लखनऊः उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के अधिकारी महिलाकर्मियों से बुरा बर्ताव कर रहे हैं. उन्हें अपने दफ्तर से धक्का मार कर बाहर भगा रहे हैं. महिला कर्मियों की सुनवाई नहीं हो रही है. इससे रोडवेज से महिला कर्मचारी परेशान हैं. एक दिन पहले परिवहन निगम मुख्यालय पर इसी तरह के मामले को लेकर रोडवेज की एक महिला कर्मी और लखनऊ रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक से पहले कहासुनी हुई उसके बाद धक्का-मुक्की तक की नौबत आ गई. मौके पर पहुंचे सीनियर अधिकारियों ने किसी तरह बीच-बचाव कर मामला शांत कराया.
एक रोडवेज महिला कर्मी सीनियर अधिकारी से अपनी पोस्टिंग को लेकर बात करने परिवहन निगम मुख्यालय गई तो क्षेत्रीय प्रबंधक ने उसका हाथ पकड़कर धक्का दे दिया. इसके बाद मुख्यालय पर तांडव मच गया. महिला कर्मचारी ने आरएम के बुरे बर्ताव को लेकर सीनियर अधिकारियों से शिकायत की. जानकारी के मुताबिक परिवहन निगम के अवध डिपो में अपने पिता की जगह मृतक आश्रित कोटे में नौकरी पाई महिला कर्मचारी फैजा फारूकी को डॉक्टर ने हड्डी में सेफ्टी वॉल्ब पड़े होने को लेकर रेस्ट की सलाह दी है.
इसी सिलसिले में फैजा फारूकी परिवहन निगम मुख्यालय पर लखनऊ रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर से बस में कंडक्टरी के बजाय दफ्तर में तैनाती को लेकर अनुरोध करने गई थी. महिलाकर्मी का आरोप है कि क्षेत्रीय प्रबंधक में पहले हाथ पकड़ा उसके बाद कोई भी बात सुनने के बजाय धक्का दे दिया. उसका आरोप है कि महिलाओं के साथ वे हमेशा से बुरा बर्ताव करते हैं. महिला कर्मी फैजा फारूकी का कहना है कि जब आरएम मनोज पुंडीर ने कोई शिकायत नहीं सुनी तो मुख्यालय पर हुए प्रकरण के बाद मौके पर परिवहन निगम की अपर प्रबंध निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग और वित्त नियंत्रक संजय सिंह भी पहुंचे. उनसे आरएमके बर्ताव की शिकायत की है, अपनी भी समस्या बताई है. सीनियर अधिकारियों ने भरोसा दिया है कि शरीर की गंभीर समस्या के चलते हल जरूर निकालेंगे.
महिला कर्मी फैजा फारूकी का यह भी आरोप है कि क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज कुमार पुंडीर समस्या का समाधान करने के बजाय धमकी देते हैं कि नौकरी से बर्खास्त कर देंगे. उनके चहेते कर्मचारी डिपो में तैनात रहते हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. जब डिपो में छापेमारी होती है और वहां पर बस पर ड्यूटी में तैनात कर्मचारी पकड़े जाते हैं तो बहाना बना दिया जाता है कि रास्ते में बस खराब हो गई थी, इसलिए दफ्तर में काम लिया जा रहा है. ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. तमाम कर्मचारियों की सेटिंग के सहारे नौकरी चल रही है.
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की अपर प्रबंध निदेशक अन्नपूर्णा गर्ग का कहना है कि आरएम लखनऊ और महिला कर्मचारी के बीच मेडिकल लीव को लेकर कुछ इश्यू है. इससे संबंधित प्रकरण सामने आया है. इस मामले में आरएम लखनऊ से स्पष्टीकरण तलब किया गया है. सच्चाई सामने आने पर कार्रवाई की जाएगी.
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