लखनऊ: कोरोना वायरस से बचाव के लिए बार-बार हाथों को सैनिटाइज करना सबसे जरूरी है. डॉक्टरों के मुताबिक, एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर से कुछ-कुछ समय के अंतराल पर अपने हाथ को साफ करने से कोरोना वायरस से संक्रमण के खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के आबकारी विभाग और चीनी विभाग ने बड़े पैमाने पर एल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का उत्पादन किया.
आबकारी विभाग के प्रमुख सचिव संजय भूसरेड्डी ने ईटीवी भारत को बताया कि प्रदेश में अब तक 36 लाख लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन किया जा चुका है. जो कि एक रिकॉर्ड है. इसमें से काफी मात्रा में सैनिटाइजर दूसरे राज्यों को भी भेजा गया है.
आबकारी विभाग के प्रमुख सचिव संजय भूसरेड्डी ने बताया कि, प्रदेश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए आवश्यक सैनिटाइजर का उत्पादन युद्धस्तर पर किया जा रहा है. राज्य सरकार के निर्देशानुसार प्रदेश की चीनी मिलों व अन्य ड्रग लाइसेंस धारकों को सैनिटाइजर निर्माण के लिए लाइसेंस उपलब्ध कराए गए. राज्य में इस समय कुल 85 लाइसेंस धारक सैनिटाइजर को बनाने का काम कर रहे हैं.
आबकारी विभाग के प्रमुख सचिव संजय भूसरेड्डी ने बताया कि, अभी तक उत्तर प्रदेश में 36 लाख लीटर सैनिटाइजर का उत्पादन हो चुका है जिसमें करीब 14.50 लाख लीटर हैंड सैनिटाइजर की आपूर्ति देश के अन्य राज्यों को की जा चुकी है. जिसका उपयोग वहां के लोग कोरोना वायरस से बचाव के काम में कर रहे हैं.
किस राज्य को कितने लीटर सैनिटाइजर आपूर्ति की गई
राज्य | कितने ली. सैनिटाइजर की आपूर्ति की गई |
दिल्ली | 2 लाख 46 हजार लीटर |
महाराष्ट्र | 2 लाख 99 हजार लीटर |
हरियाणा | 4 लाख 11 हजार लीटर |
पंजाब | 30 हजार लीटर |
उत्तराखंड | 66 हजार 644 लीटर |
तमिलनाडु | 25 हजार 898 लीटर |
कर्नाटक | 71 हजार 510 लीटर |
मध्य प्रदेश | 18 हजार 916 लीटर |
बिहार | 28 हजार 710 लीटर |
असम | 22 हजार 606 लीटर |
उड़ीसा | 12 हजार 805 लीटर |
पश्चिम बंगाल | 23 हजार 16 लीटर |
राजस्थान | 12 हजार 543 लीटर |
मेघालय | 9 हजार 899 लीटर |
केरल | 2 हजार 545 लीटर |
झारखंड | 13 हजार 751 लीटर |
चंडीगढ़ | 2 हजार 765 लीटर |
छत्तीसगढ़ | 3 हजार 254 लीटर |
गुजरात | 59 हजार 637 लीटर |
जम्मू-कश्मीर | 3 हजार 700 लीटर |
तेलंगाना | 12 हजार 726 लीटर |
दादर-नागर हवेली | 60 हजार लीटर |
नागालैंड | 620 लीटर |