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नोबेल पुरस्कार से नवाजे जाने पर अभिजीत बनर्जी ने पत्नी संग कुछ यूं जाहिर की अपनी खुशी

अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो ने नोबेल पुरस्कार जीतने पर अपनी खुशी जाहिर की. इस दौरान उन्होंने कहा कि यह क्षण हमारे लिए अद्भुत है.

नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी
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Published : Oct 15, 2019, 9:34 PM IST

Updated : Oct 16, 2019, 9:56 AM IST

नई दिल्ली/कैम्ब्रिज: मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के दो शोधकर्ता, भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो सहित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के माइकल क्रेमर को अर्थशास्त्र में 2019 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इन तीनों विजेताओं ने एक साथ काम किया है.

अभिजीत बनर्जी ने पत्नी संग कुछ यूं जाहिर की अपनी खुशी.

अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो को यह पुरस्कार उनके शोध के लिए दिया गया है. इस शोध में उन्होंने दुनिया भर में गरीबी से लड़ने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए जैसे मुद्दों पर जोर दिया है. बता दें कि 2009 में एलिनोर ओस्ट्रोम के बाद 46 वर्षीय डुफ्लो पुरस्कार जीतने वाली सबसे कम उम्र की और दूसरी महिला हैं. बनर्जी और डुफ्लो ने एमआईटी में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अपनी खुशी जाहिर की. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए बनर्जी ने कहा कि यह अद्भुत है कि मुझे यह पुरस्कार दिया गया है.

पढ़ें- भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगाती स्थिति में है : अभिजीत बनर्जी

उन्होंने अपने शोध का जिक्र करते हुए कहा कि इससे उन्हें अपने काम में आसानी होगी. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि जो दरवाजे अभी हमारे लिए आधे खुले थे इसके बाद अब वे भी खुल जाएंगे और हमें अपने मकसद को हासिल करने में मदद मिलेगी'. आपको बता दें, तीनों विजेताओं ने आर्थिक क्षेत्र के प्रयोगों को आगे बढ़ाते हुए विकासात्मक अर्थशास्त्र में नई क्रांति पैदा की है, जिससे गरीबों को शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया है.

नई दिल्ली/कैम्ब्रिज: मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के दो शोधकर्ता, भारतीय मूल के अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो सहित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के माइकल क्रेमर को अर्थशास्त्र में 2019 के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. इन तीनों विजेताओं ने एक साथ काम किया है.

अभिजीत बनर्जी ने पत्नी संग कुछ यूं जाहिर की अपनी खुशी.

अभिजीत बनर्जी और उनकी पत्नी एस्थर डुफ्लो को यह पुरस्कार उनके शोध के लिए दिया गया है. इस शोध में उन्होंने दुनिया भर में गरीबी से लड़ने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए जैसे मुद्दों पर जोर दिया है. बता दें कि 2009 में एलिनोर ओस्ट्रोम के बाद 46 वर्षीय डुफ्लो पुरस्कार जीतने वाली सबसे कम उम्र की और दूसरी महिला हैं. बनर्जी और डुफ्लो ने एमआईटी में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अपनी खुशी जाहिर की. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए बनर्जी ने कहा कि यह अद्भुत है कि मुझे यह पुरस्कार दिया गया है.

पढ़ें- भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगाती स्थिति में है : अभिजीत बनर्जी

उन्होंने अपने शोध का जिक्र करते हुए कहा कि इससे उन्हें अपने काम में आसानी होगी. उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि जो दरवाजे अभी हमारे लिए आधे खुले थे इसके बाद अब वे भी खुल जाएंगे और हमें अपने मकसद को हासिल करने में मदद मिलेगी'. आपको बता दें, तीनों विजेताओं ने आर्थिक क्षेत्र के प्रयोगों को आगे बढ़ाते हुए विकासात्मक अर्थशास्त्र में नई क्रांति पैदा की है, जिससे गरीबों को शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया है.

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Last Updated : Oct 16, 2019, 9:56 AM IST
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