लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से विश्वविद्यालय परिसर व डिग्री कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र 2023-24 मई विभिन्न विषयों में प्रवेश के लिए इस बार से पंजीकरण प्रक्रिया शुरू किया है. इस पंजीकरण प्रक्रिया में शामिल होने के लिए छात्रों को ₹100 का शुल्क अदा करना होगा. जिसको लेकर विभिन्न छात्र संगठनों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है, सोमवार को समाजवादी छात्र सभा व बिरसा अंबेडकर फुले छात्र संगठन (बापसा) ने संयुक्त रूप से विश्वविद्यालय परिसर में इसके विरोध में धरना दिया.
छात्र संगठनों का कहना था कि विश्वविद्यालय प्रशासन जानबूझकर गरीब छात्रों पर आर्थिक बहुत बड़ा रहा है. प्रदर्शन करने वाले छात्र संगठनों का कहना है कि विश्वविद्यालय में गरीब किसान, आर्थिक रूप से कमजोर छात्र पढ़ने के लिए आते हैं. ऐसे में उन पर ₹100 का भी अतिरिक्त शुल्क लगाना आर्थिक बोझ है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने जानबूझकर इस बार से यह छात्रों पर बढ़ाया है. ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी बीते दिनों हुई वित्त समिति की बैठक में शैक्षणिक सत्र 2023-24 से प्रवेश लेने वाले सभी छात्रों को पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की है. इसके लिए छात्रों को ₹100 देने होंगे. इस संबंध में बीते शुक्रवार को कुलसचिव डॉ. संजय मेधावी की ओर से निर्देश जारी किया गया. कहा गया कि जो भी छात्र विश्वविद्यालय व संबद्ध डिग्री कॉलेजों में प्रवेश लेना चाहते हैं. उन्हें लखनऊ विश्वविद्यालय ऑनलाइन पोर्टल (लर्न) पर जाकर पंजीकरण कराना होगा. इसके लिए उन्हें ₹100 शुल्क देना होगा. इसको लेकर छात्र संगठनों में काफी रोष व्याप्त है. उनका कहना है कि विश्वविद्यालय ने अभी ₹100 पंजीकरण के नाम पर वसूल कर रही है.
पंजीकरण शुल्क को लेकर विश्वविद्यालय में प्रदर्शन कर रहे समाजवादी छात्र सभा व बापसा के प्रतिनिधिमंडल को चीफ प्रॉक्टर प्रोफेसर राकेश द्विवेदी कुलपति से मिलवाने ले गए. जहां पर प्रतिनिधिमंडल ने कुलपति से पंजीकरण के नाम पर हो रही वसूली को वापस लेने का ज्ञापन सौंपा. छात्र सभा की सचिव कांछी सिंह ने बताया कि हमने कुलपति के सामने अपनी मांगों को रखा और जल्दी इस पर निर्णय लेने की मांग की. अगर विश्वविद्यालय प्रशासन इसको वापस नहीं लेता है तो आगे बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
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