लखनऊ: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए बजट में किसानों के लिए कई योजनाओं का जिक्र किया गया है. किसानों की आय को दोगुना करने के लिए कई योजनाएं चालू करने की बात भी कही गई है. इस बजट में मुख्यतः किसानों को सोलर पंप सिंचाई से वंचित गांव में सिंचाई की व्यवस्था, उड़ान योजना सहित कई अन्य योजनाओं के जरिए लुभाने की कोशिश की गई है.
बजट पर बोले यूपी के किसान, ऊंची दुकान फीके पकवान
किसानों ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि जो सोलर पंप की योजना है उसका लाभ तो किसानों को मिलेगा, लेकिन जो अन्य योजनाएं जैसे उड़ान और रेल योजना है उससे किसानों को विशेष फायदा होने की उम्मीद नहीं है. किसानों ने कहा कि हम सबसे ज्यादा छुट्टा जानवरों से परेशान हैं, सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया. जब किसान की फसल ही नहीं बचेगी तो आय दोगुनी कैसे होगी.
सीता के बजट से खुश नहीं है यूपी की 'गृहलक्ष्मी'
बजट से परिवारों की अपेक्षाओं और उसके असर के बारे में ईटीवी भारत ने बातचीत की. एक परिवार के सदस्यों ने कहा कि आर्थिक व्यवस्था के लिहाज से यह काफी मुश्किल बजट है. शिक्षा प्रणाली में नई नीति लागू होने की बात सामने आई है. इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि आने वाले समय में हमारे शहर में ही कहीं बाहर के स्कूल और कॉलेज खुल सकते हैं. इससे सकारात्मक परिणाम भी दिख सकते हैं. साथ ही कहीं न कहीं इससे रोजगार के नए अवसर भी देखने को मिल सकते हैं.
शिक्षा में एफडीआई, छात्रों को रास न आई
बजट पर लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने प्रतिक्रिया दी. छात्रों ने कहा कि एफडीआई की कोई जरूरत नहीं है. केंद्र सरकार को चाहिए कि जो स्कूल पहले से चल रहे हैं, उन्हें और विकसित किया जाए और तमाम सुविधाएं दी जाएं. एक छात्र ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि शिक्षा क्षेत्र में एफडीआई आने से भारतीय संस्कृति पर हमला होगा. भारतीय संस्कृति खत्म हो जाएगी, जो भी विदेशी स्कूल खोले जाएंगे, वह अपनी संस्कृति को बढ़ाएंगे और भारतीय संस्कृति को पीछे धकेलने का काम करेंगे.
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