यू रेलवे क्रॉसिंग (Mall Avenue Railway Crossing) के ऊपर बना पुल. रैदास मंदिर के क्रॉसिंग के ऊपर बना पुल. जबकि मड़ियाहूं में भरत नगर में क्रॉसिंग के ऊपर बना पुल, ऐसी तकनीकी गड़बड़ियों का उदाहरण हैं. जिनकी वजह से लोगों को अब भारी जाम का सामना करना पड़ रहा है. रैदास मंदिर क्रॉसिंग का पुल (Raidas Mandir Crossing Bridge) अगर आईटी चौराहे को पार करके बनाया जाता. तो निश्चित तौर पर आईटी चौराहे पर लगने वाले जाम से लोगों को मुक्ति मिलती. जिन लोगों को कपूरथला और विश्वविद्यालय की ओर सीधे जाना होता वह पुल के ऊपर से निकल जाते. इससे पुल के नीचे वाहनों का जमाव कम होता.

इसी तरह से माल एवेन्यु क्रॉसिंग आगे माल एवेन्यू चौराहे के ऊपर से निकाला जाता तो इस चौराहे पर लगने वाला जाम कम हो जाता. इसको आवास विकास परिषद के दफ्तर के सामने उतारकर ना केवल चौराहे को बल्कि निजात नहीं मिल पा रही है. यहां अपने बच्चे को स्कूल से लेने आए सरदार सुखविंदर सिंह ने बताया कि निश्चित तौर पर बहुत तकलीफ होती है. अगर यह पुल चौराहे के ऊपर से निकाल दिया जाता तो यहां जाम ना लगता. अलीगंज में रहने वाले प्रतीक तिवारी ने बताया कि पता नहीं क्यों आईटी चौराहे के ऊपर पुल नहीं बनाया गया. इस चौराहे को प्राप्त करने में अच्छी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

राज्य सेतु निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक राकेश सिंह (State Bridge Construction Corporation Managing Director Rakesh Singh) ने बताया कि निश्चित तौर पर आपका यह कहना सही है कि चौराहों को पार करके पुल उतारे जाने चाहिए थे. पहले जब हम रेलवे क्रॉसिंग के ऊपर पुल बनाते थे तब आधा पैसा रेलवे देता था. हमारे पास फंड की कमी होती थी इसलिए हम छोटे पुल बनाया करते थे. मगर अब ऐसा नहीं होता है अब हम जो भी पुल नहीं बना रहे हैं विचारों को क्रॉस करके ही बनाते हैं. इसके अलावा हमारी कोशिश है कि जितने भी नए प्रपोजल आए उनको इसी तरह से एलाइनमेंट में बनाया जाए.

यह भी पढ़ें : शुगर मिल न चलने से गन्ना किसानों में उबाल, पानी की टंकी पर चढ़कर किया बवाल

लखनऊ : लखनऊ में पुलों के निर्माण में जमकर तकनीकी गड़बड़ियां हुई हैं. चौराहों से थोड़ा दूरी पर इन पुलों को समाप्त कर दिया गया है. इसका नतीजा यह हुआ है कि जाम अब आम हो चुका है. जो पुल वाहनों को तेज रफ्तार से दौड़ने के लिए बनाए गए थे. उनके ऊपर यातायात आमतौर से रुका रहता है. अगर इन पुलों के निर्माण के समय थोड़ी सी दूरदर्शिता दिखाई जाती तो निश्चित तौर पर न केवल पुलों पर जाम नहीं लगता, बल्कि जहां यह पुल उतर रहे हैं उससे थोड़ी दूर पर चौराहा भी जा मुक्त हो जाता. अब इस दुविधा से निपटने का कोई रास्ता सरकारी एजेंसियों के पास नहीं है.

जानकारी देते संवाददाता ऋषि मिश्र.

ऐसे पुल जो चौराहों से पहले उतार दिए गए (unloaded before intersections) हैं उनमें से ज्यादातर रेलवे क्रॉसिंग के ऊपर बने हैं. माल एवेन्यू रेलवे क्रॉसिंग (Mall Avenue Railway Crossing) के ऊपर बना पुल. रैदास मंदिर के क्रॉसिंग के ऊपर बना पुल. जबकि मड़ियाहूं में भरत नगर में क्रॉसिंग के ऊपर बना पुल, ऐसी तकनीकी गड़बड़ियों का उदाहरण हैं. जिनकी वजह से लोगों को अब भारी जाम का सामना करना पड़ रहा है. रैदास मंदिर क्रॉसिंग का पुल (Raidas Mandir Crossing Bridge) अगर आईटी चौराहे को पार करके बनाया जाता. तो निश्चित तौर पर आईटी चौराहे पर लगने वाले जाम से लोगों को मुक्ति मिलती. जिन लोगों को कपूरथला और विश्वविद्यालय की ओर सीधे जाना होता वह पुल के ऊपर से निकल जाते. इससे पुल के नीचे वाहनों का जमाव कम होता.

इसी तरह से माल एवेन्यु क्रॉसिंग आगे माल एवेन्यू चौराहे के ऊपर से निकाला जाता तो इस चौराहे पर लगने वाला जाम कम हो जाता. इसको आवास विकास परिषद के दफ्तर के सामने उतारकर ना केवल चौराहे को बल्कि निजात नहीं मिल पा रही है. यहां अपने बच्चे को स्कूल से लेने आए सरदार सुखविंदर सिंह ने बताया कि निश्चित तौर पर बहुत तकलीफ होती है. अगर यह पुल चौराहे के ऊपर से निकाल दिया जाता तो यहां जाम ना लगता. अलीगंज में रहने वाले प्रतीक तिवारी ने बताया कि पता नहीं क्यों आईटी चौराहे के ऊपर पुल नहीं बनाया गया. इस चौराहे को प्राप्त करने में अच्छी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

राज्य सेतु निर्माण निगम के प्रबंध निदेशक राकेश सिंह (State Bridge Construction Corporation Managing Director Rakesh Singh) ने बताया कि निश्चित तौर पर आपका यह कहना सही है कि चौराहों को पार करके पुल उतारे जाने चाहिए थे. पहले जब हम रेलवे क्रॉसिंग के ऊपर पुल बनाते थे तब आधा पैसा रेलवे देता था. हमारे पास फंड की कमी होती थी इसलिए हम छोटे पुल बनाया करते थे. मगर अब ऐसा नहीं होता है अब हम जो भी पुल नहीं बना रहे हैं विचारों को क्रॉस करके ही बनाते हैं. इसके अलावा हमारी कोशिश है कि जितने भी नए प्रपोजल आए उनको इसी तरह से एलाइनमेंट में बनाया जाए.

यह भी पढ़ें : शुगर मिल न चलने से गन्ना किसानों में उबाल, पानी की टंकी पर चढ़कर किया बवाल

Last Updated : Dec 13, 2022, 7:12 PM IST
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